गुजरात दंगा पीड़ितों के न्याय की लड़ाई का चेहरा जाकिया जाफरी नहीं रहीं

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नई दिल्ली। गुजरात के गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार में मारे गए पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी और उन्हें न्याय दिलाने के लिए सालों से संघर्ष करने वाली जाकिया जाफरी का निधन हो गया है। वह 96 साल की थीं। गौरतलब है कि गुलबर्ग की घटना गोधरा कांड के बाद 27 फरवरी, 2002 को घटी थी। इस घटना में जाफरी के साथ 68 दूसरे लोग भी मारे गए थे।

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक जाकिया ने अमेरिका में रहने वाली अपनी बेटी निशरीन के अहमदाबाद स्थित घर पर आज सुबह 11.30 बजे आखिरी सांस ली। इसकी पुष्टि सूरत में रहने वाले उनके बेटे तनवीर ने की। बताया जा रहा है कि उन्हें अपने पति एहसान जाफरी के बगल में दफनाया जाएगा।

बताया जाता है कि 2003 के बाद से जाकिया जाफरी नियमित तौर पर गुलबर्ग सोसाइटी नरसंहार की बरसी पर वहां जाया करती थीं। 2006 से सरकार के खिलाफ लड़ने के चलते गोधरा कांड के बाद हुए नरसंहार के पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए लड़ने वालों का वह चेहरा बन गयी थीं।

लेकिन न्याय के आखिरी दरवाजे से उन्हें निराशा हाथ लगी। 2022 में सुप्रीम कोर्ट ने उनकी उस याचिका को रद्द कर दिया जिसमें उन्होंने एसआईटी द्वारा तब के मुख्यमंत्री और मौजूदा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिए गए क्लीन चिट को चुनौती दी थी।

एहसान जाफरी उन 68 लोगों में शामिल थे, जिनकी गुलबर्ग सोसाइटी में 28 फरवरी, 2002 को दंगाइयों की एक भीड़ ने हत्या कर दी थी। 2006 में जाकिया ने पुलिस को एक शिकायत की थी जिसमें उन्होंने नरेंद्र मोदी और दूसरे राजनेताओं का नाम दिया था। लेकिन पुलिस ने उसे रजिस्टर करने से मना कर दिया था।

जाकिया ने कहा था कि जब तक मुझमें सांस है मैं अपनी लड़ाई जारी रखूंगी। 

सामाजिक कार्यकर्ता और गुजरात दंगों के पीड़ितों की लड़ाई लड़ने वाली तीस्ता सीतलवाड़ ने एक्स पर कहा कि मानवाधिकार समुदाय की एक संवेदनशील नेता जाकिया आपा 30 मिनट पहले गुजर गयीं। उनकी विजनरी मौजूदगी को राष्ट्र, परिवार, मित्र और दुनिया मिस करेगी। तनवीर भाई, निशरीन, दुरैया आपा और पोतों हम आपके साथ हैं। 

सुप्रीम कोर्ट में दायर अपनी याचिका में जाकिया ने कहा था कि एसआईटी ने बेहद महत्वपूर्ण सबूतों को दरकिनार कर दिया और एक बेहद अधूरी और पक्षपातपूर्ण जांच की। 2008 में सुप्रीम कोर्ट ने गुलबर्ग सोसाइटी समेत 9 मामलों की फिर से जांच के लिए एसआईटी गठित करने का निर्देश दिया था।

2024 के लोकसभा चुनाव के दौरान एक टेलीविजन साक्षात्कार में जाकिया ने पूछा था कि क्या आप नरेंद्र मोदी को फिर से पीएम बनाने जा रहे हैं? 

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