माहेश्वरी का मत: भारतीय मीडिया की अलग परिघटना हैं रवीश कुमार

रवीश कुमार के भाषणों को सुनना अच्छा लगता है । इसलिये नहीं कि वे विद्वतापूर्ण होते हैं ; सामाजिक-राजनीतिक यथार्थ…

भारत को बचाना है, न्यूज़ चैनलों को भगाना है; बंद करो टीवी, बंद करो

गुजरात के लाखों युवाओं को बधाई। आखिर उन्होंने सरकार को मानने के लिए बाध्य कर दिया। अब 12 वीं की…

मेनस्ट्रीम मीडिया से आखिर क्यों गायब है रवीश के मैग्सेसे की ख़बर?

वैसे तो विनोबा भावे (1958) से लेकर अमिताभ चौधरी (1961), वर्गीज कुरियन (1963), जयप्रकाश नारायण (1965), सत्यजीत राय (1967), गौर…

रवीश कुमार को रैमन मैगसेसे तपती दोपहर में ठंडी हवा का एक झोंका है

भारत में करीब हर साल किसी न किसी को रैमन मैगसेसे मिलता है। तमाम तारीफें होती हैं। तमाम आलोचनाएं होती…

“अगर आप लोगों की आवाज बन सकते हैं तो ही आप पत्रकार हैं”

(रवीश कुमार को रेमन मैगसेसे पुरस्कार देने के साथ संस्था द्वारा दिया गया ये Citation न केवल रवीश कुमार की…

रवीश ने कहा लोगों को शुक्रिया, लाइव चैट में दिया श्रोताओं के सवालों का जवाब

(मैगसेसे अवॉर्ड पाने पर देश-दुनिया के कोने-कोने से मिल रही बधाइयों के लिए वरिष्ठ पत्रकार रवीश कुमार ने लोगों को…