Saturday, March 25, 2023

patriarchy

संवाद: पितृसत्ता और धर्म स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां

इंदौर। अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर महिलाओं की स्वतंत्रता और समाज में भागीदारी के अवसरों पर देश-विदेश में कई कार्यक्रम हुए। इसी कड़ी में इंदौर के हिन्दी साहित्य समिति सभागृह में “स्त्री के समक्ष शाश्वत चुनौतियां” विषय पर एक संवाद...

लैंगिक समानता एक मिथक है!

हम सभी पुरुष प्रधान/पितृसत्तात्मक समाज में रहते हैं, जहां अभी भी एक महिला को अपने मूल अधिकारों के लिए लड़ना पड़ता है और अगर वह अपनी आवाज उठाने की हिम्मत करती है, तो उसे या तो अपने परिवार या समाज द्वारा...

क्या आदिवासी समाज में भी आ गयी है खापों की बीमारी?

मुंडा आदिवासी समुदाय में भी अन्य आदिवासी समाज की तरह एक ही किलि में शादी करना निषेध है।  लेकिन अगर ऐसा हो जाता रहा  है तो किलि को कुछ नेग द्वारा ऊपर नीचे करके एक सहजता के साथ शादी को...

सात समुंदर पार बोस्टन में गूंजी हाथरस की बेटी के लिए जस्टिस की आवाज

नई दिल्ली। हाथरस और बलरामपुर में दलित लड़कियों के साथ हुई वीभत्स घटनाओं के खिलाफ विरोध की लहर अब सात समुंदर पार भी पहुंच गयी है। अमेरिका के बोस्टन में लोगों ने इसके खिलाफ प्रदर्शन किया है। प्रदर्शनकारी अपने...

जन्मदिन विशेषः पेरियार ललई सिंह यादव थे बुद्ध, पेरियार और आंबेडकर की वैचारिकी के वाहक

कांग्रेस (1885) द्वारा ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष शुरू करने से करीब एक दशक पहले जोतीराव फुले (11 अप्रैल, 1827-28 नवंबर, 1890) ने वर्ण-जाति व्यवस्था और पितृसत्ता के खिलाफ संघर्ष की शुरुआत कर दी थी। 1873 में प्रकाशित फुले...

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पंजाब को नहीं बनने देंगे अफगानिस्तान: भगवंत मान

पंजाब में बीते हफ्ते से चल रहे 'ऑपरेशन अमृतपाल सिंह खालसा' की बाबत एक सवाल यह भी सुलग रहा...