आतंकवाद का अमानवीय चेहरा और युद्ध की चीख-पुकार – पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों के कायराना हमले में 26…
सरकार की लाचारी बनाम मोदी का उद्घोष
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर दो टूक पैगाम दिया कि पूंजीपतियों से उनकी सरकार की निकटता के आलोचकों…
बजट 2024: सत्ताधारी वर्ग की वित्तीय व्यवस्था और जनता के साथ खिलवाड़
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में वर्ष 2024-2025 के लिए अपने बजट भाषण में कहा कि देश की टॉप…
बीजेपी को चुनावी बॉन्ड देकर लाभ कमाने वाली कंपनियों की कलई खुलना तय
यह बड़ा ही विचित्र देश है। इस देश में सांस्कृतिक विविधता तो है ही ठगी, लूट ,बेईमानी और अंधभक्ति की…
हे राजनीति के पुरुषोत्तम गद्दी बचा रहे हैं या रद्दी बचा रहे हैं!
नीतीश कुमार भारतीय जनता पार्टी के साथ अ-सहज हो गये थे। उन्होंने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) का साथ छोड़कर बिहार…
कॉर्पोरेट घरानों को फायदा पहुंचाने के लिए आदिवासियों को जंगल से खदेड़ा जा रहा: जेम्स हेरेंज
रांची। 27 अक्टूबर को लातेहार जिले से जल, जंगल व जमीन की रक्षा की शपथ लेकर ‘झारखंड ग्राम सभा जागरूकता…
मेहनत की लूट को बढ़ाने के लिए बेचैन कॉर्पोरेट
पिछले दिनों इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायणमूर्ति ने भारत के श्रमिकों को एक विवादास्पद सलाह दिया। उनका कहना था कि…
आम जनता नहीं, कॉरपोरेट के हित में बैंकों में किए जा रहे हैं बदलाव
इंदौर। बैंकों का राष्ट्रीयकरण 54 वर्ष पूर्व 19 जुलाई 1969 को हुआ था। तब से अब तक बैंकों की कार्यप्रणाली…
कार्पोरेट्स के लाखों करोड़ की कर्जा माफ़ी क्या रेवड़ियां नहीं हैं मी लार्ड!
उच्चतम न्यायालय ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि फ्रीबीज या रेवड़ियां क्या हैं, मुफ्तखोरी की परिभाषा क्या है? सुप्रीम कोर्ट…
विजय के बाद भी किसानों के सामने खड़ा है चुनौतियों का पहाड़
हाल ही में 18 नवंबर को जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय परिसर में सुरख लीह के संपादक और बीकेयू (उगराहन) के समन्वयक…