Tag: Hindu Rashtra
-
जातीय जनगणना पर संघ और हिन्दू राष्ट्र पर पीएम मोदी के सुर क्यों बदल रहे हैं?
क्या बिहार में नीतीश सरकार द्वारा कराये गए जातीय सर्वे से संघ को अब डर लगने लगा है। कल तक जो संघ और बीजेपी के नेता जातीय गणना के खिलाफ बयान दर्ज करा रहे थे अब उनके सुर बदलने लगे हैं। क्या माना जाए कि बिहार की नीतीश सरकार ने बीजेपी और संघ की राजनीति…
-
यूजीसी और एनसीईआरटी का हिन्दू राष्ट्र शैक्षणिक कार्यक्रम
भाजपा सरकार केंद्र में अपनी सत्ता की दूसरी पारी के अंत की ओर है। करीब दस साल की इस अवधि में सरकार ने देश के लगभग सभी संस्थानों और संस्थाओं की दशा और दिशा में जो बदलाव किये हैं, वे सबके सामने हैं। ईडी, आयकर विभाग और सीबीआई ने विपक्षी पार्टियों के खिलाफ वह सब…
-
संदीप पांडेय का लेख: हिंदुत्व की आक्रामक राजनीति ने खालिस्तान की मांग को हवा दी
भारत और कनाडा में विवाद बढ़ गया है। कनाडा का आरोप है कि भारत सरकार के एजेण्टों ने कनाडा के ब्रिटिश कोलम्बिया राज्य में भारत सरकार द्वारा प्रतिबंधित खालिस्तान टास्क फोर्स के कनाडाई नागरिक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या करवा दी। जाहिर है कि भारत सरकार ने इसका खण्डन किया है। जी-20 के नई दिल्ली…
-
शकुनि के पासों से खेलने की कमल (नाथ) छाप चतुराई
दो चुनाव पूर्व सर्वे में धमाकेदार पूर्वानुमान, शिवराज सिंह की जाहिर उजागर हड़बड़ी और बौखलाहट, भाजपा में असंतोष की खदबदाहट के बावजूद कमलनाथ बेचैन हैं और इस बेचैनी में वे इतने अकुलाये हुए हैं कि शकुनि के पासों से खेलने के लिए आतुर हैं। पिछले दिनों किसी बजरंग सेना का कांग्रेस में विलय कराना इसी…
-
नफरत और सांप्रदायिक हिंसा : बदलता चरित्र
हाल (अप्रैल 2022) में देश के अलग-अलग हिस्सों में रामनवमी और हनुमान जयंती पर जो कुछ हुआ वह अत्यंत चिंताजनक है। रामनवमी पर गुजरात के खंबात और हिम्मत नगर, मध्यप्रदेश के खरगोन, कर्नाटक के गुलबर्गा, रायचूर व कोलार, उत्तर प्रदेश के सीतापुर और गोवा के इस्लामपुरा में हिंसा की बड़ी घटनाएं हुईं। खरगोन की घटना…
-
अस्पताल और ऑक्सीजन प्लांट नहीं बनवाए, लेकिन श्मशान का वादा पूरा किया!
भारत विविध है। विविधता भारत की आत्मा है। भौगोलिक, सामाजिक, आर्थिक और सांस्कृतिक विविधता से बनता है भारत। इस विविधता को चकनाचूर करने वाला स्वयं ध्वस्त हो जाता है। भारत मूलतः एकाधिकारवाद के विरुद्ध खड़ा एक कालजयी कालखंड है। समय-समय पर अल्पकालिक विकारी राज करने में सफल हुए पर अंततः जीत विचार की ही हुई!…
-
धर्मों के आधार पर अगर राष्ट्र बनते तो यूरोप ईसाई और अरब मुस्लिम राष्ट्र होते!
भारत का विभाजन दक्षिण एशिया के लिए एक बड़ी त्रासदी था। विभाजन के पीछे मुख्यतः तीन कारक थे– पहला, ब्रिटिश सरकार की फूट डालो और राज करो की नीति, दूसरा, हिन्दू साम्प्रदायिकता, जो भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना चाहती थी और तीसरा, मुस्लिम साम्प्रदायिकता, जो धर्म के आधार पर एक अलग देश, पाकिस्तान, की मांग…
-
लैला, ‘महान आर्यावर्त’ और देश के मौजूदा हालात
पिछले दिनों नेट फ्लिक्स पर एक वेब सीरीज लैला आई। ये सीरीज प्रयाग अकबर की किताब लैला पर बनी है। ये फ़िल्म हिंदू राष्ट्र की सत्ता को दर्शाती फ़िल्म है। भारत जिसका नाम अब भारत से बदलकर आर्यावर्त हो गया है। जैसे इलाहाबाद से प्रयागराज हो गया। वैसे ही भारत नाम इतिहास की काली गहरी…
-
संघ और बीजेपी मिटा देना चाहते हैं मंडल राजनीति का नामोनिशान!
संघ जिस हिंदू राष्ट्र का स्वप्न देखता रहा है, उसके मार्ग में सबसे बड़ी बाधा हिंदुओं का वर्ण-जातियों में विभाजन रहा है। इस विभाजन का एक मुख्य राजनीतिक स्वर मंडलवादी राजनीति करने वाली पार्टियां रही हैं, जो अपने साथ हिंदुओं के एक हिस्से को गोलबंद करके संघ के मुस्लिम विरोधी अभियान पर खड़े हिंदू राष्ट्र के…