आमतौर पर वोट के समीकरण बैठाने के संदर्भ में गठबंधन की राजनीति की व्याख्या करने का रिवाज राजनीतिक चिंतकों में पिछले…
समान नागरिक संहिता और हिंदुत्व की राजनीति
2024 के लोकसभा चुनाव में अब मुश्किल से दस महीने शेष हैं और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता…
आरएसएस की बांझ विचारधारा के पास नहीं हैं लेखक, वैज्ञानिक और अवधारणाएं
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) की बांझ विचारधारा है, उसमें रहकर सृजन और कला-सृजन संभव नहीं है। संघ में रहकर…
जो सबका है, वही है ‘सारे जहां से अच्छा हिंदोस्तां हमारा’
ऐसे वक्त जबकि मुल्क में संवैधानिक संस्थाओं और प्रावधानों के साथ-साथ आजादी के समय की रवायतों-परम्पराओं पर हर तरफ से…
अंग्रेजों की तर्ज पर आज भी जारी है कूकियों पर अत्याचार
सुप्रीम कोर्ट ने मणिपुर हिंसा मामले में दायर एक याचिका की सुनवाई करते हुए कहा कि कानून व्यवस्था का मामला…
ग्राउंड रिपोर्ट: योगी के ‘गोवंश आश्रय स्थलों’ की दुर्दशा देख कांप उठती है रूह, कीचड़ और पानी में मरने को विवश हैं गोवंश
अमेठी। चारा-पानी, साफ-सफाई और उचित छांव के अभाव में दम तोड़ते गोवंशों की दुर्दशा को बरसात ने और बदतर बना…
एकरूपता या लैंगिक न्याय: ‘समान नागरिक संहिता’ का ड्राफ्ट कहां है?
विधि आयोग की अधिसूचना और प्रधानमंत्री मोदी की उसे लागू करने की जबरदस्त वकालत के चलते ‘समान नागरिक संहिता’ (यूसीसी)…
बिहार और झारखंड में भी दोहराया जा सकता है महाराष्ट्र जैसा खेल
आगामी लोकसभा चुनाव के लिए विपक्षी गठबंधन तैयार करने के प्रयासों की भाजपा चाहे जितनी खिल्ली उड़ाए लेकिन हकीकत यह…
ग्राउंड रिपोर्ट: पुरोला के बाद अब संघियों के निशाने पर पछवादून
पुरोला की असली कहानी खुल जाने और वहां मुंह की खाने के बाद उत्तराखंड में सांप्रदायिक उन्माद का माहौल बनाने…
राहुल गांधी का बढ़ता कद: जस जस सुरसा बदनु बढ़ावा, तासु दून कपि रूप देखावा
भारत के लोकतंत्र में पार्टियों का इतिहास यहां की भू-पारिस्थितिकी की तरह दिखता है। भारत की उत्तरवर्ती सीमा टैक्टोनिक असंतुलन की…