क्या आप जानते हैं कि आजादी से पहले अंग्रेज सरकार ने महात्मा गांधी के खिलाफ आईपीसी की धारा 124-ए के…
ब्रिटिश पुलिस से कश्मीर में भारतीय अधिकारियों की भूमिका की जांच की मांग
लंदन। लंदन की एक कानूनी फर्म ने मंगलवार को ब्रिटिश पुलिस के सामने एक आवेदन दायर कर भारत के सेना…
पुस्तक समीक्षा: सर सैयद को समझने की नई दृष्टि देती है ‘सर सैयद अहमद खान: रीजन, रिलीजन एंड नेशन’
19वीं सदी के सुधारकों में, सर सैयद अहमद खान (1817-1898) कई कारणों से असाधारण हैं। फिर भी, अब तक, अंग्रेजी…
अंग्रेजों ने इतिहास लेखन के जरिए भारत में बोया सांप्रदायिकता का बीज
(आज, हमारे आस-पास, नफरत का जो माहौल है, उसकी एक वजह, घृणित इतिहास लेखन भी है। और इसकी शुरुआत औपनिवेशिक…
जन्मदिन पर विशेष: ‘सरदार ऊधम’ फिल्म के बहाने शहीद ऊधम सिंह की शख्सियत पर एक नज़र
13 अप्रैल, 1919, बैसाखी के दिन अमृतसर के जलियांवाला बाग में रौलेट एक्ट के विरोध में सभा कर रहे विशाल…
जयंती पर विशेष: देश को मोदी जैसा किसान विरोधी नहीं, चरण सिंह जैसा किसानों का हमदर्द प्रधानमंत्री चाहिए!
पिछले दिनों इस देश के अन्नदाताओं को दिल्ली के वर्तमान क्रूर, असहिष्णु , बदमिजाज, अमानवीय, फॉसिस्ट, तानाशाही प्रवृत्ति के निजाम…
काकोरी के शहीद बताते हैं कि भीख नहीं कुर्बानियों से मिली है आजादी
‘कस ली है कमर अब तो,कुछ करके दिखाएंगे, आजाद ही हो लेंगे, या सर ही कटा लेंगे…’ ( काकोरी केस…
आजादी की लड़ाई में वंचितों की बहादुरी की कहानी बयां करता ऊदा देवी पासी का बलिदान
19 वीं सदी का आधा समय बीत जाने पर जब भारत गुलामी की बेड़ियों की जकड़न से उबरने के लिए…
पैंडोरा पेपर्स में रेमंड के चेयरमैन की ब्रिटिश वर्जिन आइलैंड्स में दो कंपनियां
पैंडोरा पेपर्स के खुलासे पर द इंडियन एक्सप्रेस लगातार खोजी रिपोर्ट प्रकाशित कर रहा है। इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी 14वीं…
माफीनामों के वीर हैं सावरकर
सावरकर सन् 1911 से लेकर सन् 1923 तक अंग्रेज़ों से माफी मांगते रहे, उन्होंने छः माफीनामे लिखे और सन् 1923…