मोदी जी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में फंड के तीन संभावित स्रोत हैं। पीएम केयर्स, राज्यों को मिलने वाली जीएसटी…
लोकतंत्र शर्मसार: युद्ध का मैदान बनी बिहार विधान सभा, सत्ता पक्ष के विधायकों ने नेता प्रतिपक्ष पर की हमले की कोशिश
बिहार विधानसभा में आज जमकर गुंडागर्दी हुई। प्रतिपक्ष की आवाज़ दबाने के लिए सत्ता पक्ष के विधायकों और उप मुख्यमत्री व…
क्या बाड़ ही खाने लगा है बीजेपी का खेत? विशेष संदर्भ उत्तराखंड
कुर्सी पर रहते हुए अपनी आभा गँवाने वाले भगवा नेताओं की सूची में त्रिवेन्द्र सिंह रावत सबसे नया नाम है।…
पश्चिम बंगाल चुनाव: राजनीतिक विश्लेषण की आड़ में भगवा समर्थन!
आज ‘द वायर’ पर एक कथित राजनीतिक विश्लेषक डॉ. सज्जन कुमार का बंगाल के चुनाव की परिस्थिति का विश्लेषण सुन…
गोलवलकर की पतनशील विचारधारा को प्रेरक तत्व मानता है मौजूदा सत्ताधारी दल
भारत के वर्तमान सत्ताधारी दल भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भले ही हमारे धर्मनिरपेक्ष-बहुवादी और संघात्मक संविधान के नाम…
बीजेपी की सत्ता में जिंदा रहना ही विकास!
दुनिया के कई देश गृहयुद्ध की भयावहता को झेल चुके हैं और आज भी उस परिस्थिति से गुजर रहे हैं,…
मौजूदा भारतीय संदर्भ के जटिल प्रश्न और पब्लिक इंटैलेक्चुअल की भूमिका!
पिछले दिनों अंग्रेजी में लिखने-पढ़ने और बोलने वाले बड़े लेखक का एक डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इंटरव्यू सुन रहा था।…
योगी की जिद पर भारी पड़ा बंद समर्थकों का हौसला! लाठीचार्ज, नजरबंदी और गिरफ्तारियों में बीता दिन
कृषि के काले कानूनों के खिलाफ आज किसान संगठनों ने ‘भारत बंद’ का आह्वान किया है। अन्नदाता की इस लड़ाई…
सत्ता ‘रंग-नुमाइश’ कराती है, ताकि रंगकर्म का विचार मर जाए!
रंगकर्म माध्यम है, यह सोचने या मानने वाले अधूरे हैं। वो रंगकर्म को किसी शोध विषय की तरह पढ़ते हैं…
जब निरंकुश सत्ताओं के लिए चुनौती बन गए व्यंग्यकार!
मशहूर साहित्यकार हरिशंकर परसाई व्यंग्य के विषय में कहते थे– “व्यंग्य जीवन से साक्षात्कार करता है, जीवन की आलोचना करता…