Thursday, April 25, 2024

struggle

विराट व्यक्तित्व के मालिक थे जवाहरलाल नेहरू

स्वतंत्रता आंदोलन के प्रमुख नेताओं में से एक, पंडित जवाहर लाल नेहरू का भारतीय इतिहास में अविस्मरणीय योगदान है। परतंत्र भारत में पंडित नेहरु का महत्व जहां देश को स्वतंत्र कराने के लिए किए गए उनके अथक प्रयासों के...

आजादी की लड़ाई में जेलें होती थीं नेहरू का दूसरा घर

सोशल मीडिया पर यह बात भी गाहे-बगाहे कही जाती है कि जवाहरलाल नेहरू को किसी नियमित जेल में नहीं बल्कि आरामदायक डाक बंगले में रखा जाता था। उन्हें ब्रिटिश सरकार विशेष सुविधा देती थी। यह बात सच नहीं है। नेहरू...

जवाहरलाल नेहरू: मन, कर्म और वचन से समाजवादी

27 मई 1964 को पंडित जवाहरलाल नेहरू का निधन हुआ। नेहरू के निधन के बाद एक दशक तक तो सब ठीक ठाक चला, परंतु 1974 में जयप्रकाश नारायण के नेतृत्व में चले संपूर्ण क्रांति के आंदोलन से परिस्थितियां बदल...

दो सावरकर नहीं हैं ‘1857’ और ‘हिन्दुत्व’ के लेखक

(सावरकर को लेकर यह भ्रम प्रगतिशील समझे जाने वाले बुद्धिजीवियों में भी आम रहा है कि `हिन्दुत्व का सिद्धांतकार` अपने शुरुआती दौर में धर्मनिरपेक्ष था। यह भ्रम 1909 में आई सावरकर की पुस्तक ‘वार ऑफ इंडिपेंडेंस, 1857’  की बुनियाद...

काश, हमारा प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सफल हुआ होता !

1857 के characterisation पर और चाहे जो भी बहसें हों, यह तो निर्विवाद है कि यह अंग्रेजों के खिलाफ हिंदुस्तानियों की लड़ाई थी, मजहब की सीमाओं के पार। गंगा-जमनी तहज़ीब की बुनियाद पर लड़ी गई, साझी शहादत की वह...

आज के अमीरों के पुरखों ने ही 1857 में की थी देश के साथ ग़द्दारी!

आज 10 मई 2020, प्रथम भारतीय सवतंत्रता संग्राम 1857 की 163वी जयंती है। सरकार की नीतियों की वजह से, भारत में कोरोना संकट अमीर बनाम गरीब, गांव बनाम शहर आधारित सत्ता के संघर्ष मे बदल गया है। अमीरों को...

रंग कितने संग मेरे : घायल अस्मिताओं की संघर्ष कथा

    हर एक कागज          मेरे संघर्ष का चश्मदीद गवाह बनकर         दीवारों पर चिपक गया है         या किताबों में दर्ज हो गया है        ...

जन्मदिन पर विशेष: अंग्रेजों से लोहा लेने वाली माखनलाल की कलम ने आज़ादी के बाद दिखाया समाज को रास्ता

बीसवीं सदी के पूर्वार्ध में अनेक महापुरुषों ने राष्ट्रीय परिदृश्य पर अपने बहुआयामी व्यक्तित्व और कालजयी कृतित्व की छाप छोड़ी। ऐसे ही महापुरुषों में दादा माखनलाल चतुर्वेदी का नाम बड़े ही सम्मान और गौरव के साथ लिया जाता है।...

शहादत सप्ताह: भगत सिंह के विचार हर सत्ता के लिए खतरनाक हैं

धर्म और सांप्रदायिकता का सवाल भगत सिंह की शहादत की इस नवासीवीं सालगिरह पर क्या हम सबको इस विषय पर गंभीर चिंतन की जरूरत आ पड़ी है कि आधुनिकता के मूल्यों से लैस जागरूक नागरिकों वाले वैज्ञानिक समाजवादी भारत के...

शहादत सप्ताह: सांप्रदायिकता को राष्ट्र का सबसे बड़ा दुश्मन मानते थे गणेश शंकर विद्यार्थी

अमर शहीद गणेश शंकर विद्यार्थी सिर्फ महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ही नहीं थे, बल्कि हिन्दी पत्रकारिता के शिखर पुरुष भी माने जाते हैं। लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक के विचारों से प्रेरित विद्यार्थी ‘जंग-ए-आजादी’ के एक निष्ठावान सिपाही थे। गणेश...

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा चुनाव आयोग पर हमारा नियंत्रण नहीं, ईवीएम वीवीपैट पर फैसला सुरक्षित

सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को ईवीएम वीवीपैट केस में फैसला सुरक्षित रख लिया। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार 24 अप्रैल को कहा कि वह...