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ट्रंप की धमकियों के बावजूद साहिब का मुस्कराना गजब ढा गया!
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और मोदी की यारी जगजाहिर रही है। मोदी को भी यह उम्मीद थी उनके मिलने के बाद फिर भाईचारा कायम हो जाएगा। [more…]
कोरोना काल से अबतक पूंजीवादी अन्तर्द्वन्द और श्रमशक्ति के शोषण के हथकंडे
कोरोना काल में भारत में पूंजीवाद और उसकी संरक्षक सत्ता का वीभत्स रूप देखा गया था जब श्रम पूंजी के सापेक्ष उभय पक्ष हो गया [more…]
पेंशन व्यवस्था का पतन और पूंजीवादी क्रूरता: काम के बाद जिंदा रहना भी महंगा
पूंजीवादी व्यवस्था की बुनियादी संरचना मुनाफे पर आधारित होती है और इसका हर पहलू मानव जीवन को मुनाफे के संदर्भ में ही मापता है। जब [more…]
डॉ. आंबेडकर का स्वतंत्रता संग्राम साम्राज्यवाद, ब्राह्मणवाद और पूंजीवाद तीनों के खिलाफ था
इतिहासकार गेल ओमवेट ने लिखा है कि “आंबेडकर का बुनियादी संघर्ष एक अलग स्वतंत्रता का संघर्ष था। यह संघर्ष भारत के सर्वाधिक संतप्त वर्ग की [more…]
मोदी सरकार, क्रोनिज्म और कांग्रेस
नरेंद्र मोदी सरकार अपना दूसरा कार्यकाल पूरा करने जा रही है। इस बीच उसने भारतीय लोकतंत्र की संवैधानिक संस्थाओं को पंगु बनाने की भरसक कोशिश [more…]
महज एक आइसबर्ग है रूस-यूक्रेन युद्ध
दुनिया आज जिस रूस-यूक्रेन युद्ध को दम साधे देख रही है, वह एक आइसबर्ग की तरह है। जिसका एक छोटा-सा हिस्सा दिखाई दे रहा है [more…]
समसामयिक संदर्भ में भगत सिंह
भगत सिंह को भारत के सभी विचारों वाले लोग बहुत श्रद्धा और सम्मान से याद करते हैं। वे उन्हें देश पर कुर्बान होने वाले एक [more…]
आजादी के आंदोलन की सभी उपलब्धियों को पलटा जा रहा है: शैली स्मृति व्याख्यान में विक्रम सिंह
भोपाल।“मौजूदा निज़ाम अपनी नीतियों से सिर्फ आवाम की मुश्किलें ही नहीं बढ़ा रहा है, वह स्वतंत्रता आंदोलन की ढांचागत, राजनैतिक और वैचारिक हर तरह की [more…]
लाल झंडे ने दी है किसान आंदोलन को स्थिरता
वामपंथियों को आँख मूँदकर गाली देने वाले आजकल के कथित सत्ता के चाटुकार पत्रकारों, लेखकों, सम्पादकों, भाँड़ मीडिया के एंकरों और कथित साहित्यकारों को भारत [more…]
मोदी जी! प्रधानमंत्री चंद पूंजीपतियों का नहीं, पूरी जनता का होता है हितरक्षक
कितने दुःख, अफसोस और हतप्रभ करने वाली बात है कि वर्तमान समय में भारत का सत्तारूढ़ प्रधानमंत्री 2014 के चुनाव से पूर्व अपनी लगभग हर [more…]