Tag: Martyrdom Day
शहादत दिवस पर विशेष : सांप्रदायिक राजनीति के धुर विरोधी थे भगतसिंह
भगत सिंह हिंदुस्तान के भविष्य को लेकर बहुत चिंतित थे। स्वतंत्रता का अर्थ उनकी नजर में अंग्रेजों से मुक्त भारत कतई नहीं था बल्कि उनकी [more…]
राजीव गांधी के शहादत दिवस पर: 21 मई की वो मनहूस रात; 19 मई का लास्ट सपर; पटाक्षेप ‘मिसफिट प्रधानमंत्री’ का!
1991 की मई की गर्मियां थीं। 2024 की मई की ही तरह चुनावी मौसम था। देश का राजनैतिक पारा चढ़ा हुआ था। तब हम दिल्ली [more…]
शहादत दिवस पर विशेष: हिंदी में सबसे ज्यादा मकबूल क्रांतिकारी पंजाबी कवि पाश
पंजाबी का कोई अन्य लेखक/साहित्यकार हिंदी पट्टी में इतना मक़बूल नहीं है जितना पाश। बल्कि यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं कि पाश विशाल हिंदी समाज [more…]
शहादत दिवस: सफदर हाशमी ने नुक्कड़ नाटक के जरिए गरीबों-मेहनतकशों के हक की लड़ाई लड़ी
रंगकर्मी सफ़दर हाशमी नुक्कड़ नाट्य विधा के पहले आइडियोलॉजिस्ट थे। उस ज़माने में जब देश में प्रोसेनियम थियेटर का बोलबाला था, सफ़दर ने अपनी रचनात्मक [more…]
शहादत दिवस: सफदर का अर्थ है जागना, जगे रहना और जगाना
पैंतीस साल बीत चुके हैं। साल का पहला दिन- कितनी ही आशाओं और उम्मीदों की शुभकामनाओं के साथ क्यों न आये, सच्ची खुशियों और हमारे [more…]
बिस्मिल, रोशन और अशफ़ाक़ का शहादत दिवस: सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..
19 दिसम्बर पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह और अशफ़ाक़उल्लाह ख़ां जैसे वतनपरस्त इंक़लाबियों का शहादत दिवस है। मुल्क की आज़ादी के लिए जिन्होंने कम उम्र [more…]
शहीद दिवस: बिरसा के उलगुलान ने मोड़ दी थी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की धारा
जून का महीना झारखंड के लिए विशेष महत्व इसलिए रखता है कि इसी महीने की 9 तारीख को पूरा झारखंड बिरसा मुंडा की शहादत को [more…]
चंद्रशेखर का शहादत दिवसः लोकतांत्रिक विकल्प की चुनौती के साथ आगे बढ़ने का समय
31 मार्च को चंद्रशेखर का शहादत दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1997 को सीवान के जेपी चौक पर जनसंहारों और घोटालों के खिलाफ आहुत [more…]
सुंदर मरांडी का शहादत दिवसः संस्कृतिकर्मियों ने सीआरपीएफ की बंदूकों को शांत कर दिया
झारखंड के गिरिडीह जिला के पीरटांड प्रखंड के खुखरा थानान्तर्गत चतरो गांव में 28 फरवरी 2020 को सांस्कृतिक संगठन ‘झारखंड एभेन’ के संस्थापक कामरेड सुंदर [more…]
शहादत दिवसः स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायक शहीद वीर नारायण सिंह
अंग्रेजों से आजादी दिलाने में सबसे पहले विरोध का बिगुल फूंकने वाले सिर्फ और सिर्फ आदिवासी ही हैं। भले ही उन्हें इतिहासकारों ने आजादी के [more…]