Friday, March 29, 2024

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अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फ़िच ने भी कह दिया- संकट से उबरने में अक्षम है निर्मला का पैकेज

अभी तक देश में कांग्रेस सहित विपक्षी दल ही मोदी सरकार के 20.97 लाख करोड़ रुपए के पैकेज पर जीडीपी के 10 फीसद होने पर सवाल उठा रहे थे, लेकिन अब तो अंतर्राष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी फिच ने भी इसकी सफलता पर...

कर्ज़ों वाले पैकेज़ से नहीं बल्कि सरकारी ख़र्चों से ही बचेगी अर्थव्यवस्था

अर्थव्यवस्था अलग आकारों वाले चार पहियों की सवारी है। यही पहिये ‘ग्रोथ-इंज़न’ भी कहलाते हैं। इन पहियों पर होने वाला खर्च ही GDP (सकल घरेलू उत्पाद) का ईंधन है। खर्च तीन तरह के होते हैं – सरकारी, कारोबारी और...

क्या घोषित राहत पैकेज असल में 2 लाख करोड़ रुपये से भी कम का है?

प्रधानमंत्री जी द्वारा 12 मई को 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के बाद 13 मई से ही वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा उस 'भारी-भरकम' पैकेज की प्रतिदिन की जा रही धारावाहिक व्याख्या और माहात्म्य की पांचवीं...

जनता के पैसे पर सरकारी डाका का नाम है एफआरडीआई

देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था ने देश की जीडीपी को अंध महासागर में धकेल दिया है। सरकार की असफल आर्थिक नीति नहीं बल्कि गलत आर्थिक नीति और अलगाववादी राजनैतिक एजेंडों को पूरी करने की सनक ने देश की अर्थव्यवस्था को...

गिरती अर्थव्यवस्था और आम बजट

एशिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भारत की मौजूदा विकास दर अपने छह सालों में सबसे निचले स्तर पर है। वर्तमान में विकास दर 4.5 फीसद है। साल 2019 खत्म हो चुका और 2020 आ गया है। बजट आने वाला...

सक्षम अर्थशास्त्री के बगैर चल रही है भारतीय अर्थव्यवस्था

हर कोई अर्थशस्त्री है - घरेलू बजट तैयार करने वाली गृहणी से लेकर दूध बेचने वाले गोपालकों तक और पुर्जे बनाने वाले छोटे उद्यमी से लेकर बड़े भवन निर्माता तक, जो बड़े-बड़े अपार्टमेंट बना कर बेचते हैं। इन सभी को चाहे मजबूरीवश, खेल...

नोटबंदी के बाद से ही इकॉनमी पर दूरगामी की बूटी पिला रही है सरकार

नोटबंदी एक बोगस फ़ैसला था। अर्थव्यवस्था को दांव पर लगा कर जनता के मनोविज्ञान से खेला गया। उसी समय समझ आ गया था कि यह अर्थव्यवस्था के इतिहास का सबसे बोगस फ़ैसलों में से एक है लेकिन फिर खेल खेला गया। कहा...

मुंह के बल गिरी अर्थव्यवस्था, जीडीपी विकास दर घटकर हुई 4.5 फीसदी

नई दिल्ली। जीडीपी विकास दर में ऐतिहासिक गिरावट दर्ज की गयी है। दूसरी तिमाही यानी जुलाई से सितंबर के बीच यह दर घटकर 4.5 फीसदी रह गयी है। पहली तिमाही में जीडीपी की विकास दर 5 फीसदी थी। 2018-19...

एसबीआई ने भी दी चेतावनी, कहा-अगले वित्तीय वर्ष में जीडीपी वृद्धि दर घटकर हो सकती है 4.2 फीसद

नई दिल्ली। भारत के सबसे बड़े सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक स्टेट बैंक आफ इंडिया यानी एसबीआई ने देश के जीडीपी वृद्धि दर के 4.2 तक गिरने की भविष्यवाणी की है। उसका कहना है कि ऐसा दूसरे तिमाही तक होने...

“लंपट हिंदी एंकरों को देखकर मोदी के समर्थक भी रोते होंगे”

ट्रोल का नेटवर्क कितना विशाल हो चुका है आपको अंदाज़ा लगता ही रहता होगा। इन्हें लगता है कि ये जब चाहेंगे तभी कुछ भी फैला कर पहले दुनिया को अंधेरे में रखेंगे और फिर उसे कुएं में धकेल देंगे। मेरे मनीला...

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ग्रेट निकोबार द्वीप की प्राचीन जनजातियों के अस्तित्व पर संकट, द्वीप को सैन्य और व्यापार केंद्र में बदलने की योजना

आज दुनिया भर में सरकारें और कॉर्पोरेट मुनाफ़े की होड़ में सदियों पुराने जंगलों को नष्ट कर रही हैं,...