बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में अनेक महापुरुषों ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व की छाप छोड़ी। ऐसे ही महापुरुषों में दादा माखनलाल चतुर्वेदी का नाम बड़े ही सम्मान और गौरव के साथ लिया जाता है।...
अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी सिर्फ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं थे, बल्कि हिन्दी पत्रकारिता के शिखर पुरुष भी माने जाते हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित विद्यार्थी ‘जंग-ए-आजादी’ के एक निष्ठावान सिपाही थे। गणेश...
हिन्दी के वरिष्ठ कवि, गद्यकार और विचारक असद ज़ैदी ने कहा कि हिन्दी पत्रकारिता में बतौर संपादक पंकज बिष्ट से ज़्यादा योगदान शायद ही किसी का रहा हो। इस बेशर्म युग में हिन्दी की राजनीतिक और वैचारिक पत्रकारिता की...
जनवरी जाने को है। देश भर में बारिश के बाद ठंड वापस अपनी रंगत पर है। जमीन गीली, आसमान गीला, हवाएं गीली। एक गीली ठंडी सुबह मैं दिल्ली के चक्कर लगाता हूं। कनॉट प्लेस सेंट्रल पार्क, जंतर मंतर, मंडी...
राजकिशोर की तरह के एक स्वातन्त्र्य चेता और पत्रकारिता के जगत में अपने एक
अलग ही छंद के रचयिता पत्रकार की स्मृति में इस व्याख्यानमाला के लिये आयोजकों को
आंतरिक धन्यवाद ।
आइये, हम सबसे पहले इस
बुनियादी सवाल से ही अपनी बात...
भारतीय जनसंचार
संस्थान के छात्र फ़ीस वृद्धि का विरोध कर रहे हैं। उनका मांग पत्र मुझ तक भी पहुंचा है, आप सभी तक पहुंचने के लिए।
फ़ीस बढ़ोत्तरी के
खिलाफ IIMC छात्रों ने किया 'PROTEST' का
आह्वान।
इंडियन इंस्टीट्यूट
ऑफ मास कम्युनिकेशन (IIMC),
नई दिल्ली के...
रवीश कुमार के
भाषणों को सुनना अच्छा लगता है । इसलिये नहीं कि वे विद्वतापूर्ण होते हैं ; सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ के चमत्कृत करने वाले
नये सुत्रीकरणों की झलक देते हैं । विद्वानों के शोधपूर्ण भाषण तो श्रोता को भाषा
के एक अलग...
गुजरात
के लाखों युवाओं को बधाई। आखिर उन्होंने सरकार को मानने के लिए बाध्य कर दिया। अब 12 वीं की योग्यता वाले भी
इम्तहान दे सकेंगे। परीक्षा की तारीख़ भी आ गई है। 17 नवंबर
को परीक्षा होगी।
छात्रों
इसी बहाने आपसे अपील है।
न्यूज़
चैनल...
वैसे तो विनोबा भावे (1958) से लेकर अमिताभ चौधरी (1961), वर्गीज कुरियन (1963),
जयप्रकाश नारायण (1965), सत्यजीत राय (1967), गौर किशोर घोष (1981), चंडी प्रसाद भट्ट (1982), अरुण शौरी (1982), किरण बेदी (1994), महाश्वेता देवी (1997), राजेन्द्र सिंह (2001), संदीप...
भारत में करीब हर साल किसी न किसी को रैमन मैगसेसे मिलता है। तमाम तारीफें होती हैं। तमाम आलोचनाएं होती हैं। इस बीच रवीश कुमार को भी रैमन मैगसेसे पुरस्कार मिल गया। स्वाभाविक है कि किसी भी व्यक्ति को...