Tag: Social Justice
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क्यों इस देश के सवर्ण एससी-एसटी-ओबीसी के संवैधानिक अधिकारों को स्वीकार नहीं कर पाते?
भारतीय संविधान में दर्ज स्वतंत्रता, समानता, न्याय, बंधुता, व्यक्ति की गरिमा जैसे अन्य संवैधानिक मूल्य हमारे जीवन के घोषित आधार हैं। लेकिन आजाद भारत के 75 वर्ष बाद हम संवैधानिक मूल्यों को कितना स्वीकार पाए? हमारे देश में संवैधानिक मूल्यों का कितना पालन होता है, इसको जानने-समझने के लिए मैंने सागर जिले (मध्यप्रदेश) के एससी-एसटी और ओबीसी लोगों…
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क्यों सिद्धारमैया ही बने मुख्यमंत्री?
कर्नाटक में कांग्रेस ने अंततः भावी मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में सिद्धारमैया को ही चुन लिया है। वे कर्नाटक की जनता, कांग्रेस विधायक दल और कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व की मुख्यमंत्री पद के लिए पहली पसंद बने। डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के साथ कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की तस्वीर आज की सबसे प्रमुख…
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मनोज झा-ग़ज़ाला जमील का लेख: सामाजिक न्याय ‘पहचान की राजनीति’ नहीं, धड़कते दिलों की उम्मीद है
भारत में जाति को लेकर मुख्य समझ एक सांस्कृतिक परिघटना के रूप में जाति के विचार पर केंद्रित रही है। जाति और व्यापक सामाजिक न्याय की मांग करने वाली राजनीति का मजाक उड़ाते हुए ‘पहचान की राजनीति’ बताया जाता है। 22 अप्रैल के अपने लेख में प्रताप भानु मेहता ने इस तर्क को दोहराया है…
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दक्षिण में वीपी सिंह की मूर्ति लगाकर आखिर क्या संदेश देना चाहते हैं स्टालिन?
नई दिल्ली। तमिलनाडु में पूर्व प्रधानमंत्री विश्वनाथ प्रताप सिंह (वीपी सिंह) की आदमकद प्रतिमा जल्द ही लगने जा रही है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 20 अप्रैल को घोषणा की कि उनकी सरकार वीपी सिंह का सम्मान करने और तमिल समाज की ओर से ‘आभार’ व्यक्त करने के लिए चेन्नई में ऐसी प्रतिमा स्थापित…
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सतीश देशपांडे का लेख: बीजेपी के हिंदुत्व के चौसर पर भारी पड़ सकता है, स्टालिन का सामाजिक न्याय का पासा
जब यह बात कहने पर, कि “लोकतंत्र खतरे में है”, आपके ऊपर हमले होने लगें और आपको गाली दी जाने लगे, या जब सत्ताधारी राजनेता को सत्ता से हटाने का आह्वान करने वाले पोस्टर छापने पर आपके ऊपर पुलिसिया कार्रवाई होने लगे, या जब जिन संस्थाओं को स्वायत्त होना चाहिए, वे ही शक्तिशाली लोगों को…
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कांग्रेस महाधिवेशन: क्या कांग्रेस सामाजिक न्याय को अपना प्रमुख एजेंडा बनाने जा रही है?
कांग्रेस पार्टी ने रायपुर में हुए अपने 85वें महाधिवेशन में सामाजिक न्याय से जुड़े निम्न महत्पूर्ण फैसले लिए आज की तारीख में एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों की सबसे बड़ी मांग जाति आधारित जनगणना है। नरेंद्र मोदी की सरकार जाति आधारित जनगणना कराने से साफ इंकार कर चुकी है। कांग्रेस ने अपने महाधिवेशन में इस…
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परशुराम नहीं बुद्ध और कबीर की राह पर चलिए तेजस्वी जी
प्रिय तेजस्वी यादव जी, कुछ दिन पहले मैं राजधानी पटना में था। तभी सोशल मीडिया पर आप की एक तस्वीर कुछ दोस्तों ने शेयर की। तस्वीर में आप किसी ‘परशुराम जयंती’ में बोल रहे थे। आप की आलोचना में जब मैंने सोशल मीडिया पर कुछ कॉमेंट्स पढ़े तो सब से पहले मैंने पूरे मामले को…
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क्या वास्तव में भाजपा से खफा हैं यूपी के ब्राह्मण ?
हिंदुत्व, राष्ट्रवाद, विकास, सामाजिक न्याय और धर्म निरपेक्षता जैसे भारी भरकम और आसमानी मुद्दों के नीचे उत्तर प्रदेश की चुनावी राजनीति एक बार फिर से जातियों की हकीकत पर आकर खड़ी हो गई है। इसलिए यह सवाल उठना लाजिमी है कि क्या उत्तर प्रदेश में 12 से 15 प्रतिशत आबादी वाली ब्राह्मण बिरादरी योगी आदित्यनाथ…
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कोल को जनजाति का दर्जा दिए बगैर यूपी में नहीं पूरा होगा सामाजिक न्याय का एजेंडा: आईपीएफ
लखनऊ। इस समय जाति आधारित जनगणना पर बहस बढ़ती जा रही है। लेकिन उत्तर प्रदेश में कोल को अनुसूचित जनजाति का दर्जा मिले उस पर आम तौर पर मुख्यधारा के राजनीतिक दल चुप हैं। उन्हें चुप्पी तोड़नी चाहिए और कोलों को जनजाति का दर्जा देने की मांग केन्द्र सरकार से करनी चाहिए। आदिवासियों में एक…
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अयोध्या भूमि पूजनः मोदी का नया हिंदुत्व
अयोध्या में पांच अगस्त को राम जन्मभूमि पूजन का कार्यक्रम बिना किसी राजनीतिक विरोध के संपन्न हो गया और भारत का लोकतंत्र, जो पिछले छह सालों से लड़खड़ा कर चल रहा था, थक कर बैठ गया। हिंदू राष्ट्र का एजेंडा कागज से उतर कर जमीन पर आ चुका है और साकार रूप ले रहा है।…