नई दिल्ली। पंजाब, हरियाणा और दिल्ली में आतंक का पर्याय माने जाने वाले जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के खुलासे ने नौकरशाही, सत्ता प्रतिष्ठान और मीडिया के समक्ष बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। बिश्नोई ने एनआईए की जांच टीम को बताया है कि राजनेता और व्यवसायी उससे धमकी भरे कॉल करवाते थे और बदले में भारी रकम देते थे। ये धमकी भरे कॉल इसलिए कराए जाते थे ताकि वे लोग पुलिस से वीआईपी सुरक्षा की मांग कर सकें। चर्चित गैंगस्टर के इस खुलासे ने सुरक्षा प्रदान करने वाली एजेंसियों की कार्यशैली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। लॉरेंस विश्नोई ने कहा कि इस काम में वह अकेले नहीं बल्कि अन्य अपराधियों के साथ मिलकर लोगों को फर्जी धमकियां देता था।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) ने बिश्नोई को अप्रैल में हिरासत में लिया था। एजेंसी ने खालिस्तानी संगठनों के लिए फंडिंग से जुड़े मामले में उससे पूछताछ की। सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड का मुख्य आरोपी बिश्नोई फिलहाल बठिंडा की जेल में है।
हालिया पूछताछ में लॉरेंस बिश्नोई ने जांचकर्ताओं को बताया कि “वह शराब डीलरों, कॉल सेंटर के मालिकों, दवा आपूर्तिकर्ताओं और रियल एस्टेट व्यवसायियों से हर महीने 2.5 करोड़ रुपये की फिरौती के तौर पर उगाही कर रहा है। एक सूत्र ने कहा है कि, बिश्नोई ने दावा किया कि इन दिनों, कई राजनेता और व्यवसाय से संबंधित लोग राज्य के पुलिस से सुरक्षा पाने के लिए धमकी भरे जबरन वसूली वाले कॉल करने पर उसे पैसे दे रहे हैं।
बिश्नोई ने एनआईए को यह भी बताया कि उसके पास एक “बिजनेस मॉडल” है जिसमें उत्तर प्रदेश से धनंजय सिंह, हरियाणा से काला जथेरी, राजस्थान से रोहित गोदारा और दिल्ली से रोहित मोई और हाशिम बाबा के जेल में बंद गैंगस्टरों के साथ साठ-गांठ है। एनआईए अधिकारियों का कहना है कि “इस गठबंधन व्यवसाय मॉडल में हिस्सेदारी प्रतिशत का अनुबंध किया हुआ है। इसके अलावा, अगर वे अपने प्रतिद्वंद्वी को खत्म करना चाहते हैं, तो वे एक-दूसरे को हथियारों के साथ-साथ शूटर भी उपलब्ध कराते हैं”।
बिश्नोई ने पूछताछ में बताया कि 1998 में काले हिरण के शिकार से जुड़े मामले को लेकर उनके निशाने पर बॉलीवुड अभिनेता सलमान खान थे और ये खबर कई बार जनता के सामने भी आ चुकी है। काले हिरण को बिश्नोई समुदाय द्वारा पवित्र माना जाता है, और इसी वजह से सलमान खान को बिश्नोई ने निशाना बनाया। उसने कथित तौर पर कहा कि वह सलमान खान को तभी माफ करेगा जब वह “माफी मांगेंगे।”
सूत्र ने कहा, खालिस्तान मामले पर पूछे गये सवाल पर, “उसने इस बात का दावा किया है कि वह खालिस्तान अवधारणा के खिलाफ है और वह अन्य अपराधियों के साथ गठजोड़ करके सिर्फ अपना अपराध का सिंडिकेट चलाना चाहता है।”
बिश्नोई ने एनआईए को यह भी बताया कि वह डी-कंपनी और दाऊद इब्राहिम के सख्त खिलाफ है। अधिकारी ने कहा, “उसने दावा किया कि उसका जेल में बंद कुछ गैंगस्टरों के साथ करीबी संबंध है जो दाऊद के खिलाफ काम कर रहे हैं और आने वाले महीनों में वह उसके खिलाफ भी काम करना शुरू कर देगा।”
सतिंदर सिंह उर्फ गोल्डी बराड़ के साथ बिश्नोई के गठबंधन पर, अधिकारी ने कहा कि “अपने मित्र गोल्डी बराड़ के बारे में उसने पूछताछ के दौरान कहा कि वह उनसे 2010 में पंजाब विश्वविद्यालय के एक परिसर में मिला था, जहां बराड़ शाम के सत्र में बीए कर रहा था और कबड्डी खेला करता था। वह उस समय एथलेटिक्स में था और वो दोनों अक्सर खेल के मैदान पर मिलते थे। कुछ महीनों के बाद वे घनिष्ठ मित्र बन गये। बरार के पिता एक पुलिस अधिकारी थे और कुछ लोगों से झगड़ा होने के बाद उन्होंने अपने बेटे को आगे की पढ़ाई के लिए कनाडा भेज दिया। अब, उनके अनुसार, वह परिवहन व्यवसाय में हैं और 70 ट्रकों का संचालन कर रहे हैं।”
(जनचौक की रिपोर्ट।)
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