Tag: capitalism
सीवर मजदूरों की मौतों का सिलसिला आखिर रुकेगा कैसे?
कार्ल मार्क्स कह कर चले गए कि ‘दुनिया के मजदूरों एक हो जाओ।’ बात अच्छी थी। पर भारत के संदर्भ में एक बात अलग भी थी कि [more…]
प्रो. प्रभात पटनायक का लेख: पूंजीवाद द्वारा उत्पन्न अमानवीयता
चर्चित मार्क्सवादी दार्शनिक जॉर्ज लुकाच ने एक बार कहा था, “सबसे खराब समाजवाद भी सबसे अच्छे पूंजीवाद से बेहतर है।” 1969 में की गई और [more…]
पूंजीवाद के युद्ध और साम्राज्यवादी साजिशों का खेल
हाल ही में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की और अमेरिकी उप राष्ट्रपति जेडी वेंस के बीच जो संवाद हुआ, वह सिर्फ दो नेताओं की बहस [more…]
अमेरिका की असलियत हैं ट्रम्प
अब अमेरिका अपने असली रूप में आ गया है। यही उसकी असलियत है जो ट्रम्प के रूप में सामने आ रही है। अभी तक वह [more…]
AI युग में श्रम और मूल्य सृजन का अलगाव : क्या यह पूंजीवाद का अंत है?
श्रम और मूल्य सृजन के बीच का संबंध इतिहास भर में आर्थिक प्रणालियों की आधारशिला रहा है। पूंजीवाद में, यह संबंध इसके संचालन के लिए [more…]
पूंजीवाद : एक अस्थिर और अन्यायपूर्ण व्यवस्था
पूंजीवाद (Capitalism) को अक्सर एक ऐसी आर्थिक व्यवस्था के रूप में परिभाषित किया जाता है जिसमें उत्पादन के साधन-जैसे फैक्ट्रियां, ज़मीन और मशीनें-निजी स्वामित्व में [more…]
पूंजीवाद अक्सर समस्याओं का अल्पकालिक समाधान प्रदान करता है
पूंजीवाद (Capitalism) ने पिछले कुछ दशकों में विश्वभर में अपनी शक्ति और प्रभाव स्थापित किया है, लेकिन यह भी सच है कि इसके साथ कई [more…]
रोजगार की बहस और अहम सवाल
क्या पूंजीवादी अर्थव्यवस्था के भीतर सभी लोगों को रोजगार मुहैया कराना संभव है? आज भारत में जो हालात हैं, उनके बीच रोजगार के अधिकतम अवसर [more…]
पेंशन व्यवस्था का पतन और पूंजीवादी क्रूरता: काम के बाद जिंदा रहना भी महंगा
पूंजीवादी व्यवस्था की बुनियादी संरचना मुनाफे पर आधारित होती है और इसका हर पहलू मानव जीवन को मुनाफे के संदर्भ में ही मापता है। जब [more…]
स्कूल एक बुनियादी राजनैतिक चेतना जगाने का संस्थान: मंजुल भारद्वाज
स्कूल एक बुनियादी संस्थान है जहां आने वाली पीढ़ी को इतिहास,वर्तमान और आने वाली चुनौतियों से रूबरू कराया जाना अनिवार्य है। घटना क्रम के सभी [more…]