संसदीय शासन में व्याप्त दुर्गुणों के चलते जनता में असंतोष फैल जाता है। लोग इस व्यवस्था को समाप्त करना चाहते हैं। राजनीतिक व्यवस्था में लोगों का विश्वास घटने से तानाशाही के लिए रास्ता साफ हो जाता है, जर्मनों के...
नई दिल्ली। भारत में बढ़ती सांप्रदायिकता को देखते हुए, अब उसके खिलाफ आवाज भी उठनी शुरू हो गई है। सबसे पहले किरण मजूमदार शॉ ने सरकार को बेंगलुरु में बिगड़ते माहौल के बारे में मशवरा दिया था, और अब...
30 अप्रैल यानी आज ही के दिन एडोल्फ हिटलर ने आत्महत्या की थी। दूसरे विश्वयुद्ध के दौरान जब हिटलर को लगने लगा कि अब वह यह बड़ी जंग किसी भी तरह से, जीत नहीं पायेगा तो उसने अपनी पत्नी...
कभी-कभी एक शब्द इतिहास में ऐसे दर्ज हो जाता है कि उसके निशान सदियों तक बने रहते हैं। फिलवक्त एक शब्द 'आंदोलनजीवी' चर्चा में है, लेकिन हम दूसरे शब्द के बारे में सोचना भूल गए हैं, जिसने पिछली सदी...
(अमेरिकन लेखिका इजाबेल विल्करसन ने अपनी नयी किताब `कास्ट: द लाइज दैट डिवाइड अस` (Caste: The Lies That Divide Us) में अमेरिकी समाज की तुलना भारत के जातिवाद और जर्मनी के नाज़ीवाद से की है। यह किताब अमेरिका में काफी...
नई दिल्ली। लेखिका और एक्टिविस्ट अरुंधति रॉय ने कोरोना महामारी को भी सांप्रदायिक रंग देने के सरकार के मंसूबों पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने कहा है कि हालात जेनोसाइड की तरफ़ बढ़ रहे हैं। उनका कहना था कि...
शहंशाह को बागों से बहुत शिकायत है उसने अपनी डायरी में लिख लिया बाग के माने बगावत हैं @सोनी पांडेय
आज (26 जनवरी, 2020)
जब राजधानी के राजपथ पर सैन्य बल के प्रदर्शन
से देश के 70वें गणतंत्र का उत्सव मानाया जा...
सब जानते हैं, एनपीआर एनआरसी का मूल आधार है। खुद सरकार ने इसकी कई बार घोषणा की है। एनपीआर में तैयार की गई नागरिकों की सूची की ही आगे घर-घर जाकर जांच करके अधिकारी संदेहास्पद नागरिकों की शिनाख्त करेंगे।...
धार्मिक
अल्पसंख्यकों पर खुले हमलों के अतिरिक्त आज हम जिससे गुजर रहे हैं वह यह है कि
वर्ग और जाति युद्ध विकराल रूप ले रहा है। 26 सितम्बर 2019 को भारत नियंत्रित कश्मीर के श्रीनगर में कश्मीरी
पुरुषों ने मशाल जुलूस निकाला।...