उन्नाव रेप: डीएम समेत तीन महिला अफसरों की मिलीभगत आई सामने, सीबीआई ने की कार्रवाई की सिफारिश

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लखनऊ। उन्नाव से भारतीय जनता पार्टी के विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर के मामले में सीबीआई ने तीन महिला अफसरों को सीधे तौर पर दोषी माना है। इसके बाद से ही यूपी की सियासत गर्मा गई है। कांग्रेस ने योगी सरकार पर सीधा सियासी हमला बोला है। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने योगी सरकार पर सीधा आरेाप लगाते हुए कहा कि आखिर उन्नाव के तत्कालीन जिलाधिकारी और पुलिस अधीक्षक किन भाजपा नेताओं के इशारे पर बलात्कारी कुलदीप सिंह सेंगर की मदद कर रहे थे। उनके नाम सामने आने चाहिए।

भाजपा के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर ने साथी की मदद से जून 2017 में युवती के साथ बलात्कार किया था। इसके बाद पीड़िता को मुकदमा वापस लेने के लिए लगातार प्रताड़ित किया जा रहा था। इसके बाद युवती के पिता की पुलिस हिरासत में मौत हो गई थी। न्याय न मिलने पर युवती ने 8 अप्रैल 2018 को लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के आवास के सामने आत्मदाह का प्रयास किया। इसके बाद ही मामले ने तूल पकड़ लिया था। इसके बाद युवती की एक सड़क दुर्घटना में जान लेने की भी कोशिश की गई थी। इस मामले में जांच चल रही है। उन्नाव रेप मामले में कुलदीप सिंह सेंगर जेल में हैं।

यह मामला एक बार फिर से चर्चा में आ गया है। सीबीआई जांच में खुलासा हुआ है कि उस वक्त इस केस से जुड़ी तीन महिला अफसरों और एक पुरुष पुलिस अफसर ने घोर लापरवाही बरती थी। सीबीआई ने तत्कालीन डीएम अदिति सिंह, एसपी पुष्पांजलि और नेहा पाण्डेय को दोषी माना गया है। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि रेप पीड़िता की शिकायत और बयान के बाद भी इन महिला अधिकारियों ने कोई कार्रवाई नहीं की।

आईएएस अदिति सिंह उन्नाव की तत्कालीन डीएम थीं। आईपीएस अधिकारी नेहा पांडेय और पुष्पांजलि उन्नाव में एसपी थीं। तीनों महिला अधिकारियों के अलावा सीबीआई ने तत्कालीन अपर पुलिस अधीक्षक अष्टभुजा सिंह को भी इस केस में लापरवाही का दोषी पाया है और उनके खिलाफ भी कार्रवाई के लिए राज्य सरकार को पत्र लिखा है।

लोगों के बीच कुलदीप सिंह सेंगर।

2009 बैच की आईएएस अदिति सिंह 24 जनवरी 2017 से 26 अक्टूबर 2017 तक उन्नाव की डीएम थीं। सीबीआई की जांच में सामने आया है कि अदिति सिंह से रेप पीड़िता ने कई बार शिकायत की। उसने कई पत्र उन्हें लिखे, लेकिन डीएम ने उसके पत्र पर कोई कार्रवाई नहीं की। 2006 बैच की आईपीएस पुष्पांजलि सिंह उन्नाव में 27 अक्तूबर 2017 से 30 अप्रैल 2018 तक एसपी थीं। उन पर आरोप है कि उन्होंने भी रेप पीड़िता की शिकायत पर ध्यान नहीं दिया। यहां तक कि जब रेप पीड़िता के पिता को पीटा गया और उनकी मौत हो गई, तब भी एसपी ने कोई सख्त एक्शन नहीं लिया। यहां तक कि उन्होंने इस केस को दबाने की ही कोशिश की।

2009 बैच की आईपीएस नेहा पाण्डेय उन्नाव में 2 फरवरी 2016 से 26 अक्तूबर 2017 तक एसपी थीं। सीबीआई की जांच में खुलासा हुआ है कि नेहा पाण्डेय ने भी अपने पद पर रहते हुए पीड़िता की कोई मदद नहीं की। वह बार-बार उन्हें पत्र लिखती रही और वह उसके पत्रों को नजरअंदाज करती रहीं। बता दें कि आईएएस अदिति सिंह अभी हापुड़ में डीएम हैं। वहीं आईपीएस नेहा पाण्डेय केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर आईबी में तैनात हैं। पुष्पांजलि वर्तमान में गोरखपुर में एसपी रेलवे हैं।

कांग्रेस ने इस मामले में योगी सरकार पर सीधा हमला किया है। पार्टी ने मांग की है कि इस मामले में सेंगर की मदद करने वाले उन मंत्रियों के नाम भी सामने आने चाहिए, जिन्होंने अपरोक्ष रूप से कुलदीप सिंह सेंगर की मदद की थी। प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उन्नाव की बेटी के इंसाफ के लिए प्रतिबद्ध है। हम शुरू से कह रहे हैं कि इस पूरे मामले में बड़े-बड़े ओहदेदार शामिल हैं।

सीबीआई ने तीन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है। यह अभी शुरुआत है। कुलदीप सिंह सेंगर को राजनीतिक संरक्षण देने वाले बेनकाब होने चाहिए ताकि दुनिया को सच्चाई का पता चले कि बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ का नारा देने वाले किस तरह से एक बलात्कारी की पैरोकारी में लगे हुए थे।

अजय कुमार लल्लू ने कहा कि उस समय भाजपा सरकार के कई मंत्री और विधायक खुले तौर पर बलात्कारी कुलदीप सेंगर का बचाव कर रहे थे। क्या योगी आदित्यनाथ इन विधायक मंत्रियों पर भी कोई कार्रवाई करेंगे?

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