Thursday, April 25, 2024

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कोरोना काल जैसी बदहाली से बचने के लिए स्वास्थ्य व्यवस्था का राष्ट्रीयकरण जरूरी

कोरोना काल में जर्जर सार्वजनिक स्वास्थ्य व्यवस्था और महंगे प्राइवेट इलाज के दुष्परिणाम स्वरूप लाखों लोगों को असमय ही अपने प्राण गंवाने पड़े। एक समय लगा कि इस व्यवस्था की मार झेलने वाला जनमानस स्वास्थ्य व्यवस्था के पूर्ण राष्ट्रीयकरण...

मोदी सरकार के आर्थिक कुप्रबंधन एवं अक्षमता ने अर्थव्यवस्था को किया खस्ताहाल: चिदंबरम

नई दिल्ली। कोरोना महामारी के साथ ही देश की अर्थव्यवस्था संकट में है। महंगाई, बेरोजगारी बढ़ने के साथ ही देश की जीडीपी में गिरावट देखी जा रही है। लेकिन आश्चर्य की बात यह है कि मोदी सरकार अर्थव्यवस्था के...

अर्थव्यवस्था का रसातलीकरण जारी! जीडीपी -7.3 फीसद पर पहुंची

पिछले सात साल के मोदी सरकार के गुड गवर्नेंस के सातवें साल में देश ने इतनी तरक्की की कि जीडीपी माइनस सात दशमलव तीन फीसद पर पहुंच गयी है। पिछले 40 साल में अर्थव्यवस्था सबसे खराब दौर से गुजर रही है। फाइनेंशियल...

कांग्रेस ने जारी किया मोदी की विफलता का दस्तावेज, पीएम ने थपथपायी अपनी पीठ

केंद्र में भाजपा सरकार के सात साल पूरे होने पर प्रधानमंत्री मोदी ने मन की बात कार्यक्रम के जरिए देशवासियों को संबोधित किया और जम कर अपनी पीठ थपथपाई। आयुष्मान भारत, डिजिटल इंडिया और राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दे पर...

स्माल सेविंग्स स्कीमों पर यू-टर्न: पब्लिक के पैसे से कब तक छिपेगी बदहाली?

जुमले उछाल कर तालियां बटोरने और जमीन पर काम करने में बड़ा फर्क है। खुद को अर्थव्यवस्था का फन्ने खां समझने और जीडीपी को ढंग से ड्राइव करने में काफी फासला है। वेल्थ क्रिएटरों को सिर-आंखों पर बिठाने की...

बिहार सरकार का बजट बेहद निराशाजनक, जनता की क्रय शक्ति बढ़ाने की कोई व्यवस्था नहीं: माले

पटना। भाकपा-माले राज्य सचिव कुणाल और माले विधायक दल के नेता महबूब आलम ने भाजपा-जदयू सरकार द्वारा आज पेश बजट को निराशाजनक व नकारात्मक कहा है। नेताओं ने अपने संयुक्त बयान में कहा कि आज कोविड व लॉकडाउन के...

पर्यावरण को लेकर कॉरपोरेटहित की जगह देशहित में बनें नीतियां

क्या मैं पर्यावरण की रक्षा में अपनी भूमिका निभा रहा हूं? क्या सरकार की नीतियां पर्यावरण की सुरक्षा या कॉरपोरेट द्वारा संचालित हैं? क्या मीडिया प्रासंगिक पर्यावरणीय मुद्दों को मेरे सामने ला रहा है? ये सिर्फ कुछ सवाल हैं,...

छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था के आकाश में ऊंचा उड़ने का हौसला देने की जरूरत

गंगा किनारे एक करोड़ दीयों में इतना प्रकाश नहीं कि भटके पथिक को रास्ता दिखा दें परंतु गांव की झोपड़ी का दीया भटकों को रात गुजारने की आस देता है। भारत की जीडीपी का दीया एमएसएमई है। कुल चार करोड़...

अर्थ-व्यवस्था में मंदी के लिए ताली!

चालू वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 प्रतिशत के संकुचन के बाद दूसरी तिमाही में उसमें और 7.5 प्रतिशत का संकुचन हो गया ; अर्थात् अर्थव्यवस्था का सिकुड़ना लगातार जारी है । पर मोदी के अर्थशास्त्री...

भारत में बेरोजगारी के दैत्य का आकार

1990 के दशक की शुरुआत से लेकर 2012 तक भारतीय सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में उच्च वृद्धि वाली अवधि के दौरान मुझे चिली (1973) में दक्षिणपंथियों के कब्जे के बाद से सीआईए की मेहरबानी से दक्षिणी अमेरिका में सत्ता...

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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर

धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...