क्यों गांधी के प्रति आंबेडकर आक्रोश से भरे हुए हैं, जबकि नेहरू के प्रति एक सद्भावना है
गांधी की मौत (1948) के करीब सात साल बाद डॉ. आंबेडकर बीबीसी को एक इंटरव्यू ( 26 फरवरी 1955) देते हैं, जिसमें वे गांधी के [more…]
गांधी की मौत (1948) के करीब सात साल बाद डॉ. आंबेडकर बीबीसी को एक इंटरव्यू ( 26 फरवरी 1955) देते हैं, जिसमें वे गांधी के [more…]
इतिहासकार गेल ओमवेट ने लिखा है कि “आंबेडकर का बुनियादी संघर्ष एक अलग स्वतंत्रता का संघर्ष था। यह संघर्ष भारत के सर्वाधिक संतप्त वर्ग की [more…]
गत 4 अप्रैल, 2024 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने 2024 के आम चुनाव के लिए अपना घोषणापत्र जारी किया। पार्टी ने इसे ‘न्याय पत्र’ का नाम [more…]
पहली बात कि भगत सिंह का मानना था कि ब्रिटिश साम्राज्य भारत के बहुसंख्यक लोगों के हितों के खिलाफ है। ध्यान रहे बहुसंख्यक न कि [more…]
नई दिल्ली। बंगलुरू में आयोजित एक कार्यक्रम में हिस्सा लेने आयी कश्मीरी मूल की एक ब्रिटिश नागरिक को बंगलुरू हवाई अड्डे से ही वापस भेज [more…]
भारत को आजादी हासिल होने से पहले ब्रिटेन की कंजरवेटिव पार्टी के नेता और प्रधानमंत्री रहे विंस्टन चर्चिल का मानना था कि भारतीयों में शासन [more…]
5 अप्रैल 1930 को, गांधी और उनके सत्याग्रही सहयात्री, दांडी गांव पहुंच गए थे। दांडी में, उनका स्वागत करने के लिए, सरोजिनी नायडू, वहां पहले [more…]
गांधी अब दांडी के बहुत नजदीक आ गए थे। सागर तट करीब आता जा रहा था। 1 अप्रैल को, गांधी प्राचीन व्यापारिक शहर सूरत में [more…]
ऐसा नहीं था कि, गांधी की दांडी यात्रा का असर, जनता पर, पहली बार पड़ रहा था। भारत का आम जनमानस, गांधी के चंपारण सत्याग्रह [more…]
जैसे-जैसे दांडी यात्रा के प्रारंभ होने का दिन नजदीक आता गया, लॉर्ड इरविन नमक सत्याग्रह को लेकर, अभी भी इसी मत के थे कि, यह [more…]