वित्त सचिव सुभाष गर्ग को केंद्र में रख कर शुरू हुए विवादों का जो चारों
ओर से भारी शोर सुनाई दे रहा है, वह इतना बताने के लिये काफी है कि भारत की अर्थ-व्यवस्था और वित्त-प्रबंधन
के केंद्रों पर अब पूरी...
मयस्सर नहीं उसे दो
कौर निवाले, गर्मी हो बरसात हो या पड़े पाले
वो छांव ढूंढता है,वो ठांव ढूंढता।
कैसे कहूं की देश आजाद है मेरा, गरीबी ने उसके पांवों में डाल दिये ताले।।
ये चार लाइन की
पंक्तियां मेरे मन के उदगार हैं...