Saturday, June 10, 2023

music

जश्न और जुलूसों के नाम थी आज़ादी की वह सुबह

देश की आज़ादी लाखों-लाख लोगों की कु़र्बानियों का नतीज़ा है। जिसमें लेखक, कलाकारों और संस्कृतिकर्मियों ने भी अपनी बड़ी भूमिका निभाई। ख़ास तौर से तरक़्क़ीपसंद तहरीक से जुड़े लेखक, कलाकार मसलन सज्जाद ज़हीर, डॉ. रशीद जहां, मौलाना हसरत मोहानी,...

जन्मदिन पर विशेष: जिंदा रहते किंवदंती बन गए थे नजरुल इस्लाम

काजी नज़रुल इस्लाम (24 मई 1899 - 29 अगस्त 1976) बांग्ला के एक प्रसिद्ध कवि, लेखक, संगीतकार और बांग्लादेश के राष्ट्रीय कवि थे। नजरुल को बांग्ला साहित्य के सबसे महान कवियों में से एक माना जाता है। नजरुल के...

जनचौक स्पेशल: नफरत का कैराना नहीं, जीतेगा प्रेम का ‘किराना’

कैराना। पंडित भीमसेन जोशी की पुण्यतिथि पर आए साहित्यकार शैलेंद्र चौहान के लेख में 'किराना घराना' के जिक्र के साथ ही मेरे जेहन में कैराना जाने की ख्वाहिश पैदा हो गयी थी। और वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश के चुनावी...

गीत और संगीत का अमर हमसफर यानी इंदीवर

‘‘चंदन सा बदन चंचल चितवन’’, ‘‘फूल तुम्हें भेजा है ख़त में’’, ‘‘कोई जब तुम्हारा हृदय तोड़ दे’’, ‘‘चांद को क्या मालूम चाहता है’’, ‘‘ओह रे ताल मिले नदी के जल में’’, ‘‘नदिया चले, चले रे धारा’’, ‘‘है प्रीत जहाँ...

जन्मदिन पर विशेष: अमीर ख़ान; राह चलता फकीर जिसका जहान संगीत में ही बनता, खुलता और बंद होता था!

अमीर ख़ान का गाना सुनते हुए आप सबसे पहले क्या राय बनाते हैं उनके बारे में? क्या बना सकते हैं? मुझे प्रमोद कौंसवाल भाईसाब से सबसे पहले उनका नाम पता चला और गायन भी। फिर दिल्ली में मंगलेश जी...

जिनके मन राम बिराजे वो हैं हमारे उस्ताद अमीर ख़ान

राम के नाम क्या-क्या नहीं हुआ था। अब चीख नहीं सकते तो एक यात्रा भीतर की ओर की जा सकती है। एक आंतरिक गान की ओर। तब सारा शोर सारी आपाधापी नारे गर्जन-तर्जन फूल माला घंटे घड़ियाल सारी आवाजें...

साजिद-वाजिद मशहूर संगीतकार जोड़ी के वाजिद की कोरोना से मौत

नई दिल्ली। बॉलीवुड से एक बेहद दुखद खबर आ रही है। संगीत निर्देशकों की जोड़ी के तौर पर मशहूर साजिद-वाजिद में से वाजिद की कोरोना के चलते मौत हो गयी है। वाजिद अभी महज 42 साल के थे। सोनू निगम...

पुण्यतिथि पर विशेष: नौशाद, जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और मौजूद थी जिंदगी की शक्ल

नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। अपने नाम के ही मुताबिक नौशाद का संगीत सुनकर, उनके चाहने वालों को एक अजीब सी खुशी, मसर्रत मिलती है।...

शाहीन बाग बना प्रतिरोधी साहित्य-संस्कृति का केंद्र

शाहीन बाग से पंजाब का रिश्ता साहित्य, संगीत और कला-संस्कृति के स्तर पर भी गहरा जुड़ रहा है। किसानों के साथ-साथ बुद्धिजीवी, साहित्यकार और संगीत से जुड़ीं नामवर शख्सियतें शाहीन बाग जाकर सीएएए के खिलाफ जारी आंदोलन में शिरकत कर...

ये दुनिया अगर मिल भी जाए तो क्या है!

कला मनुष्य को एक ऐसी दुनिया से साक्षात्कार कराती है,जिसमें वह सबकुछ दिखता है,जो अमूमन दिखायी पड़ने वाली दुनिया में दिखायी नहीं पड़ता।ऐसा शायद इसलिए,क्योंकि कला को जो कोई अंजाम दे रहा होता है,वह उस कला की बारीरिकयों में...

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अन्याय के 1000 दिन, प्रतिरोध और आंदोलन के हजार दिन!

नई दिल्ली। “यह 1000 दिनों की कैद के साथ-साथ 1000 दिनों का प्रतिरोध भी है। उमर खालिद यह सुनकर...