कमल छाप वर्दी पहने नजर आएंगे संसद के कर्मचारी, मोदी सरकार ने बदला ड्रेस कोड

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नई दिल्ली। मोदी सरकार पूरे देश को भगवा रंग में रंगना चाहती है। संघ-भाजपा सरकार शिक्षा-संस्कृति के भगवाकरण के बाद अब सरकारी कर्मचारियों के ड्रेस को भी पार्टी लाइन पर तय करने जा रही है। ताजा सूचना के मुताबिक केंद्र सरकार ने संसद कर्मचारियों की नई वर्दी पर सत्तारूढ़ पार्टी का चुनाव चिन्ह ‘कमल’ छापने का निर्देश दिया है।

कांग्रेस ने मंगलवार को मोदी सरकार के इस फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा कि भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल कल तक सड़कों और गलियों में चिपके पोस्टरों पर देखने को मिलता था लेकिन अब सरकार सरकारी कर्मचारियों के ड्रेस पर भी अपने चुनाव चिन्ह को थोप रही है।

एक्स पर पोस्ट करके कांग्रेस के मनिकम टैगोर ने सवाल उठाया है कि राष्ट्रीय पशु बाघ या राष्ट्रीय पक्षी मोर के बजाय कर्मचारियों की वर्दी में ‘कमल’ क्यों जोड़ा जा रहा है? आपको बता दें कि भाजपा का चुनाव चिन्ह कमल है। 

मनिकम टैगोर ने एक्स पर हैशटैग “#NewDressforParliamentStaff” का उपयोग करते हुए लिखा कि “केवल कमल ही क्यों? मोर क्यों नहीं या बाघ क्यों नहीं? ओह, ये भाजपा पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं हैं। ऐसा क्यों किया गया सर ओम बिड़ला।”

मनिकम टैगोर ने एक बयान में कहा कि “सरकार संसद कर्मचारियों की पोशाक में बाघ या मोर में से किसी को रखने के लिए तैयार क्यों नहीं है, क्योंकि एक राष्ट्रीय पशु है और एक राष्ट्रीय पक्षी है। लेकिन उन्होंने कमल को संसदीय कर्मचारियों के ड्रेस कोड में रखना पसंद किया, क्योंकि कमल भाजपा का चुनाव चिंह्न है।”

ये कितनी गिरी हुई हरकत है। जी-20 में भी उन्होंने ऐसा ही किया। अब भी वो ऐसा करने से पीछे नहीं हट रहे हैं और कहते हैं कि यह राष्ट्रीय फूल है।

उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि, “इस तरह की घटिया हरकत ठीक नहीं है। उम्मीद है कि भाजपा बड़े फलक पर सोचेगी और संसद को एकतरफा पक्षपात न करके लोकतंत्र को बनाए रखेगी।”

टैगोर ने कहा कि ऐसा लग रहा है मानो संसद एक पार्टी के प्रतीक का हिस्सा बनती जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि, “यह दुर्भाग्यपूर्ण है, संसद सभी पार्टियों से ऊपर है। इससे पता चलता है कि भाजपा हर दूसरी संस्था में हस्तक्षेप कर रही है।”

इससे पहले केंद्र सरकार ने देश में नेरैटिव चलाया था कि अब समय आ गया है कि देश को इंडिया नहीं भारत नाम से संबोधित करना चाहिए। हालांकि सरकार ये बात तब लेकर आई जब विपक्ष ने इंडिया गठबंधन बनाया है।

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