Sunday, April 28, 2024

खड़गे ने जारी किया मोदी सरकार के खिलाफ ब्लैक पेपर; बेरोजगारी, महंगाई और लोकतंत्र पर मंडराते खतरे को बताया अहम मुद्दा

नई दिल्ली। कांग्रेस ने मोदी सरकार के दस सालों के कार्यकाल पर ब्लैक पेपर जारी कर केंद्र पर तीखा हमला बोला है। एआईसीसी हेडक्वार्टर में बाकायदा प्रेस कांफ्रेंस कर पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने बेरोजगारी, महंगाई, लोकतंत्र पर बढ़ते खतरों को लेकर सरकार की घेरेबंदी की।

उन्होंने पत्रकारों को संबोधित करते हुए कहा कि हम आज एक ब्लैक पेपर अंगेस्ट दी गवर्नमेंट निकाल रहे हैं, क्योंकि वो हमेशा अपनी बात को जब पार्लियामेंट में रखते हैं, तो बार-बार अपनी कामयाबी को सुनाते हैं और अपनी नाकामी को छुपाते हैं और हम जब उनकी नाकामी के बारे में भी बोलते हैं, तब भी हमें, उतना महत्व नहीं दिया जाता है। इसलिए हमने सोचा कि एक ब्लैक पेपर इस सरकार के खिलाफ निकालना होगा। इस नजरिये से ये हम आपके सामने रख रहे हैं।

उनका कहना था कि मुख्य मुद्दा है बेरोजगारी। जो सबसे बड़ा मुद्दा है देश में और इसकी बात कभी बीजेपी की सरकार नही करती और ना करने से आज वो हमेशा दस साल की तुलना करने की सोचते हैं और मुझे कभी-कभी इस पर हंसी आती है, उन्होंने परसों पब्लिक सेक्टर के बारे में बात की, लेकिन यह नहीं बताया कि पंडित जवाहरलाल नेहरू जी के जमाने में एचएएल, एचएमटी, बीईएल, बीएचईएल आदि सब स्थापित हुए थे। उनके जमाने में पब्लिक सेक्टर में कितने लोगों को रोजगार मिला, कितने लोगों को अच्छी नौकरी मिली।

ये उन्होंने कभी नहीं बताया और दूसरी बात, एक तो बेरोजगारी की। देहात में भी रोजगार कम हो रहा है, क्योंकि ये नरेगा का पैसा वो रिलीज नहीं कर रहे हैं और हर स्टेट के साथ डिस्क्रिमिनेशन हो रहा है, जैसे कि कर्नाटक है, आंध्र है, जहाँ भी बोलिए या तेलंगाना है, केरल, सभी ऐसे यहाँ पर जो नॉन बीजेपी स्टेट जो हैं, उनको नकारा जा रहा है। जहां उनकी सरकार नहीं है, वहां वो कुछ पैसा नहीं देते और बाद में ये कहते हैं कि हमने तो रिलीज किया है, वो खर्च नहीं हुआ, ऐसा नहीं होता। जब-जब खर्च करते हैं, उस वक्त अगर आप तत्काल पैसा देते हैं, तब आगे का काम होता है, लेकिन वो पर्सनली लोगों को काम नहीं देना और खर्च नहीं हो रहा, ये बहुत बड़ी साजिश है, बीजेपी की सरकार में।

उन्होंने कहा कि दूसरा मुद्दा महंगाई का है। महंगाई जो इतनी बढ़ी है, उसको वो नेहरू जी के जमाने से कंपेयर करते हैं, इंदिरा जी के जमाने में प्राइस क्या थे, वो करना, अरे, आज आप क्या कर रहे हैं, वो महत्वपूर्ण है, you are ruling today. इस महंगाई को कंट्रोल करने के लिए आपने क्या कदम उठाए, ये महत्वपूर्ण है, न कि आजादी के पहले क्या था, फिर नेहरु जी ने क्या किया, इंदिरा जी ने क्या किया, राजीव जी ने क्या किया, क्योंकि कांग्रेस को तो आप गालियां देते हैं। दे दो, लेकिन ये मुख्य समस्या है महंगाई का। आपको उसको कंट्रोल करना था, उसको नहीं किया। ऐसे चंद पल्सेस हैं, आप कंट्रोल कर सकते हैं।

तेल है, आप कंट्रोल कर सकते हैं, इसेंशियल कमोडिटी जितने भी होते हैं, उसके लिए कानून है, कंट्रोल करने के लिए। लेकिन चंद ऐसे उनके लोग हैं, उनके दोस्त लोग हैं, अगर यहां पर महंगाई हो गई तो बाहर से इम्पोर्ट करते हैं, वो जहाज समुद्र में रखते हैं, जब तक यहां के प्राइस राइज नहीं होते। जब प्राइस राइज होते हैं, तब वो समुद्र से जहाज पोर्ट पर लाते हैं। पोर्ट पर लाने के बाद ही उसको वो टैक्स लगेगा, इसलिए वो भी काम ये करते हैं। यानी कि जो बड़े-बड़े जहाज होते हैं, उनको गोदाम की तरह ट्रीट करते हैं। तो ऐसे भी फायदा वो अपने दोस्तों को करके देते हैं।

खड़गे ने कहा कि तीसरा मुद्दा किसानों का है। यह हम नहीं बोल रहे हैं। किसान लोग तो धरने पर बैठे थे और किसान वहां पर एक साल तक बैठे, उनकी चिंता उन्होंने नहीं की और तीन काले कानून लाकर, फिर बाद में वापस लिए। तो इसका मतलब ये है कि समझदारी नहीं है और उससे किसानों को फंसाया जा रहा है। एक तरफ मैं एमएसपी ज्यादा कर दूंगा बोले, किसान की आमदनी ज्यादा करूंगा, ये बोले, कहां ये सब और पार्लियामेंट में उसका उत्तर या उसके बारे में कुछ नहीं बोलते हैं। न बेरोजगारी के बारे में बोलते हैं, ना महंगाई के बारे में बोलते हैं, ना किसानों के बारे में बोलते हैं। दूसरी चीजों को लाना, जो अप्रासंगिक हैं और उसी के ऊपर मोदी जी का भाषण चलता रहता है। तो ये किसान का मुद्दा भी बहुत बड़ा है और जो उनका वायदा था, डबल आमदनी करने का, वो कुछ भी नहीं है और ट्रैक्टर पर, ये एग्रीकल्चर इक्विपमेंट हैं, उनके ऊपर भी जीएसटी लगाया गया और एमएसपी की गारंटी तो छोड़ो, मोदी की गारंटी।

ये गारंटी दिखी ना जो आपने, कहा कि मोदी की गारंटी एमएसपी थी, मैं नहीं कर सका। नौकरी, दो- दो करोड़ नौकरियां हर साल देनी थी, मैं नहीं कर सका। ये मोदी की गारंटी है न, अब नई गारंटी निकली है। सामाजिक न्याय के बारे में वो बहुत बोलते हैं, मैं प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया शेड्यूल ट्राइब को बनाया, मैंने फलां को बनाया। अरे ये महत्वपूर्ण नहीं है, ये तो बनते रहते हैं तुम्हारी पार्टी की एक पॉलिसी रहती है। हमने भी बनाया, हमने तो ऐसे-ऐसे नेताओं को शेड्यूल कास्ट के प्रेसिडेंट बनाया, जो इंटरनेशनली फेमस थे। मैं क्रिटिसाइज नहीं कर रहा हूं, इनका भी महत्व मैं जानता हूं। लेकिन अच्छे पढ़े लिखे लोगों को और अच्छे इंटरनेशनली फेमस जर्नलिस्ट थे, अंबेसडर थे, फिर वाइस प्रेसिडेंट बने और उसके बाद वो प्रेसिडेंट ऑफ इंडिया बने। वो शेड्यूल कास्ट थे। तो ये बातें वहां बोलना, बाबा साहब आम्बेडकर जी के बारे में फोटो लगाए, ये बोला। ये देखो इमोशनल चीजें हैं, लेकिन आदमी को रोजगार देना, ये जरुरी है।

खड़गे ने कहा कि इसकी बात आपको करनी चाहिए, ये हम बोलते हैं और सामाजिक न्याय उस वक्त मिलता है, हर चीज में आम लोगों की भागीदारी होनी चाहिए। पब्लिक सेक्टर पर हम क्यों जोर दे रहे हैं, क्योंकि पब्लिक सेक्टर अगर ज्यादा बनें, बड़े-बड़े बने, तो उसमें रोजगार ज्यादा मिलता है और एससी, एसटी, ओबीसी का वहाँ पर एक परसेंटेज जो मिलता है, वो परमानेंट मिलता है। वो इधर-उधर भागने की, कॉन्ट्रैक्ट पर जॉब करना, डेली वेजेज करना, ये सब स्थिरता नहीं देती और खास कर उनको एक स्टेबिलिटी भी नहीं मिलती।

तो इसलिए हम चाहते थे कि पक्की नौकरी दें। गवर्नमेंट सेक्टर में दें, पब्लिक सेक्टर में दो और अगर स्मॉल स्केल इंडस्ट्री को उसमें इन्वॉल्व करना है, तो उनको इस्टैब्लिश करके उनके हाथ में दो। जैसे आप करोड़ों रुपए बड़े-बड़े कॉर्पोरेट को देते हैं। Thousands of crores लोन देते हैं। ऐसा क्यों नहीं है कि उनके धंधे के लिए, काम के लिए 5-10 करोड़ अगर जरूरी है तो उसको देकर उनको इस्टैब्लिश करो। वो नहीं करते, वो नहीं बोलते। अपनी भाषा अच्छी है और हिंदी में सब कुछ बोलकर हम निपटा लेंगे, तो उससे आर्थिक परिस्थिति भी बढ़ती नहीं, महंगाई भी कम नहीं होती, उससे रोजगार भी ज्यादा नहीं पैदा होता है।

पांचवां प्वाइंट है, लोकतंत्र पर खतरा, ये जरुर है, क्योंकि एक तो डरा-डरा कर, धमका कर इलेक्टोरल बांड से भी पैसा आप वसूल कर रहे हैं इंडस्ट्री के पास से। हमने नहीं पूछा। अरे आप चाबी फिराते हो पीछे, वो आगे आकर देते हैं। वो सब छोड़, हमने किसी को पूछा नहीं, किसी को तंग नहीं किया। तंग कैसे करते हैं, ईडी का नोटिस भेजना, सीबीआई का नोटिस भेजना, सीवीसी की भेजना और कोई ऑफिसर उनकी सुनता नहीं, तो विजिलेंस को उसकी रिपोर्ट करना। ऐसे तंग करके अपने पास लेते हैं और इलेक्टोरल बांड को लिया। फिर दस साल पहले, अगर उनकी आइडियोलॉजी भी है कि इतने पैसे जमा क्यों नहीं होते थे, अब क्यों। तो ये इनडायरेक्टली हरासमेंट, प्रेशराइज करके, तंग करके चुनाव में पैसा लेते हैं और ये पैसा डेमोक्रेसी को खत्म करने के लिए यूज कर रहे हैं।

411 एमएलए को दस साल में उन्होंने अपनी तरफ कर लिया। मैं ये नहीं कहता कि कितना पैसा देकर खरीदा, क्या किया, वो नहीं, लेकिन आपको तो मालूम है कितनी सरकारें हमारी इलेक्टेड थीं। जैसे कि मध्य प्रदेश, कर्नाटक, मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड, ये सब आप जानते हैं, कैसे किया गया है। डेमोक्रेसी को खत्म करना उनका काम है और जो लीडर बोलता है, उसको एक थ्रेट। परसों मोदी जी के भाषण के बारे में मैं कुछ बोला, तो मुझे चार-पांच कॉल्स आए, जिसमें उन्होंने गंदी-गंदी गालियां दी। हमने इसके खिलाफ पुलिस स्टेशन में रजिस्टर कराया है, जो केस है, वो देखेंगे। इससे पहले तुगलक रोड पुलिस स्टेशन में करवाया था। उससे पहले मैं दो-चार महीने रहता था, साउथ एवेन्यू में, वहाँ करवाया। अपने बैंगलोर में करवाया, सदाशिव नगर। कितना, क्यों? अरे आप बहस करो। बहस के जरिये लोगों को कन्विंस करो। ऐसे लोगों को लगाकर, डरा कर हमें कमजोर करना चाहते हैं। तो हम कांग्रेस वाले भी कमजोर होने वाले नहीं हैं, मैं भी होने वाला नहीं हूं। मैं तो इतनी कठिनाई देखकर जिंदा रहा हूं।

घर में मेरे बाप बचे थे, मैं एक बचा था। दो ही मिलकर अब 83 साल की उम्र तक मैं आया हूं और 53 साल से मैं राजनीति में हूं। एक चुनाव भी मेरा गया नहीं था, परसों एक छोड़कर। लेकिन मुझे भी गालियां देना, डिफेम करना, सोशल मीडिया में डालना, ये कर रहे हैं, करने दो। उनका काम है कि एक अगर शेड्यूल कास्ट का, वो भी जिसके पीछे कोई नहीं है, ऐसे आदमी को जो वो अगर डिफेम करना चाहते हैं, 53 साल तक कोई कलंक नहीं है, मैं 20 साल वहां मिनिस्टर था, दस साल यहां मिनिस्टर, आठ साल अपोजीशन लीडर, वहां भी अपोजीशन लीडर 18 साल रहा। तो कोई मेरी तरफ अंगुली उठा कर नहीं बोला। तो अब ये लोग डराने की कोशिश कर रहे हैं, ठीक है, डराने दो, वो बाद की बात है, हम बाद में देखेंगे, हम सिंपैथी नहीं चाहते हैं, कि हम ऐसे हैं, वैसे हैं। हम तो ये चाहते हैं कि जनता की भलाई के लिए इनको जो काम करना चाहिए वो काम नहीं हुआ, इसलिए ये हमारा ब्लैक पेपर हम आपको प्रेजेंट कर रहे हैं।

कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि दूसरा, हर जगह ईडी और सीबीआई ये लगाते हैं, देखिए, हमारा क्या हुआ, उन्होंने झारखंड की सरकार को खत्म करने का सोचा, क्या हुआ। उल्टा हमें जहां 44 थे, वो 48 हो गए। फिर एक आदमी बीमार था, प्रेजेंट 47 हो गए। क्यों करना ये एक्सपेरिमेंट, जब एक मजबूत सरकार है, उसको डराना, गिराना, फिर उनको अलग रखना, ये चीजें वो करके आगे आना चाहते हैं और बताना चाहते हैं कि हमें जनता का सपोर्ट है। जनता का सपोर्ट कहां है।

अगर जनता का सपोर्ट होता तो पूरे देश में चीफ मिनिस्टर तुम्हारे होते, ये गिरा-गिरा कर चीफ मिनिस्टर नहीं बना सकते और यहां से जो कांग्रेस वालों को ले रहे हैं, लेकर जो सरकारें बना रहे हैं और उन्हीं से गालियां दिला रहे हैं, नेहरू जी को, इंदिरा जी को, सोनिया जी को, राहुल जी को, जो अपनी पदयात्रा कर रहे हैं वो  और राहुल जी हर जगह जा रहे हैं, तो भी उसके ऊपर टीका-टिप्पणी करते हैं। राजा, क्‍या राजा… क्‍या वह राज्‍य सभा में थे कल बोले वो और उनकी वहां क्‍या गलती थी।

उन्होंने कहा कि लोक सभा मेंबर हैं वो, बोलो उन्‍हें जब वो आते हैं। तो ये जो स्‍टैंडर्ड है एक प्राइम मिनिस्‍टर, स्‍टेटसमेन के जैसे अपना आगे का विजन देना। उन्‍होंने क्‍या किया। उसको छोड़कर मैं और पांच साल आऊंगा, मैं वो करूंगा, ये करूंगा, ये तो बोल रहे हैं आप। लेकिन मेरा यही कहना है कि पिछली आपकी करतूत क्‍या हैं, आज की करतूत क्‍या हैं इसमें हम सब दिए हैं और जो ये डिवाइड, देश को डिवाइड करने की बात- साउथ और नॉर्थ को डिवाइड करने का उन्‍होंने बोला।

अरे भाई साहब मोदी जी, आप जब चीफ मिनिस्‍टर थे गुजरात के, आपने पूछा केन्‍द्र सरकार की उस वक्‍त की यूपीए गवर्नमेंट से कि 50 परसेंट टैक्‍स स्‍टेट को मिलना चाहिए और उन्‍होंने ये भी कहा टैक्‍स नहीं देना चाहिए, अगर हमको नहीं मिलता। ये भी उदाहरण उन्‍होंने दिया, 48,600 करोड़ मैं टैक्‍स देता हूं, गुजरात और मुझे 2.5 परसेंट वापस मिलता है, फिर ये डिवाइड की बात हो गई न।

उन्होंने कहा कि अगर दूसरी पार्टी के लोग बात कर रहे हैं, तो बोलो, यह तो आपने खुद बोला चीफ मिनिस्‍टर होकर और वही बात अगर दूसरा बोलता है वो देशद्रोही होता है, वो देश तोड़ने की बात करता है, तुम क्‍या किए- तुम तो देश तोड़ने की बात हमेशा किए, दंगे करवाए पीछे, लोगों को भड़काए, ऐसे-ऐसे भाषण करके भड़काए पूछो मत और वही आदमी आज ये कहता है कि साउथ-नॉर्थ का झगड़ा कर रहे हैं, देश को तोड़ना चाहते हैं। तुम कौन सी बात किए, जब चीफ मिनिस्‍टर थे।

तो वो उनको देखना चाहिए और गवर्नर तो ऐसे बने हैं कि स्‍टेट के डिक्‍टेटर्स। वो जो कहते हैं वही होना। कहीं भी गवर्नर्स को इन्‍होंने बैठाया है तो वहां सरकार को डेस्‍ट्रॉय करने के लिए बैठाया। जहां बीजेपी की सरकार है कोआपरेट करो, जहां नहीं है, उसकी फाइल्‍स वापस भेजो, पेंडिंग रखो, ये सब है इसमें। मैं ज्‍यादा आपको यहां पर और कुछ भी नहीं कहना चाहता हूं, लेकिन जो कुछ मैंने आपके सामने रखा है और इसमें पूरी डीटेल भी आप देख सकते हैं और आखिरी में एक ही बात करूंगा कि भाई कांग्रेस पार्टी ये महात्‍मा गांधी जी की पार्टी है।

उसने स्‍वतंत्रता संग्राम में भारत को एक करके 200 वर्षों के ब्रिटिश अन्‍याय से निकाला और 2024 में हम भारत को भाजपा के अन्‍याय के अंधेरे से बाहर लाएंगे इंडिया गठबंधन से और न्‍याय प्रदान करेंगे और काम करते रहेंगे। भारत के लोगों को हमने पहले भी जो वायदे किए हैं, वो वायदे हम निभाएंगे जैसे कि राइट टू वर्क, राइट टू एजुकेशन, राइट टू फूड, ये सब कानून हमने बनाए, तो वो कहे कि ये मोदी 80 करोड़ लोगों को फ्री दे रहा है।

अरे भाई हम भी दे रहे थे, उसका रेट ही था तीन रुपए, उसके बाद हर स्‍टेट ने कहीं मुफ्त किया, कोई अलग किया, लेकिन ये इतने जोर से बोलते हैं कि दूसरे समझें कि क्‍या सच बोल रहा है, लेकिन ये आंकड़े अगर आप देखेंगे, ये खर्चा अगर आप देखेंगे, तो वो आपको मालूम होगा।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

जनचौक से जुड़े

0 0 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Inline Feedbacks
View all comments

Latest Updates

Latest

Related Articles