रूह अफ़ज़ा: वो गुलाबी एहसास जिस पर अब नफ़रत का साया है
कुछ लम्हे ऐसे होते हैं जो तिजारत की दुकानों में नहीं मिलते, वो किसी विज्ञापन से नहीं बनते, बल्कि यादों की तह में, दिलों की [more…]
कुछ लम्हे ऐसे होते हैं जो तिजारत की दुकानों में नहीं मिलते, वो किसी विज्ञापन से नहीं बनते, बल्कि यादों की तह में, दिलों की [more…]
इधर दशकों से शातिर राजनीतिक नेतृत्व द्वारा नामों और प्रतीकों की राजनीति जिस अंदाज में की जा रही है, वह चिताएं बढ़ाने वाली हैं। कहने [more…]
वीरेंद्र सेंगर वहां चले गये जहां से कोई कभी लौट कर नहीं आता। लेकिन वे लोगों की यादों में, उनके दिलों में उनकी आखिरी सांस [more…]
कांग्रेस आखिर किसकी पार्टी है! हिंदू को लगता है, कांग्रेस मुसलमानों की पार्टी है! मुसलमानों को लगता रहा है, कांग्रेस हिंदू पार्टी है! पूंजीपतियों को [more…]
यूपी की मिल्कीपुर सीट पर सपा और दिल्ली चुनाव में बीजेपी ने आप को परास्त कर दिया। दिल्ली में इस जीत के साथ ही उसने [more…]
सतरंगी राजनीति कब किस रंग में दिखने लगे यह भला किसे पता होता है। कब कौन नेता पाला बदल ले और कौन अपने बयान से [more…]
देश की राजनीति और राज्य व्यवस्था का स्वरूप धीरे-धीरे अलग दिशा में बढ़ रहा है। यहां पर दो तरह की विचारधाराएं और दो तरह की [more…]
पिछले दस वर्ष के शासन के बाद मोदी जी की पुनर्वापसी सोचिए क्या उनके जनहितकारी योजनाओं के क्रियान्वयन से हुई है शायद नहीं अगर ऐसा [more…]
बीते 17 दिसंबर यानी मंगलवार को भारत के गृह मंत्री अमित शाह द्वारा राज्यसभा में दिए गए डॉ भीमराव आंबेडकर संबंधी बयान को लेकर इन [more…]
नेता और राजनीति कोई अलग-अलग नहीं होते। फिर सत्तारूढ़ और विपक्ष में भी कोई बड़ा फर्क नहीं होता। सब एक ही थाली के चट्टे-बट्टे होते [more…]