एक ही साल एक दिन के अंतर पर मिलने वाली आज़ादियों के बाद दोनों देशों के बीच की तनातनी गाहे…
पीएम के बनारस में दुरूह होती निष्पक्ष पत्रकारिता, सच लिखा तो संपादक पर दर्ज कराया फर्जी मुकदमा
वाराणसी। उत्तर प्रदेश में पत्रकारिता के सामने निष्पक्षता और निर्भीकता का मुद्दा गंभीर हो गया है। पत्रकारों के खिलाफ फर्जी…
क्या ग्रोक पर ब्रेक लग सकता है?
एलनमस्क के ग्रोक के ज़रिए पिछले दिनों से ताबड़तोड़ सवाल जवाब पूछे जा रहे हैं तथा उस पर संदेह कहीं…
व्हाट्सएप इतिहास: सच या राजनैतिक एजेंडा
पिछले कुछ समय से समाज की सामूहिक समझ को आकार देने में व्हाट्सएप यूनिवर्सिटी की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण बन गई…
भारत का नवजीवन : सत्य, शंका, संभावना, समस्या और समाधान
आम चुनाव 2024 में सत्ता परिवर्तन के आसार दिख रहे हैं। यदि सचमुच सत्ता परिवर्तन होता है, तो भारत के…
दर्द जिंदगी का सच है, वही जोड़ कर रखे हुए है हम सबको
दर्द से मेरा दामन भर दे..! अजीब सा ख़्याल है ना, लोग देवताओं से दुआ मांगते हैं कि उनका दामन ख़ुशियों से…
बंजर जमीन पर वनीकरण की हकीकत
क्षतिपूरक वनीकरण हास्यास्पद कवायद बन गई है। इसके अंतर्गत बंजर और पथरीली जमीन पर पौधे पनपाने की कोशिश होती है…
गांधी जी, सत्य और अहिंसा
कल (1 अक्तूबर) के ‘टेलिग्राफ’ में हिलाल अहमद का एक लेख ‘सत्याग्रह’ की बद्धमूल धारणा के संदर्भ में ‘एक संभावनापूर्ण…
आखिर सच से इतना खौफ क्यों खाती है सत्ता?
अभिव्यक्ति के विरोधियों की भावनाएं बड़ी जल्दी-जल्दी आहत होने लगती हैं और उन्हें अभिव्यक्ति की हर आज़ादी, देश के मौलिक…
बयानों तक क्यों सीमित हैं मी लॉर्ड के अल्फाज?
‘अधिनायकवादी सरकारें अपनी सत्ता को मजबूत करने की खातिर झूठ पर निर्भरता के लिए जानी जातीं हैं, हम देखते हैं…