Friday, April 19, 2024

independence

नेहरू की बनाई नींव पर खड़ी हुई भारतीय लोकतंत्र की बुलंद इमारत

एक बार नेहरू से किसी ने पूछा कि भारत के लिए उनकी विरासत क्या होगी, तो उन्होंने उत्तर दिया, “यकीनन स्वयं पर शासन करने में सक्षम चालीस करोड़ लोग।” ये लोकतंत्र पर नेहरू का दृढ़विश्वास ही था। महत्वपूर्ण मुद्दों...

मौलाना आजाद: आजादी का वह सिपाही जिसने रखी देश में शिक्षा व्यवस्था की बुनियाद

हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पे रोती हैबड़ी मुश्किल से होता है चमन में दीदावर पैदामौलाना अबुल कलाम आज़ाद इस्लाम धर्म के प्रसिद्ध विद्वान, देशभक्त, सांप्रदायिक सद्भाव के लिए जज़्बा रखने वाले महत्वपूर्ण शख्सियत थे। वे भारतीय स्वतंत्रता संग्राम...

दिखावटी आत्मविश्वास और कैमरों के लिए भी न मुस्कुराना

यह साधारण पंद्रह अगस्त नहीं था। पिछले तिहत्तर साल में ऐसा कभी नहीं हुआ, जब स्वतंत्रता दिवस बिना बच्चों, बिना झंडों, मिठाइयों और उल्लास के मनाया गया हो और इस बार भीड़ तो नहीं ही थी। इससे पहले कभी...

देश भर में वामपंथी कार्यकर्ताओं ने ली एकता और संविधान बचाने की शपथ

वाम दलों के संयुक्त आह्वान पर 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस पर संविधान की रक्षा और देश की आजादी को मजबूत करने का संकल्प लिया गया। सीपीआई, सीपीएम और भाकपा माले के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने  संकल्प लिया। जगह-जगह...

जब पूरा देश एक ही नारे से गूंज उठा! ‘लाल किले से आई आवाज-सहगल, ढिल्लन, शाहनवाज़’

हमारे देश की स्वतंत्रता में यूं तो असंख्य भारतीयों और अनेक तूफानी घटनाओं का योगदान है, लेकिन इन घटनाओं में से कुछ घटनाएं ऐसी हैं, जो आगे चलकर आजादी में निर्णायक साबित हुईं। ‘लाल किला ट्रायल’ ऐसी ही एक...

‘पूरी तरह ध्वस्त हो गयी है न्यायपालिका’

क्या आप मानते हैं कि सरकार न्यायपालिका पर निरंतर हमले कर रही थी, जिसके परिणामस्वरूप न्यायपालिका का आभासी पतन हो गया है? क्या न्यायपालिका पर हमले के परिणामस्वरूप न्यायपालिका लगभग ध्वस्त हो गई है? आप माने या न माने...

पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब

आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन हुआ था। संपादक थे पंडित जुगल किशोर शुकुल। इस शब्द का अर्थ है समाचार-सूर्य। यह अखबार...

पुण्य तिथिः हवा में रहेगी मेरे ख्याल की बिजली…

जंग-ए-आज़ादी में निर्णायक मोड़ देने वाले शहीद-ए-आजम भगत सिंह की 23 मार्च को 89वीं पुण्यतिथि है। 23 मार्च, 1931 को बरतानिया हुकूमत ने सरकार के खिलाफ क्रांति का बिगुल फूंकने के इल्जाम में उन्हें फांसी की सजा सुनाई थी।...

पीएम साहब! इन बच्चों के मन की बात भी सुनिए एक बार

एनआरसी-सीएए विरोधी आंदोलनों में छोटे बच्चों की अच्छी खासी संख्या देखने को मिल रही है। कुछ बहुत छोटे बच्चे अपनी धरनारत मांओं के साथ दिन-रात धरने पर रहने को विवश हैं। कुछ बच्चे अपनी भागीदारी खुद निर्धारित कर रहे...

सीएए के खिलाफ सर्वधर्म प्रदर्शनः डर बढ़ता है तो आज़ादी छिन जाती है

रायपुर। देश भर में नागरिकता संशोधन कानून और राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर यानी एनआरसी के खिलाफ चल रहे आंदोलनों में दिल्ली का शाहीन बाग बड़े केंद्र के तौर पर उभरा है। वहां लगातार धरना दे रही महिलाओं के समर्थन में...

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मोदी की गारंटी: भाजपा की जगह मोदी, लोकतंत्र की जगह तानाशाही

मतदान की शुरुआत होने में जब महज पांच दिन बचे थे तब कहीं जाकर मौजूदा सत्ता पार्टी भाजपा ने...