Friday, April 19, 2024

Martyrdom Day

शहादत दिवस पर विशेष: हिंदी में सबसे ज्यादा मकबूल क्रांतिकारी पंजाबी कवि पाश

पंजाबी का कोई अन्य लेखक/साहित्यकार हिंदी पट्टी में इतना मक़बूल नहीं है जितना पाश। बल्कि यह कहना भी अतिशयोक्ति नहीं कि पाश विशाल हिंदी समाज में गैरहिंदी भाषाओं के सर्वाधिक सर्वप्रिय कवि हैं। बेशुमार हिंदी साहित्यकारों ने अपनी रचनाओं...

शहादत दिवस: सफदर हाशमी ने नुक्कड़ नाटक के जरिए गरीबों-मेहनतकशों के हक की लड़ाई लड़ी

रंगकर्मी सफ़दर हाशमी नुक्कड़ नाट्य विधा के पहले आइडियोलॉजिस्ट थे। उस ज़माने में जब देश में प्रोसेनियम थियेटर का बोलबाला था, सफ़दर ने अपनी रचनात्मक अभिव्यक्ति के लिए नुक्कड़ नाटक को बख़ूबी अपनाया। सफ़दर हाशमी की कविताओं और जनगीत का...

शहादत दिवस: सफदर का अर्थ है जागना, जगे रहना और जगाना

पैंतीस साल बीत चुके हैं। साल का पहला दिन- कितनी ही आशाओं और उम्मीदों की शुभकामनाओं के साथ क्यों न आये, सच्ची खुशियों और हमारे बीच किसी अलंघ्य रेखा की तरह पड़ी हुई सबके प्रिय सफदर हाशमी की लाश...

बिस्मिल, रोशन और अशफ़ाक़ का शहादत दिवस: सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है..

19 दिसम्बर पंडित रामप्रसाद बिस्मिल, रोशन सिंह और अशफ़ाक़उल्लाह ख़ां जैसे वतनपरस्त इंक़लाबियों का शहादत दिवस है। मुल्क की आज़ादी के लिए जिन्होंने कम उम्र में ही अपनी जान क़ुर्बान कर दी। इन तीनों क्रांतिकारियों का क्रांतिकारी जीवन का...

शहीद दिवस: बिरसा के उलगुलान ने मोड़ दी थी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन की धारा

जून का महीना झारखंड के लिए विशेष महत्व इसलिए रखता है कि इसी महीने की 9 तारीख को पूरा झारखंड बिरसा मुंडा की शहादत को याद करता है, वहीं 30 जून को हूल (विद्रोह) दिवस के रूप में याद...

चंद्रशेखर का शहादत दिवसः लोकतांत्रिक विकल्प की चुनौती के साथ आगे बढ़ने का समय

31 मार्च को चंद्रशेखर का शहादत दिवस मनाया जाता है। इसी दिन 1997 को सीवान के जेपी चौक पर जनसंहारों और घोटालों के खिलाफ आहुत दो अप्रैल के बिहार बंद के पक्ष में एक नुक्कड़ सभा को संबोधित करते...

सुंदर मरांडी का शहादत दिवसः संस्कृतिकर्मियों ने सीआरपीएफ की बंदूकों को शांत कर दिया

झारखंड के गिरिडीह जिला के पीरटांड प्रखंड के खुखरा थानान्तर्गत चतरो गांव में 28 फरवरी 2020 को सांस्कृतिक संगठन ‘झारखंड एभेन’ के संस्थापक कामरेड सुंदर मरांडी का 5वां शहादत दिवस समारोह, शहीद मेला और करम पर्व को बहुत ही...

शहादत दिवसः स्वतंत्रता संग्राम के आदिवासी नायक शहीद वीर नारायण सिंह

अंग्रेजों से आजादी दिलाने में सबसे पहले विरोध का बिगुल फूंकने वाले सिर्फ और सिर्फ आदिवासी ही हैं। भले ही उन्हें इतिहासकारों ने आजादी के आंदोलन में प्रमुख स्थान नहीं दिया, लेकिन आदिवासियों का योगदान आज भी प्रमाणित रूप...

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AIPF (रेडिकल) ने जारी किया एजेण्डा लोकसभा चुनाव 2024 घोषणा पत्र

लखनऊ में आइपीएफ द्वारा जारी घोषणा पत्र के अनुसार, भाजपा सरकार के राज में भारत की विविधता और लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला हुआ है और कोर्पोरेट घरानों का मुनाफा बढ़ा है। घोषणा पत्र में भाजपा के विकल्प के रूप में विभिन्न जन मुद्दों और सामाजिक, आर्थिक नीतियों पर बल दिया गया है और लोकसभा चुनाव में इसे पराजित करने पर जोर दिया गया है।