Friday, March 29, 2024

struggle

बाहरी चुनौतियों से निपटने की जगह भीतरी संघर्ष में फंसी है कांग्रेस

जो उम्मीद थी, वही हुआ। कांग्रेस कमेटी ने अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी में आस्था प्रकट की तथा उन्हें सभी कार्यों के लिए अधिकृत कर दिया ।  बैठक के संबंध में जो जानकारी मीडिया से प्राप्त हुई है उससे पता चलता...

संदर्भ भारत छोड़ो आंदोलन: गोलवलकर और सावरकर का था स्वतंत्रता आंदोलन से 36 का रिश्ता

भारत के स्वाधीनता संग्राम की जो विशेषताएं उसे विलक्षण बनाती हैं, उनमें उसका सर्वसमावेशी स्वरूप और निर्णायक तौर पर अहिंसक प्रवृत्ति मुख्य हैं। महात्मा गांधी ने स्वाधीनता आंदोलन और समाज सुधार को अपरिहार्य रूप से अन्तर्सम्बन्धित कर दिया था।...

साझी शहादत- साझी विरासत के नायाब उदाहरण हैं शहीद वारिस अली:इंसाफ मंच

मुजफ्फरपुर। शहीद वारिस अली का नाम स्वतंत्रता संग्राम में बिहार के उन चंद शहीदों की सूची शामिल होने का गौरव हासिल है जिन्होंने सबसे पहले कुर्बानी दी थी। यह पहले बिहारी योद्धा थे जिन्हें अंग्रेजों ने 6 जुलाई 1875 को...

साझी शहादत-साझी विरासत: वसंत राव और रजब अली को याद करना क्यों जरूरी है ?

अहमदाबाद के जमालपुर के पास स्थित वसन्त-रजब चौक कितने लोगों ने देखा है? देखा तो कइयों ने होगा, और आज की तारीख में उससे रोज गुजरते भी होंगे, मगर अंगुली पर गिनने लायक लोग मिलेंगे जिन्होंने चौराहे के इस...

बरनवालः गांधीवादी चिंतक की गुमनाम विदाई

वीरेंद्र कुमार बरनवाल के निधन की सूचना वरिष्ठ पत्रकार और बड़े भाई जयशंकर गुप्त जी की पोस्ट से मिली। अचानक मुलाकात की बारह साल पुरानी स्नेहिल स्मृतियां कौंध गईं। 10 नवंबर 1945 को आजमगढ़ में जन्मे बरनवाल जी हीरक...

आजादी की लड़ाई की क्रांतिकारी धारा के अगुवाओं में शामिल थे बिस्मिल

11 जून, अमर शहीद और भारतीय स्वाधीनता संग्राम के अमर योद्धा राम प्रसाद बिस्मिल की जन्मतिथि है। उत्तर प्रदेश के जिला शाहजहांपुर में 11 जून 1897 को जन्मे, राम प्रसाद बिस्मिल, भारतीय स्वाधीनता संग्राम के क्रांतिकारी आंदोलन के एक...

जयंती पर विशेष: आज़ादी की लड़ाई की मुकम्मल नींव थे बिस्मिल

"सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है, देखना है ज़ोर कितना बाज़ु-ए-क़ातिल में है" भारत की आज़ादी के आंदोलन में ये पंक्तियां क्रांतिकारियों का मशहूर नारा बनीं। 1921 में बिस्मिल अज़ीमाबादी द्वारा लिखी जोश-ओ-खरोश से लबरेज़ इन पंक्तियों ने जिस...

ब्लू स्टार की बरसी पर स्वर्ण मंदिर के सामने पुलिस और कट्टरपंथियों में तीखी झड़प

ऑपरेशन ब्लू स्टार की 36वीं बरसी पर आज श्री हरमंदिर साहिब परिसर के बाहर पुलिस और सिख कट्टरपंथियों एवं खालिस्तानियों के बीच तीखी बहस के बाद जबरदस्त हाथापाई हुई। पुलिस ने आसपास के सारे रास्ते सख्ती के साथ सील...

आखिर भारत में क्यों नहीं होता जातीय भेद और ब्राह्मणवादी वर्चस्व के खिलाफ अमेरिका जैसा प्रतिरोध?

अमेरिका की तस्वीरें अखबारों और सोशल मीडिया पर पूरी दुनिया ने देखी हैं। निजी तौर पर अमेरिका और उसका कथित जनतंत्र अपन जैसे लोगों की कभी पसंद नहीं रहे। पर भारत से तुलना करते हैं तो अमेरिकी समाज वाकई...

जवाहरलाल नेहरू, एक विज़नरी लीडर

पंडित जवाहर लाल नेहरु की आज पुण्यतिथि है। नेहरु का स्मरण इसलिए भी जरूरी है, हम उन मूल्यों को याद कर सकें जो एक दौर में भारत के ह्रदय में धडकते थे। पंडित नेहरु का पूरा जीवन आधुनिक भारत...

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बहुसंख्यकवादी नैरेटिव को टेका लगाती फिल्में: स्वातंत्र्यवीर सावरकर

फिल्म जनसंचार का एक शक्तिशाली माध्यम है जो सामाजिक समझ को कई तरह से प्रभावित करता है। कई दशकों...