Sunday, June 11, 2023

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गांधी की दांडी यात्रा-12: गांधी के नमक कानून तोड़ने के साथ ही बौखला गयी ब्रिटिश सत्ता

5 अप्रैल 1930 को, गांधी और उनके सत्याग्रही सहयात्री, दांडी गांव पहुंच गए थे। दांडी में, उनका स्वागत करने के लिए, सरोजिनी नायडू, वहां पहले ही, पहुंच चुकी थीं। सरोजिनी नायडू (13 फरवरी 1879 - 2 मार्च 1949) का...

गांधी की दांडी यात्रा-11: दांडी पहुंचे गांधी

गांधी अब दांडी के बहुत नजदीक आ गए थे। सागर तट करीब आता जा रहा था। 1 अप्रैल को, गांधी प्राचीन व्यापारिक शहर सूरत में प्रवेश कर गए थे। सूरत भारत का एक व्यापारिक शहर है। ईस्ट इंडिया कंपनी...

गांधी की दांडी यात्रा-9: देशव्यापी आंदोलन के लिये कांग्रेस की तैयारी

ऐसा नहीं था कि, गांधी की दांडी यात्रा का असर, जनता पर, पहली बार पड़ रहा था। भारत का आम जनमानस, गांधी के चंपारण सत्याग्रह से ही, उनके साथ जुड़ने लगा था और फिर तो जनता और गांधी जी...

गांधी की दांडी यात्रा-8: गांधी की गिरफ्तारी और ब्रिटिश सरकार का द्वंद्व 

जैसे-जैसे दांडी यात्रा के प्रारंभ होने का दिन नजदीक आता गया, लॉर्ड इरविन नमक सत्याग्रह को लेकर, अभी भी इसी मत के थे कि, यह सत्याग्रह, देर सबेर विफल हो जाएगा और, नमक जैसी साधारण सी वस्तु पर, लगाया...

गांधी की दांडी यात्रा-3: यात्रा की एक रात पहले

वाइसरॉय और उनका पूरा सूचना तंत्र, इस बात पर निश्चिंत था कि, नमक कर के विरुद्ध होने वाला गांधी जी का सविनय अवज्ञा आंदोलन, असहयोग आंदोलन की तरह न तो व्यापक होगा और न ही, उससे ब्रिटिश सरकार को...

आज निकलेंगे राहुल गांधी भारत जोड़ने की यात्रा पर

कांग्रेस नेता राहुल गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा की शुरुआत कल आज कन्याकुमारी से हो रही है। राहुल गांधी की इस यात्रा को महात्मा गांधी की परंपरा से जोड़कर देखा जा रहा है। जब गांधी...

हूल दिवस पर विशेष: आदिवासियों को बदहाली से निजात दिलाने के लिए एक और हूल व उलगुलान की जरूरत

झारखंड के आदिवासियों का अंग्रेजी हुकूमत के खिलाफ बगावत का लंबा इतिहास है। इतना ही नहीं आजादी के बाद भी झारखंड अलग राज्य को लेकर लंबे संघर्ष से जो राज्य हासिल हुआ है उसमें कुछ चतुर चालाक लोगों को छोड़...

जयंती पर विशेष: ब्रिटिश सत्ता के लिए खौफ बन गए थे राम प्रसाद बिस्मिल

देश इस साल आज़ादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर कई बड़े आयोजन हो रहे हैं, जिनमें देश की आज़ादी के लिए मर मिटने वालों को याद किया जा रहा है। आज़ादी, हमें...

आखिर क्या है राजद्रोह कानून की धारा 124A का इतिहास?

सुप्रीम कोर्ट द्वारा राजद्रोह यानी सेडिशन धारा 124A आईपीसी के संबंध में दिनांक 11 मई 2022 को दिया गया फैसला देश के न्यायिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण फैसला है। सुप्रीम कोर्ट ने 11 मई को, इस कानून के संबंध में,...

पेशावर काण्ड के बहादुर गढ़वालियों का कोई नामलेवा नहीं

विश्व में शायद ही कोई ऐसा सैन्य विद्रोह हुआ हो जिसमें विद्रोही सैनिकों द्वारा हथियार उठाने के बजाय हथियार गिरा दिये गए हों। ऐसी मिसाल गढ़वाली सैनिकों ने पेशावर में 23 अप्रैल 1930 को पेश की थी। यही नहीं...

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योगेंद्र यादव के अनुरोध पर एनसीईआरटी ने पाठ्य पुस्तकों से उनका नाम हटाया

नई दिल्ली। एनसीईआरटी ने योगेन्द्र यादव के अनुरोध को स्वीकरते हुए राजनीति विज्ञान की पाठ्य पुस्तकों से उनका नाम...