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संस्कृति-समाज
जन्मदिन विशेष: फ़ांसी की सजा से भी बेखौफ रहे अशफ़ाक़उल्ला ख़ां
अक्टूबर महीने की 22 तारीख़ वतनपरस्त-सरफ़रोश-इंक़लाबी अशफ़ाकउल्ला ख़ां की यौम-ए-पैदाइश है। मुल्क की आज़ादी के लिए जिन्होंने सत्ताईस साल की कम-उम्री में ही अपनी जां-निसार कर दी थी। मादर-ए-वतन पर उन जैसे सैकड़ों इंक़लाबियों की कु़र्बानियों का ही नतीजा...
बीच बहस
महज चुनाव में वोट देने भर से नहीं, आंदोलनों से जिंदा रहता है लोकतंत्र
प्रधानमंत्री ने आंदोलन करने वाले किसान नेताओं को आंदोलनजीवी कहा है। उनका मानना है कि आंदोलन करना कुछ लोगों का धंधा है। यह बयान उनकी नासमझी दर्शाता है। असल में इंसानी समाज आंदोलन से ही आगे बढ़ा है। रोम...
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ग्राउंड रिपोर्ट: किसानों की जरूरत और पराली संकट का समाधान
मुजफ्फरपुर। “हम लोग बहुत मजबूर हैं, समयानुसार खेतों की जुताई-बुआई करनी पड़ती है। खेतों में सिंचाई तो स्वयं कर...
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