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बीच बहस

माफीनामों के वीर हैं सावरकर

सावरकर सन् 1911 से लेकर सन् 1923 तक अंग्रेज़ों से माफी मांगते रहे, उन्होंने छः माफीनामे लिखे और सन् 1923 के बाद वह लगातार ही [more…]

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बीच बहस

द्विराष्ट्र के सिद्धांत के जनक कौन- जिन्ना या सावरकर?

पिछले तीन चार वर्ष से वी डी सावरकर को प्रखर राष्ट्रवादी सिद्ध करने का एक अघोषित अभियान कतिपय इतिहासकारों द्वारा अकादमिक स्तर पर अघोषित रूप [more…]

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बीच बहस

पेगासस गेट: घटती आजादी, सिमटता लोकतंत्र

पेगासस जासूसी मामला अप्रत्याशित नहीं है। सरकारों का (और विशेष रूप से हमारी वर्तमान सरकार का) यह स्वभाव रहा है कि वे अपनी रक्षा को [more…]

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ज़रूरी ख़बर

हिंदुत्व के मठ में राजा सुहेलदेव का पाठ

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(यूपी में बीजेपी केवल सत्ता नहीं चला रही है। बल्कि वह धार्मिक, सांस्कृतिक और सामाजिक स्तर पर भी सक्रिय है। बात यहीं तक सीमित रहती [more…]

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ज़रूरी ख़बर

परिनिर्वाण दिवस पर विशेष: हिंदुत्व, हिंदू राष्ट्र और डॉ. अंबेडकर

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90 के दशक के शुरुआत से ही संघ के नेतृत्व में हिंदुत्ववादी शक्तियां  अपनी राजनैतिक परियोजना के हिसाब से डॉ. अंबेडकर का पुनर्पाठ करने में [more…]

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राजनीति

सोनिया गांधी ने लिखा बाइडेन और कमला को पत्र, कहा- उम्मीद है अपने राष्ट्र के जख्मों को भरने में आप दोनों कामयाब होंगे

(कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति जो बाइडेन और उप राष्ट्रपति कमला हैरिस को पत्र लिखकर उनकी जीत की बधाई दी है। [more…]

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राजनीति

महामारी के बीच स्वतंत्रता दिवस और राष्ट्र के स्वास्थ्य पर प्रधानमंत्री के नये ऐलान का मतलब

भारत के स्वतंत्र देश बनने के बाद पहली बार हमने अपना स्वतंत्रता दिवस एक भयावह महामारी के बीच मनाया। ऐसी महामारी बीते 73 वर्षों में [more…]

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बीच बहस

इतिहास के सर्वाधिक पतनशील दौर में है भारतीय अभिजनों की राजनीति

(झूठ, फरेब, पाखंड, घृणा, नफरत, लालच, दंभ और अहंकार आदि अनादि नकारात्मक प्रवृत्तियों के मिलने से ही किसी फासीवादी जमात के चरित्र का निर्माण होता [more…]

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बीच बहस

आरएसएस और डॉ. आंबेडकर के विचारों में है 36 का रिश्ता

“अगर हिन्दूराज हकीकत बनता है, तब वह इस मुल्क के लिए सबसे बड़ा अभिशाप होगा। हिन्दू कुछ भी कहें, हिन्दूधर्म स्वतन्त्रता, समता और बन्धुता के [more…]

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राजनीति

चायना को छोड़ चना पर जोर, मोदी जी माजरा क्या है!

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बोले। पर, क्या वाकई बोले? नहीं, वो नहीं बोले। पर, क्या वाकई नहीं बोले? नहीं, नहीं, वो बोले तो। मगर, जो बोले [more…]