जाति-वर्णव्यवस्था पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का गहरा विश्वास
क्या जातिव्यवस्था भारतीय समाज के लिए एक वरदान है? आरएसएस के मुख्यपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। यह [more…]
क्या जातिव्यवस्था भारतीय समाज के लिए एक वरदान है? आरएसएस के मुख्यपत्र पांचजन्य में छपे एक लेख से तो ऐसा ही प्रतीत होता है। यह [more…]
हिन्दू धर्म का कोई पैगम्बर नहीं है और ना ही उसकी कोई एक किताब है। यहां तक कि ‘हिन्दू’ शब्द का इस्तेमाल हिन्दू धर्मग्रंथों में [more…]
किसी ने सही कहा है कि इंसान जन्म के साथ कुछ लेकर नहीं आता। कपड़े तक नहीं। लेकिन पैदा होते ही उसे जाति, धर्म, देश, [more…]
‘गीता प्रेस की स्थापना 1923 में कोलकाता के एक मारवाड़ी सेठ जयदयाल गोयन्दका ने की थी। 2023 में उसके सौ पूरे होने पर’ नरेन्द्र मोदी [more…]
सर्वोच्च न्यायालय द्वारा पूछा जाना कि यह आरक्षण कितनी पीढियों तक चलेगा, चर्चा और बहुजन समाज के लिए चिंता का विषय बन गया है। आइए [more…]