हिंदी पट्टी कैसे हुई गोबर पट्टी में तब्दील?

5 दिन पहले फाइनेंशियल टाइम्स में प्रकाशित बाथ विश्वविद्यालय के संतोष मेहरोत्रा का यह लेख, अंग्रेजी हलकों में चर्चा का…

नवउदारवाद और टपक बूंद सिद्धांत के दिवालियेपन को उजागर करती है वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट

7 दिसम्बर, 21 को ज़ारी वर्ल्ड इनइक्वलिटी रिपोर्ट (World Inequality Report*) 2022 रिपोर्ट ने पिछली सदी के आखरी दशक से…

दलितों के लिए तबाही का नया दौर साबित हुआ है आरएसएस-बीजेपी का शासन

दलितों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए भारत की जाति व्यवस्था सबसे बड़ी बाधा है। जाति पदानुक्रम के पायदान…

गरीबी उन्मूलन और शांति का आपसी सम्बंध! विशेष संदर्भ गांधी, विनोबा और मुहम्मद यूनुस

और दिनों की तरह विश्व शांति दिवस भी गुजर गया। शांति के लिए तरह-तरह के विचार और सिद्धांत कहे गए…

भारत एक बार फिर बन गया है विपन्नों का देश

(कल एक संघी-साथी ने ‘135 करोड़ लोगों के फ्री टीकाकरण और 80 करोड़ लोगों को मुफ्त राशन’ देने की PM…

हमने नाइजीरिया को भी पछाड़ दिया है !

भारत ने अब नाइजीरिया को पछाड़ दिया है। यह वाक्य आप को हैरान कर देगा कि नाइजीरिया और भारत का…

छोटे उद्योगों को अर्थव्यवस्था के आकाश में ऊंचा उड़ने का हौसला देने की जरूरत

गंगा किनारे एक करोड़ दीयों में इतना प्रकाश नहीं कि भटके पथिक को रास्ता दिखा दें परंतु गांव की झोपड़ी…

सूबों में सबसे सुशासित केरल और सबसे कुशासित उत्तर प्रदेश: रिपोर्ट

‘जन मामलों का सूचकांक 2020’ जारी हो गया है। इस सूचकांक के अनुसार बड़े राज्यों में से सबसे सुशासित राज्य…

पाटलिपुत्र की जंग: बिहार में भी नफरत और खौफ के रथ पर सवार एनडीए

बिहार चुनाव में बीजेपी को नफ़रत और डर का ही सहारा है। यही कारण है कि भाजपा के नेता लगतार…

सुशांत की लाश पर बिहार में बिछ रही है वोटों की बिसात

बिहार का चुनाव भूख, गरीबी, शिक्षा, इलाज, बाढ़, कोरोना या फिर लॉकडाउन में बिहारी मजदूरों के रिवर्स पलायन पर नहीं…