jinna
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फिर सामने आया राफेल का जिन्न, भारत ने 36 राफेल लिए 8.7 अरब डॉलर में, इंडोनेशिया ने 8.1 में लिए 42
राफेल विमान का सौदा लगातार विवादों में है और एक के बाद एक ऐसे खुलासे हो रहे हैं जिससे इस सौदे में भारी भ्रष्टाचार के संकेत प्रथम दृष्ट्या दिखाई पड़ रहे हैं। जहां यूपीए सरकार के दौरान राफेल के...
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शहीद दिवस पर विशेष: गांधी जिंदा हैं क्योंकि सत्य कभी नहीं मरता
मोहनदास करमचंद गांधी यानि महात्मा गांधी (02 अक्टूबर 1869 : 30 जनवरी 1948 ) भारतीय संविधान में वर्णित “हम भारत के लोग ” ही नहीं पूरी दुनिया में सत्य और अहिंसा के ‘मेटाफर’ हैं जिसे हिंदी में सर्वनाम या...
बीच बहस
जिन्ना प्रसंग: ऐतिहासिक शख्सियतों का स्वतंत्र मूल्यांकन बेहद जरूरी
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने पाकिस्तान के संस्थापक कायदे आजम मोहम्मद अली जिन्ना के बारे में हरदोई में एक बयान क्या दे दिया कि उत्तर प्रदेश की राजनीति में हंगामा बरपा हुआ है। उन्होंने कहा था कि...
बीच बहस
एक ऐतिहासिक विवाद का पटाक्षेप करने के लिए राजनाथ सिंह को धन्यवाद!
अनिल जैन -
इसे स्थिति का व्यंग्य कहा जाए या व्यंग्य की स्थिति कि जो व्यक्ति महात्मा गांधी की हत्या का मास्टर माइंड माना गया था लेकिन अदालत में तकनीकी कारणों से संदेह का लाभ पाकर बरी हो गया था, उसे महान...
बीच बहस
द्विराष्ट्र के सिद्धांत के जनक कौन- जिन्ना या सावरकर?
पिछले तीन चार वर्ष से वी डी सावरकर को प्रखर राष्ट्रवादी सिद्ध करने का एक अघोषित अभियान कतिपय इतिहासकारों द्वारा अकादमिक स्तर पर अघोषित रूप से चलाया जा रहा है। सोशल मीडिया पर भी सावरकर को महिमामण्डित करने वाली...
बीच बहस
यूपी चुनाव पर जिन्ना का साया
उत्तर प्रदेश चुनाव प्रचार में ओवैसी के मुस्लिम मतदाताओं में धुआंधार प्रचार के सन्दर्भ में भाजपा/आरएसएस की रणनीतिक समझ को सावरकर-जिन्ना के हिन्दू राष्ट्र-मुस्लिम राष्ट्र नैरेटिव से तुलना करने वालों की कमी नहीं है। ओवैसी का सीधा तर्क है...
बीच बहस
विभाजन के लिए अगर कोई दोषी है तो वह आरएसएस और हिन्दू महासभा
मोदी ने अब से चौदह अगस्त को विभाजन विभीषिका स्मरण दिवस घोषित करवा दिया है। ये सोच रहे हैं कि इस बहाने हमें हर साल भारत के विभाजन के लिए जिम्मेदार बता कर मुसलमानों और कांग्रेसियों को गाली देने...
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पुस्तक समीक्षा: भारत की मौजूदा राजनीति और जिन्ना पर एक नज़र ए सानी
Janchowk -
अगले साल, दो हज़ार बाइस (2022) में भारतीय उपमहाद्वीप अपनी आज़ादी के पचहत्तर (75) साल पूरे करने जा रहा है। हम जानते हैं कि आज़ादी विभाजन (तक़सीम/ बंटवारे) के साथ आई और इकहत्तर (1971) में बांग्लादेश बनने के बाद...
ज़रूरी ख़बर
बरनवालः गांधीवादी चिंतक की गुमनाम विदाई
वीरेंद्र कुमार बरनवाल के निधन की सूचना वरिष्ठ पत्रकार और बड़े भाई जयशंकर गुप्त जी की पोस्ट से मिली। अचानक मुलाकात की बारह साल पुरानी स्नेहिल स्मृतियां कौंध गईं। 10 नवंबर 1945 को आजमगढ़ में जन्मे बरनवाल जी हीरक...
बीच बहस
इतिहास, कविता और अनुवाद से लेकर प्रशासन बेहद विस्तृत था वीरेंद्र बरनवाल का फलक
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और आधुनिक भारत के राजनीतिक व्यक्तित्वों के गंभीर अध्येता, साहित्यकार-अनुवादक वीरेंद्र कुमार बरनवाल का कल 12 जून को निधन हो गया। वीरेंद्र बरनवाल ने जहाँ ‘हिन्द स्वराज : नव सभ्यता-विमर्श’, ‘मुस्लिम नवजागरण और अकबर इलाहाबादी का...
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प्रधानमंत्री की भाषा: सोच और मानसिकता का स्तर
धरती पर भाषा और लिपियां सभ्यता के प्राचीन आविष्कारों में से एक है। भाषा का विकास दरअसल सभ्यता का...
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