वादियों के गोशे-गोशे से संवाद करती कश्मीर कोकिला हब्बा खातून और उनके गीत
हब्बा खातून का जीवनकाल 1554 से 1609 तक का था। लगभग यही कार्यकाल मुग़ल बादशाह अकबर का भी था। जिस तरह अकबर की बादशाहत मशहूर [more…]
हब्बा खातून का जीवनकाल 1554 से 1609 तक का था। लगभग यही कार्यकाल मुग़ल बादशाह अकबर का भी था। जिस तरह अकबर की बादशाहत मशहूर [more…]
राहत इंदौरी बेहद आन-बान और शान वाले शायर थे। पूरे तीन दशक तक मुशायरों में उनकी बादशाहत क़ायम रही। एक दौर था, जब उनका नाम [more…]
भारत की संसद के पवित्र हॉल में, जहां कानून बनाये जाते हैं और नियति को आकार दिया जाता है, हमेशा शब्दों का निर्विवाद प्रभाव रहा [more…]
दरवाजा मैं एक दरवाजा थी मुझे जितना पीटा गया मैं उतना खुलती गई अंदर आए आने वाले तो देखा_ चल रहा है एक वृहद चक्र_ [more…]
(‘उसके छोटे-छोटे हाथ केक नहीं काट पा रहे थे। वह मोमबत्तियों के पहले जलने और फिर बुझ जाने के दृश्य को देखकर अचंभित थी।’’ उस [more…]
हिंदी साहित्य में साठ के दशक में नई कविता का जो आंदोलन चला, चंद्रकांत देवताले इस आंदोलन के एक प्रमुख कवि थे। गजानन माधव मुक्तिबोध, [more…]
अगर दुनिया सेसमाप्त हो जाता धर्मसब तरह का धर्ममेरा भी, आपका भीतो कैसी होती दुनिया न होती तलवार की धारतेज़ और लंबीन बनती बंदूकेनहीं बेवक्त [more…]
भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन और आधुनिक भारत के राजनीतिक व्यक्तित्वों के गंभीर अध्येता, साहित्यकार-अनुवादक वीरेंद्र कुमार बरनवाल का कल 12 जून को निधन हो गया। वीरेंद्र [more…]
आज कहीं भी कोई दुःखी नहीं है भारत में चतुर्दिक सुख का राज्य है किसान सोने के हल से जोत रहे हैं खेत उनकी आत्म [more…]
नई दिल्ली। वरिष्ठ वामपंथी बुद्धिजीवी, एक्टिविस्ट, पत्रकार व कवि अजय सिंह के जो चाहने वाले पिछले सप्ताह उनके चिकनगुनिया जैसी बीमारी से पीड़ित होने को [more…]