hindustan
पहला पन्ना
हिंदुस्तान के वास्तविक राजा किसान को बना दिया गया है गुलाम: गांधी
जीवन में अनेक ऐसे अवसर आए जब गांधी जी को अपना परिचय देने की आवश्यकता पड़ी और हर बार उन्होंने स्वयं की पहचान किसान ही बताई। 1922 में राजद्रोह के मुकदमे का सामना कर रहे गांधी अहमदाबाद में एक...
लेखक
पुण्यतिथि: रूह पर चले बंटवारे के नश्तर का नतीजा था मंटो का ‘टोबा टेकसिंह’
सआदत हसन मंटो, हिंद उपमहाद्वीप के बेमिसाल अफसानानिगार थे। प्रेमचंद के बाद मंटो ही ऐसे दूसरे रचनाकार हैं, जिनकी रचनाएं आज भी पाठकों का ध्यान अपनी ओर खींचती हैं। क्या आम, क्या खास वे सबके हर दिल अजीज हैं।...
संस्कृति-समाज
बेमिसाल थी अशफाकुल्ला और बिस्मिल की दोस्ती, खेल के मैदान से लेकर फांसी के फंदे तक रहा साथ
"कभी तो कामयाबी पर मेरा हिन्दोस्तां होगा।
रिहा सैय्याद के हाथों से अपना आशियाँ होगा।।"
अंग्रेजी शासन से देश को आज़ाद कराने के लिए हंसते−हंसते फांसी का फंदा चूम कर अपने प्राणों की आहुति देने वाले अशफ़ाक़ुल्ला खान जंग−ए−आजादी के महानायक...
संस्कृति-समाज
सज्जाद ज़हीर : तरक्की पसंद तहरीक की जिंदा रूह
हिंदुस्तानी अदब में सज्जाद जहीर की शिनाख्त, तरक्की पसंद तहरीक के रूहे रवां के तौर पर है। वे राइटर, जर्नलिस्ट, एडिटर और फ्रीडम फाइटर भी थे। साल 1935 में अपने चंद तरक्कीपसंद दोस्तों के साथ लंदन में प्रगतिशील लेखक...
बीच बहस
हिन्दुस्तान में कार्पोरेट सोशल मीडिया : नफरत बेचो, मुनाफा कमाओ
"कुछ वाकई में मनोरोगी जैसे दिख रहे थे। लोगों का बहुलांश चिथड़े लपेटे और निरक्षर किसानों का था, जो तुत्सी के प्रति नफरत की भावना से आसानी से उन्माद में आ सकते थे। मैं जिनसे मिला उनमें शायद सबसे...
बीच बहस
रंज यही है बुद्धिजीवियों को भी कि राहत के जाने का इतना ग़म क्यों है!
अपनी विद्वता के ‘आइवरी टावर्स’ में बैठे कवि-बुद्धिजीवी जो भी समझें, पर सच यही है, इत्ते बड़े मुल्क में, एक सीधी सी बात को ऐसे खरेपन से कह देना, राहत इंदौरी के ही हिस्से में आया था। हिर्स करो,...
बीच बहस
अमर सिंह: मुलायम सिंह के संकट मोचक, जो उनके सबसे बड़े संकट भी थे
उर्मिलेश -
इस वक्त मुझे साल-महीना नहीं याद आ रहा है पर वो समाजवादी पार्टी की बुलंदी के दिन थे और पार्टी से भी ज्यादा अमर सिंह की बुलंदी के दिन थे। उन दिनों मैं हिन्दुस्तान टाइम्स ग्रुप के हिंदी अखबार...
ज़रूरी ख़बर
झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिंदुस्तान’ ने पत्रकारिता को बेच खाया है!
क्या झारखंड में 'प्रभात खबर' और 'हिन्दुस्तान' अखबार सीआरपीएफ से डरते हैं? सवाल थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन जब आप इस खबर को पढ़ेंगे, तब आपको इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा। दरअसल झारखंड ही नहीं पूरे देश में...
ज़रूरी ख़बर
महान हॉकी खिलाड़ी बलबीर सिंह सीनियर का निधन, हिंदुस्तान के दूसरे ध्यानचंद और हॉकी के देवता कहे जाते थे बलबीर
अमरीक -
ओलंपिक में तीन बार गोल्ड मेडलिस्ट और दुनिया के महान हॉकी खिलाड़ी ओलंपियन बलबीर सिंह सीनियर का 25 मई की सुबह 96 वर्ष की उम्र में देहांत हो गया। वह मोहाली के एक अस्पताल में दाखिल थे। लगभग एक...
Latest News
मुख्तार अंसारी की मौत का सच आएगा सामने, कोर्ट ने दिए न्यायिक जांच के आदेश
मुख्तार अंसारी की उत्तर प्रदेश की बांदा जेल में दिल का दौरा पड़ने से मौत के बाद बांदा के...
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