Thursday, September 28, 2023

journalism

ढह गया पत्रकारिता का एक मजबूत स्तंभ, नहीं रहे ललित सुरजन

नई दिल्ली। देशबंधु पत्र समूह के प्रधान संपादक ललित सुरजन का निधन हो गया है। कवि और पत्रकार के तौर पर ख्यातिप्राप्त सुरजन को ब्रेन हैमरेज के बाद दिल्ली के एक अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इसके साथ...

गणेश शंकर विद्यार्थी की जयंतीः स्वराज के लिए जिये और सांप्रदायिकता से लड़ते दी जान

हिंदी पत्रकारिता में गणेश शंकर विद्यार्थी की हैसियत शिखर पुरुष के तौर पर है, तो वहीं देश के स्वतंत्रता आंदोलन में उनकी पहचान महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी की। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित विद्यार्थी, ‘जंग-ए-आजादी’ के...

सीएए की तरह हाथरस कांड में भी कांस्पीरेसी थियरी लांच, मुस्लिम संगठन और पत्रकार निशाने पर

हाथरस दलित पीड़िता केस में सरकार ने फुलप्रूफ इंतज़ाम करते हुए कांस्पीरेसी थियरी लांच कर दी है। कुछ प्रोपगंडा चैनल पिछले चार दिन से भूमिका बना रहे थे। कल मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांस्पीरेसी थियरी को लांच करते हुए...

गोदी मीडिया से नहीं सोशल प्लेटफार्म से परेशान है केंद्र सरकार

विगत दिनों सुदर्शन न्यूज़ चैनल पर ‘यूपीएससी जिहाद’ कार्यक्रम के खिलाफ दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई से मीडिया की आजादी और सरोकर तथा सरकार की भूमिका को लेकर नई बहस छिड़ गई है। इस बहस ने समाचार...

पुलिस के साथ राग दरबारी गा रहे हैं ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट!

उच्चतम न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस मदन बी लोकुर ने कहा है कि ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट को अपने दिमाग लगाने की जरूरत है और अभियोजन पर आंख बंद करके भरोसा करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि पुलिस अपने...

खबरों पर पहरा और सीमा घुसपैठ पर चुप्पी

अगर इस चीनी आक्रमण और हमारे 20 सैनिकों की शहादत के लिये कांग्रेस का सीपीसी के साथ 2008 का एमओयू और राजीव फाउंडेशन को दिया गया चीनी चंदा जिम्मेदार है तो, सबसे पहले सरकार इसकी जांच का आदेश दे,...

झारखंड में ‘प्रभात खबर’ और ‘हिंदुस्तान’ ने पत्रकारिता को बेच खाया है!

क्या झारखंड में 'प्रभात खबर' और 'हिन्दुस्तान' अखबार सीआरपीएफ से डरते हैं? सवाल थोड़ा अटपटा जरूर है, लेकिन जब आप इस खबर को पढ़ेंगे, तब आपको इस सवाल का जवाब भी मिल जाएगा। दरअसल झारखंड ही नहीं पूरे देश में...

क्यों पत्रकारिता के भीष्म पितामह हैं विनोद दुआ?

विनोद दुआ को पत्रकारिता का भीष्म पितामह कहे जाने पर प्रतिक्रियाएं लगातार मिली हैं। असहमति के सुर अधिक मुखर हैं। मगर, जो प्रतिक्रियाएं नहीं आयी हैं उनमें सहमति के स्वर की नाद मैं ढूंढता हूं। सवाल उठाने वालों ने...

क्या विनोद दुआ ‘राष्ट्र के लिए खतरा’ हैं?

आदरणीय विनोद दुआ पत्रकारिता जगत के भीष्म पितामह हैं। देश और पत्रकारिता के लिए उनका समर्पण, उनकी निष्ठा, उनका त्याग बेशकीमती रहा है। दुआ जी के साथ मैंने सहारा समय और न्यूज वर्ल्ड इंडिया में काम किया है। विनोद...

पत्रकारिता दिवस के स्मरण का मतलब

आज हिंदी पत्रकारिता 194 वर्ष पुरानी हो गई। 30 मई 1826 को कलकत्ते से हिंदी के पहले साप्ताहिक अखबार `उदंत मार्तंड’ का प्रकाशन हुआ था। संपादक थे पंडित जुगल किशोर शुकुल। इस शब्द का अर्थ है समाचार-सूर्य। यह अखबार...

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समाज के माथे पर कलंक है उज्जैन में 12 साल की लड़की के साथ रेप की घटना

मध्यप्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में 12 साल की नाबालिग और बोलने में अक्षम लड़की से रेप की घटना...