बजरंग दल का उपद्रव: आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के बाद दलितों पर बोला हमला

भोपाल। मध्य प्रदेश के सीहोर में एक दलित गांव में बजरंग दल ने पहले आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ी, फिर दलितों पर हमला बोला। पुलिस ने बताया कि इस मामले में उन्होंने गुरुवार को तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। द इंडियन एक्सप्रेस को पुलिस ने बताया कि बरखेड़ा कुर्मी गांव में इस घटना के घटित होने के पीछे की वजह यह है कि इस महीने की शुरुआत में मंगलवार को एक धार्मिक जुलूस के दौरान हुई घटना से भड़की थी। एक ग्रामीण ने कथित तौर पर एक पुजारी पर हमला किया और हनुमान ध्वज को नुकसान पहुंचाया।

पुलिस के अनुसार बजरंग दल के लोगों की भीड़ ने आंबेडकर की प्रतिमा को नुकसान पहुंचाने के बाद दलितों के घरों को भी क्षतिग्रस्त किया। बजरंग दल का कहना है कि इन लोगों ने हनुमान ध्वज को नुकसान पहुंचाया था और पुजारी के साथ बदसलूकी की थी। बजरंग दल के जुलूस में शामिल लोगों ने दलितों को जाति सूचक गालियां भी दीं।

पुलिस के अनुसार पांच लोगों पर आंबेडकर की प्रतिमा तोड़ने के लिए एफआईआर दर्ज किया गया है।

पुलिस ने आईपीसी की कई धाराओं के तहत इछावर पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज की… जिसमें अपराधी के द्वारा आपराधिक धमकी देना, लोगों को चोट पहुंचाना, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाना और क्षति पहुंचाने वाली शरारतें शामिल हैं। साथ ही अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की धाराओं (अत्याचार निवारण अधिनियम) के तहत भी एफआईआर दर्ज किया गया है।

इछावर पुलिस थाने की प्रभारी ऊषा मरावी ने बताया कि, ”हमने इस मामले में तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। भीड़ में भले ही बजरंग दल के सदस्य थे, लेकिन इस भीड़ में ज्यादातर लोग आसपास के गांवों के शामिल थे। एक धार्मिक जुलूस के दौरान झगड़ा हो गया था। जब एक ग्रामीण ने नशे की हालत में हनुमान ध्वज ले जा रहे पुजारी पर अचानक डंडे से वार कर दिया। झंडे के ऊपर हनुमान की तस्वीर लगी हुई थी, जो क्षतिग्रस्त हो गई। उसी के कारण वर्तमान घटना घटी। ग्रामीणों को लगा कि उनकी रैली को गांव में प्रवेश नहीं करने दिया जाएगा, इसलिए वे बड़ी संख्या में एकत्र हो गए। उन्होंने हमसे अनुमति नहीं ली।”

भीम युवा संगठन जो की स्थानीय दलित अधिकार संगठन है, के सदस्यों ने गुरुवार को अंबेडकर प्रतिमा को हुए नुकसान का सर्वेक्षण किया, जिसमें ये पाया गया है कि प्रतिमा के गर्दन के आसपास में दरारें आ गई थीं।

अंबेडकर की प्रतिमा को अप्रैल में स्थापित किया गया था। मामले का मुख्य आरोपी अजय राठौड़ ने कथित तौर पर उस वक्त इसके स्थापना पर भी आपत्ति जताई थी। गिरफ्तार किए गए तीन लोगों में बजरंग दल का सदस्य राठौड़ भी शामिल है।

भीम युवा संगठन के एक सदस्य ने कहा कि “पहले भी गांव के प्रवेश द्वार पर अंबेडकर के झंडे लगाने और अंबेडकर की मूर्ति की स्थापना को लेकर झगड़े हुए हैं। ग्राम पंचायत ने प्रतिमा स्थापित करने का निर्णय लिया था लेकिन इसकी वजह से गांव में तनाव बढ़ गया है।”

राठौड़ के पिता, गोरेलाल राठौड़ ने कहा “मेरा बेटा दो साल से बजरंग दल के साथ है और अपने क्षेत्र में काम करने को लेकर ज्यादातर बैठकों में भाग लेता है। हनुमान की तस्वीर क्षतिग्रस्त होने पर झगड़ा हुआ और मेरा बेटा जय श्री राम के नारे लगाते हुए एक समूह के साथ आया। चीजें देखते-देखते नियंत्रण से बाहर हो गईं, लेकिन वह वहां से जा चुका था और अंबेडकर की मूर्ति को नुकसान पहुंचाने के लिए वो जिम्मेदार नहीं है। अगर प्रधानमंत्री खुद डॉ. अंबेडकर का सम्मान करते हैं तो हमें क्या दिक्कत है? जब प्रतिमा स्थापित की गई तो मैं स्वयं उपस्थित था। उन्होंने हम सभी के लिए संविधान लिखा।”

(द इंडियन एक्सप्रेस खबर पर आधारित)

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