Monday, September 25, 2023

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भीड़ का कोई धर्म नहीं होता, न ही होती है कोई जाति और नस्ल

मार्टिन नीम्वैलर (1892-1984) ने जर्मनी में नाज़ी शासन के अंतिम 7 साल यातना शिविरों में बिताए, वे पेशे से प्रोटेस्टेंट पादरी थे तथा प्रथम विश्वयुद्ध में जर्मन नेवी में रह चुके थे। उनकी सुविदित पंक्तियां : पहले उन्होंने समाजवादियों को...

संघ की टेक्निक को जाने बग़ैर नहीं समझी जा सकती है उसकी राजनीति

संघ का हमेशा से एक गूढ़ उद्देश्य रहा है कि उसको कथित ऊंची जातियों की, उसमें भी ऊंची जातियों के सक्षम पूंजीपतियों की सत्ता स्थापित करनी थी, जिसके लिए "हिन्दू धर्म" का चोंगा ही अंतिम विकल्प था। चूंकि लोकतंत्र...

जन्मदिन पर विशेष: हिंदुओं के धर्म, ईश्वर और जाति का विनाश क्यों चाहते थे राहुल सांकृत्यायन?

राहुल सांकृत्यायन (9 अप्रैल 1893-14 अप्रैल 1963) बचपन का नाम केदारनाथ पाण्डेय, वैरागी साधु बनने पर नाम पड़ा राम उदार दास और बौद्ध धम्मानुयायी बनने पर नाम हो गया राहुल सांकृत्यायन। यह नाम परिवर्तन उनकी वैचारिक यात्रा को दर्शाता...

हर तरीक़े से संदिग्ध हो गया है भारत के मध्य और उच्च वर्ग का चरित्र

भारत का मध्य और उच्च वर्ग ख़ास तौर पर उच्च जातियों का वर्ग 'करुणा' शब्द और उसके अर्थ अभिप्राय का शोषण करने में माहिर है। इस वर्ग की मन-वचन और कर्म की संगति पूरी तरह नष्ट हो चुकी है।...

पीएम मोदी के चुनावी क्षेत्र में घास की रोटी खा रहे हैं लोग

वाराणसी। कुछ गज जमीन, जर्जर मकान, सुतही-घोंघा और चूहा पकड़कर जीवन की नैया खेते-खेते थक हार चुके मुसहर समुदाय को अब कोरोना डस रहा है। बनारस की कोइरीपुर मुसहर बस्ती में लाक डॉउन के चलते यह बीमारी कहर बरपा...

संघ के रामराज्य का मतलब धर्म, सत्ता और संपत्ति पर ब्राह्मणों का कब्जा!

दिल्ली चुनाव से ठीक पहले संसद के भीतर राम मंदिर के लिए न्यास और उसके सदस्यों की घोषणा कर पीएम मोदी ने आखिरी तौर पर राजनीतिक लाभ हासिल करने की कोशिश की। चुनाव को सांप्रदायिक रंग में रंग देने...

गुजरे दौर की जुल्म और गल्तियों के लिए माफी मांगने की जगह उसे दोहराने में लगा है देश

25 सितम्बर की सुबह शिवपुरी में दो मासूम बच्चों की ह्त्या जितनी विचलित और स्तब्ध करने वाली थी उससे कहीं ज्यादा भयावह थी। वह खबर जिसे ज्यादातर समाचार पत्रों ने लिया ही नहीं, जिस एक अखबार ने लिया उसने भी खबर के...

अजित जोगी हैं सतनामी फायदा ले रहे थे आदिवासी का

आईएएस की नौकरी छोड़कर राजनीति में आए अजित जोगी की जाति को लेकर शुरू से ही गहरा विवाद रहा है। आरोप है कि वह अनुसूचित जाति के तहत आने वाले सतनामी जाति से आते हैं। जबकि ईसाई धर्म अपना चुके अजित...

भारत में आधुनिक मानसिकता के निर्माण के लिए ब्राह्मणवादी पितृसत्ता को तोड़ना जरूरी क्यों है?

भले ही भौतिक साधनों और तकनीकी प्रगति के मामले में भारत एक आधुनिक देश दिखता हो, लेकिन मानसिक तौर पर अधिकांश भारतीय आज भी मध्यकालीन मानसिकता में जीते हैं। इसे उत्तर प्रदेश और गुजरात की हाल के अन्तर्जातीय विवाहों...

खतरे में नौनिहालों का भविष्य और जान

नई दिल्ली। भाईचारे की मिसाल के रूप में प्रसिद्ध हमारे देश में जाति और धर्म के नाम पर मारपीट और हत्याएं होना अब आम बात हो गई है। लंबे समय से चली आ रही इन वारदातों में पिछले सालों में लगातार वृद्धि...

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निज्जर विवादः भारत की मुश्किल, अमेरिका की मुसीबत

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के 18 सितंबर को भारत पर गंभीर आरोप लगाने के बाद इस प्रकरण में...