यह अकेला हिंदुस्तान ही है, जहाँ ट्रेन के सफ़र में हम एक दूसरे के इतना करीब आ जाते हैं, कि…
हिंदुस्तान के किसान-मजदूरों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो मोदी क्या बला हैं: राहुल गांधी
“हिंदुस्तान के किसान, मजदूरों के सामने अंग्रेज नहीं टिक पाए तो नरेंद्र मोदी कौन हैं। कानून तो वापस लेने ही…
हिंदुस्तान के वास्तविक राजा किसान को बना दिया गया है गुलाम: गांधी
जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए जब गांधी जी को अपना परिचय देने की आवश्यकता पड़ी और हर बार उन्होंने…
पुण्यतिथि: रूह पर चले बंटवारे के नश्तर का नतीजा था मंटो का ‘टोबा टेकसिंह’
सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं…
बेमिसाल थी अशफाकुल्ला और बिस्मिल की दोस्ती, खेल के मैदान से लेकर फांसी के फंदे तक रहा साथ
“कभी तो कामयाबी पर मेरा हिन्दोस्तां होगा। रिहा सैय्याद के हाथों से अपना आशियाँ होगा।।” अंग्रेजी शासन से देश को…
सज्जाद ज़हीर : तरक्की पसंद तहरीक की जिंदा रूह
हिंदुस्तानी अदब में सज्जाद जहीर की शिनाख्त, तरक्की पसंद तहरीक के रूहे रवां के तौर पर है। वे राइटर, जर्नलिस्ट,…
हिन्दुस्तान में कार्पोरेट सोशल मीडिया : नफरत बेचो, मुनाफा कमाओ
“कुछ वाकई में मनोरोगी जैसे दिख रहे थे। लोगों का बहुलांश चिथड़े लपेटे और निरक्षर किसानों का था, जो तुत्सी…
रंज यही है बुद्धिजीवियों को भी कि राहत के जाने का इतना ग़म क्यों है!
अपनी विद्वता के ‘आइवरी टावर्स’ में बैठे कवि-बुद्धिजीवी जो भी समझें, पर सच यही है, इत्ते बड़े मुल्क में, एक…
अमर सिंह: मुलायम सिंह के संकट मोचक, जो उनके सबसे बड़े संकट भी थे
इस वक्त मुझे साल-महीना नहीं याद आ रहा है पर वो समाजवादी पार्टी की बुलंदी के दिन थे और पार्टी…
झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिंदुस्तान’ ने पत्रकारिता को बेच खाया है!
क्या झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिन्दुस्तान’ अखबार सीआरपीएफ से डरते हैं? सवाल थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन जब आप…