सुपरबिलियनेयर्स: पूँजीवाद की पराकाष्ठा या पतन की प्रस्तावना?
धन का संकेन्द्रण और समाज में आर्थिक असमानता कोई नई घटना नहीं है, बल्कि यह इतिहास में विभिन्न रूपों में प्रकट होती रही है। संपत्ति [more…]
धन का संकेन्द्रण और समाज में आर्थिक असमानता कोई नई घटना नहीं है, बल्कि यह इतिहास में विभिन्न रूपों में प्रकट होती रही है। संपत्ति [more…]
नई दिल्ली। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) भारत में लागू एक रोजगार गारंटी योजना है, जिसकी शुरूआत 2 अक्टूबर 2009 को की [more…]
पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ का एक ट्वीट चर्चा में है जिसमें वे नरेंद्र मोदी के लिये कह रहे हैं कि, “यह कोहिनूर हीरा भारत को 500 वर्षों [more…]
दिल्ली सरकार का सामाजिक-आर्थिक सर्वेक्षण, 2018-2019 जारी हुआ है। सर्वे के अनुसार इस शहर में 20.05 लाख परिवार हैं। 42.6 प्रतिशत परिवार 10 हजार रूपये [more…]
हया यकलख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता! परेशान न हों, आप को ग़ज़ल सुनाने का मन नहीं है। सिर्फ़ यह कहना है कि कुछ चीज़ें [more…]
देश की अर्थव्यवस्था में हो रही गिरावट को समझने के लिए अर्थ सूचकांकों के अध्ययन करने की बहुत आवश्यकता नहीं है। बाजार और इंडस्ट्रियल एरिया [more…]
मोदी के आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति सुब्रह्मण्यन को जीडीपी में वृद्धि की -23.9 प्रतिशत दर में भी विक्ट्री का V चिन्ह दिखाई दे रहा है ! [more…]