Friday, June 9, 2023

truth

बंजर जमीन पर वनीकरण की हकीकत

क्षतिपूरक वनीकरण हास्यास्पद कवायद बन गई है। इसके अंतर्गत बंजर और पथरीली जमीन पर पौधे पनपाने की कोशिश होती है जिस जमीन पर पहले कभी कुछ नहीं पनपा। विभिन्न विकास योजनाओं की वजह से हुए वन-विनाश की क्षतिपूर्ति करना...

गांधी जी, सत्य और अहिंसा

कल (1 अक्तूबर) के ‘टेलिग्राफ’ में हिलाल अहमद का एक लेख ‘सत्याग्रह’ की बद्धमूल धारणा के संदर्भ में ‘एक संभावनापूर्ण हथियार’ (Potent Weapon) अपने तमाम संकेतों के साथ बहुत महत्वपूर्ण लेख था। उसे पढ़ते हुए ही आज गांधी जयंती...

आखिर सच से इतना खौफ क्यों खाती है सत्ता?

अभिव्यक्ति के विरोधियों की भावनाएं बड़ी जल्दी-जल्दी आहत होने लगती हैं और उन्हें अभिव्यक्ति की हर आज़ादी, देश के मौलिक अधिकारों के दुरुपयोग और देशद्रोह के रूप में नज़र आने लगता है। जिन्हें कॉमनवेल्थ ऑफ नेशंस और डोमिनियन स्टेटस,...

बयानों तक क्यों सीमित हैं मी लॉर्ड के अल्फाज?

'अधिनायकवादी सरकारें अपनी सत्ता को मजबूत करने की खातिर झूठ पर निर्भरता के लिए जानी जातीं हैं, हम देखते हैं कि दुनियाभर के देशों में कोविड-19-डेटा में हेर-फेर करने की प्रवृत्ति बढ़ रही है, इसलिए जरूरी है कि समाज...

सत्य के बरक्स झूठ का भीमकाय बनना

महात्मा गांधी ने एक बार कहा था, "सत्य ही ईश्वर है"। सत्य शब्द का प्रयोग कई अर्थों में किया जाता है। एक अर्थ में वह एक दार्शनिक कथन या सिद्धांत हो सकता है, जो ज्ञान की हमारी खोज की...

ज्यादातर सरकारें अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए झूठ बोलती हैं: जस्टिस चंद्रचूड़

उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा है कि कोई केवल उस बात पर विश्वास नहीं कर सकता जो सरकार बता रही है। ज्यादातर सरकारें अपनी सत्ता को बचाए रखने के लिए झूठ बोलती हैं। पूरी दुनिया...

राहुल बनाम मोदीः सच बनाम झूठ की लड़ाई

राहुल गांधी के बारे में लिखना-बोलना एक कठिन काम है। देश की सबसे पुरानी तथा एक महत्वपूर्ण पार्टी के नेता के बारे में अपनी राय व्यक्त करने में हिचक होना खुद ही काफी कुछ बयान करता है। वह यही...

मीडिया सुधार के सिलसिले में एक सरोकारी पत्रकार की चिट्ठी

Media, letter, journalist, broker, truth, alternative, (इस समय मीडिया की स्थिति को लेकर बहुत सारे लोग बेहद चिंतित हैं। और यह चिंता समाज के हर उस तबके में है जो न्याय, सत्य और सरोकार में विश्वास करता है। लेकिन इसकी...

मीडिया के शोर में राफेल घोटाले की सच्चाई को दफ़्न करने की कोशिश

सरकार की पीआर एजेंसी के रूप में कुछ टीवी चैनलों का बदलना अब हैरान नहीं करता है, बल्कि हैरान करता है उन्मादित डिबेट के शोर में सरकार से किसी संजीदा मामले पर अचानक टीवी चैनलों का कुछ सवाल उछाल...

असत्य, अंधविश्वास और घृणा बनाम सत्य, तर्क और प्रेम

सभ्यता के बारे में यह जाना-माना सच है कि दर्शन, अध्यात्म, धर्म, विज्ञान, कला, साहित्य, अध्ययन-मनन के अन्य विविध शास्त्र, स्वतंत्र अध्ययन-मनन आदि में गहरे डूबा व्यक्ति हमेशा कम बातें करता है। गांधी की अवधारणा लें तो राजनीति के...

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जीपीएफ के अनुमति वापस लेने के बाद अब प्रेस क्लब में होगा एक्टिविस्टों की रिहाई का कार्यक्रम

नई दिल्ली। जेलों में बंद सामाजिक कार्यकर्ताओं की रिहाई के लिए दिल्ली के गांधी शांति प्रतिष्ठान में आयोजित होने...