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राजनीति

नेहा राठौर और माद्री काकोटी पर हुई एफ़आईआर के विरोध में सिविल सोसाइटी ने पुलिस आयुक्त को सौंपा ज्ञापन

लखनऊ। पहलगाम आतंकी हमले से सम्बंधित ट्वीट्स को लेकर लोकगायिका नेहा राठौर और लखनऊ विश्वविद्यालय की शिक्षिका माद्री काकोटी पर की गई एफ़आईआर के विषय [more…]

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राजनीति

बावनी इमली शहीद स्मारक, जहां दी गयी थी 52 क्रांतिकारियों को फांसी

हमारे देश को अंग्रेजों की दासता से मुक्त कराने के लिए अनगिनत क्रांतिकारियों ने अपनी जान देश के नाम कुर्बान की थी। इन शहीदों की [more…]

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राजनीति

संविधान सभा में कांग्रेस के संपूर्ण वर्चस्व के बावजूद डॉ. अम्बेडकर संविधान ड्राफ्टिंग कमेटी के चेयरमैन कैसे बने? 

भारत की संविधान सभा का जिस समय गठन हो रहा था, राजनीतिक स्तर पर कांग्रेस का भारतीय समाज और राजनीति में संपूर्ण वर्चस्व था। लेकिन [more…]

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संस्कृति-समाज

भगत सिंह की फांसी और ग़द्दारों की कहानी

अंग्रेजी राज में एक ऐसे जज भी हुए जिन्होंने भगत सिंह को फांसी की सजा दिलाना कबूल नहीं किया और निर्णय सुनाने से पहले अपने [more…]

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बीच बहस

मोदी जी, अगर देश का सम्मान बचा नहीं सकते तो इस्तीफा क्यों नहीं दे देते?

एक देश कैसे मरता है, अमृतसर में उतरने वाले अमेरिकी सैन्य विमान और उनमें हथकड़ियों और बेड़ियों से बंधे बैठे भारतीय नागरिक उसकी खुली निशानी [more…]

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बीच बहस

राम मंदिर पर मोहन भागवत के बयान के मायने

मोहन भागवत जी, आपके लिए रामंदिर प्राण प्रतिष्ठा दिवस (22 जनवरी) सच्ची स्वतंत्रता का दिवस होगा, हमारे लिए यह ब्राह्मणवाद के विजय, धर्मनिपेक्षता के अंत [more…]

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राजनीति

भागवत उवाच: राजनैतिक स्वतंत्रता बनाम सच्ची प्राण-प्रतिष्ठा स्वतंत्रता!

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के छठे सरसंघ चालक मोहन भागवत के उवाच में भारत को वास्तविक स्वतंत्रता अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के [more…]

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बीच बहस

क्यों है मानवाधिकार आंदोलन को जन आंदोलन बनाने की ज़रूरत ?

10 दिसम्बर 1948 को‌ संयुक्त राष्ट्र संघ ने 30 सूत्री सार्वभौम मानवाधिकार चार्टर घोषित किया था। इस वर्ष इस घोषणा के 75वें वर्ष में हीरक [more…]

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बीच बहस

राष्ट्रीय मीडिया से वंचितों का भरोसा उठ रहा है

स्वतंत्र भारत में यदि दिल्ली की उर्दू पत्रकारिता की बात होगी, तो महफूज़ुर रहमान का नाम अवश्य लिया जाएगा। आप न केवल उर्दू में, बल्कि [more…]

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बीच बहस

गेस्टापो की तरह काम कर रही है एनआईए

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वर्साय की संधि की अपमानजनक शर्तों ने जर्मन लोगों की गरिमा छीन ली थी। इस संधि ने देश की संप्रभुता और आर्थिक स्वतंत्रता को समाप्त [more…]