फिल्म श्रमजीवीः मजदूरों की जिंदगी का दर्द भरा दस्तावेज

यह सिलाई मशीन चलने की आवाज़ है। लगता है कि इसमें रेल की आवाज़ की अनुगूंज घुली हुई है। फ़िल्म…

सबा दीवान और राहुल रॉय की फिल्मों का आज से ऑनलाइन समारोह

नई दिल्ली। फिल्म निर्माताओं के एक समूह और पांच फिल्म कलेक्टिव ने मिलकर फिल्म निर्माताओं सबा दीवान और और राहुल…

गुरु गंभीर भाषा के दंश का शिकार ‘गंभीर आदमी’ !

कल मनु जोसेफ के पहले उपन्यास पर आधारित सुधीर मिश्रा की फिल्म, भारत सरकार के एक वैज्ञानिक आचार्या के अनुसूचित…

दिनेश ठाकुर, थियेटर जिनकी सांसों में बसता था

हिंदी रंगमंच में दिनेश ठाकुर की पहचान शीर्षस्थ रंगकर्मी, अभिनेता और नाट्य ग्रुप ‘अंक’ के संस्थापक, निर्देशक के तौर पर…

जयंती पर विशेष: खुमार बाराबंकवी, जिनकी शायरी का खुमार आज भी दिल से उतारे नहीं उतरता

खुमार बाराबंकवी का शुमार मुल्क के उन आलातरीन शायरों में होता है, जिनकी शानदार शायरी का खुमार एक लंबे अरसे…

निरंकुश मर्दानगी का वीभत्स रूप पेश कर रही हैं कंगना

कंगना राणावत के सन्दर्भ में महिला होने की दुहाई हास्यास्पद है। वे निरंकुश मर्दानगी का वीभत्स रूप प्रस्तुत कर रही…

जन्मदिन विशेषः हबीब तनवीर ने कह दिया था सामाजिक-राजनीतिक उद्देश्यों के लिए फिल्मों को अलविदा

आधुनिक रंगमंच में हबीब तनवीर की पहचान लोक को पुनर्प्रतिष्ठित करने वाले महान रंगकर्मी की है। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर…

जयंती पर विशेष: राही का मानना था- देश के राजनीतिक-आर्थिक ढांचे में बसता है सांप्रदायिकता का भूत

‘‘मेरा नाम मुसलमानों जैसा है/मुझे कत्ल करो और मेरे घर में आग लगा दो/लेकिन मेरी रग-रग में गंगा का पानी…

पुण्यतिथिः शिवसेना की धमकी के आगे नहीं झुके एके हंगल, फिल्में रोक दी गईं तो करने लगे थे टेलरिंग

एके हंगल के नाम का जैसे ही तसव्वुर करो, तुरंत हमारी आंखों के सामने एक ऐसी शख्सियत आ जाती है…

शकील बदायूंनी की जयंती पर विशेष: ’‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा…’’

‘‘मैं ‘शकील’ दिल का हूं तर्जुमा, कि मुहब्बतों का हूं राज़दां/मुझे फ़क्र है मेरी शायरी, मेरी जिंदगी से जुदा नहीं’’…