Thursday, April 25, 2024

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सेपियन्स : सितमगर को मसीहा बताने की हरारी की मक्कारी

युवाल नोह हरारी की बहु-प्रचारित किताब `सेपियंस` पढ़कर एक टिप्पणी।  “मध्य युग के कुलीन सोने और रेशम के रंग-बिरंगे लबादे पहनते थे और अपना ज़्यादातर समय दावतों, जश्नों और भव्य टूर्नामेंटों में बिताया करते थे। उनकी तुलना में आधुनिक युग...

आखिर हाशिये पर क्यों पहुंच गयी किसान राजनीति?

भारतीय राजनीति का दौर पूंजीवाद के आगमन के साथ बदल चुका है। सदियों से चले आ रहे सामाजिक अन्याय व अत्याचार को तो ढोया जा रहा है, मगर पूंजीवाद तले सामाजिक न्याय की लड़ाई भटक चुकी है। भारत जैसे देश...

बरसी पर विशेष: साल पूरा होते-होते टूटने लगा मोदी का मायाजाल

रेलवे प्लेटफार्म पर मृत मां को जगाने की कोशिश कर रहे बच्चे की तस्वीर ने नए भारत के चेहरे से नकाब हटा दिया है। प्लेटफार्म पर गाड़ी खड़ी है, महिला के असहाय परिवार वाले हैं और तमाशबीन भी, लेकिन...

2019-20 भारी निराशा, आपराधिक कुप्रबंधन और असीम पीड़ा का साल: कांग्रेस

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के छह साल पूरे होने के मौके पर कल प्रेस कांफ्रेंस करके उस पर जमकर हमला बोला। बेबस लोग, बेबस सरकार का नारा देकर उसने छह साल छह भ्रांतियों के हवाले से सरकार...

निजी कम्पनियों पर तीन वर्षों के लिए मुनाफा कमाने पर रोक क्यों नहीं?

भारत की एक तेजी से विकास करते राष्ट्र की जो भी तस्वीर गढ़ी गई थी, राजीव गांधी द्वारा भारत को 21वीं सदी में ले जाने की बात, अटल बिहारी वाजपेयी के चमकते भारत की कल्पना, डाॅ. एपीजे अब्दुल कलाम...

एक खतरनाक संकेत है श्रम कानूनों का निलंबन

श्रम कानूनों के निलंबन का निर्णय जो कुछ सरकारों द्वारा किया गया है जिसमें यूपी, एमपी और गुजरात है, एक टेस्टिंग निर्णय है। यह सरकार द्वारा पूंजीपतियों के पक्ष में किया गया एक फैसला है, जिसका आधार यह दिया...

मजदूरों की मौत से आत्मनिर्भरता आएगी?

किसी ने ठीक ही कहा है कि कोरोना महामारी में नया कुछ नहीं हो रहा है। बल्कि जो चीजें हो रही थीं उनकी गति तेज हो गई है। इसे हम श्रम कानूनों के साथ भी घटित होता देख सकते...

कोरोना आपदा के बाद की आर्थिक चुनौतियां

14 अप्रैल, देशव्यापी लॉक डाउन के इक्कीस दिनों की बंदी का अंतिम दिन होता अगर यह लॉक डाउन 30 अप्रैल तक नहीं बढ़ा दिया गया होता तो। लेकिन सरकार ने इस लॉक डाउन की अवधि को 30 अप्रैल तक...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...