बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था के खिलाफ माले का स्वस्थ बिहार-हमारा अधिकार अभियान

पटना। कोविड की दूसरी लहर ने बिहार की स्वास्थ्य व्यवस्था की पोल खोल दी है। यदि यह व्यवस्था ठीक होती, तो कई लोगों की जान बचाई जा सकती थी। स्वास्थ्य का मुद्दा आज एक व्यापक जनसरोकार के मुद्दे के रूप में स्थापित हुआ है। भाकपा-माले बिहार की जर्जर व बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था को बदलने के लिए स्वस्थ बिहार-हमारा अधिकार अभियान चलाएगी। 1 जुलाई से इस अभियान की शुरूआत होगी। वर्चुअल मेथड से इस मुद्दे को लेकर उस दिन एक व्यापक जनसम्मेलन का आयोजन किया जाएगा। यह बात पटना में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में माले महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने दी।

उन्होंने कहा कि इस जनसम्मेलन में चिकित्सा पेशे से जुड़े लोगों की व्यापक भागीदारी कराने की कोशिश की जाएगी। आईएमए, डॉक्टर, नर्स, आशाकर्मियों, स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कार्यकर्ताओं और आम लोगों को इस अभियान से जोड़कर बिहार में एक व्यापक स्वास्थ्य आंदोलन का निर्माण किया जाएगा। स्वास्थ्य ढांचों में सुधार को लेकर 22 जून को पूरे राज्य में कोविड प्रोटोकॉल का पालन करते हुए अस्पतालों के सामने प्रदर्शन भी किया गया। इस आंदोलन को एक राज्यव्यापी आंदोलन बनाया जाएगा। माले महासचिव ने कहा कि कोविड वैक्सीनेशन मामले में बिहार सरकार द्वारा 6 महीने में 6 करोड़ लोगों को टीका उपलब्ध कराने की घोषणा कोविड की तीसरी लहर को नहीं रोक सकता। सरकार को तीन महीने के भीतर सबके टीका की व्यवस्था की गारंटी करनी होगी। जहां से भी हो, और जैसे संभव हो सरकार इसकी व्यवस्था करे।

उन्होंने कहा कि देश के बुद्धिजीवियों, सामाजिक कार्यकर्ताओं की साझी अपील पर कोविड-19 और अन्य सन्दर्भों में मारे गए लोगों का शोक मनाने का एक बड़ा अभियान चल रहा है। सरकारें चाहती हैं कि हम इन मौतों को भूल जायें, लेकिन हम हर एक मौत पर सवाल पूछेंगे और हिसाब लेंगे। गांव-गांव मारे गए लोगों के परिजनों से बातचीत और उनका दुख जानने का प्रयास किया जा रहा है। 27 जून को पूरे राज्य में एक बार फिर से ‘अपनों की याद’ कार्यक्रम को गांव-गांव संगठित किया जाएगा। इसमें कोविड काल में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि दी जाएगी। हमारी कोशिश है कि इस कार्यक्रम में देश के बड़े बुद्धिजीवियों को भी शामिल किया जाए। इसे लेकर प्रख्यात लेखिका अरूंधति राय से भी बातचीत चल रही है। यह कार्यक्रम हर रविवार को होगा।

पार्टी के राज्य सचिव कुणाल ने कहा कि कोविड काल में हुई मौतों की सूची बनाने का कार्य जारी है, अभी तक कुछ जिलों से जांच की एक प्राथमिक रिपोर्ट भी मिली है। भोजपुर, पटना, अरवल, जहानाबाद, सिवान, बक्सर और दरभंगा से आई प्राथमिक जांच रिपोर्ट सरकार के झूठ का पर्दाफाश करती है। हमारी पार्टी अस्पतालों का भी एक सर्वेक्षण अभियान चला रही है। यह रिपोर्ट हम जल्द ही बिहार सरकार को सौंपेंगे। हमारी मांग है कि पटना उच्च न्यायालय अपनी देखरेख में मौतों की जांच कराए। कोविड काल में हुई हर एक मौत के लिए सरकार पर 4 लाख रुपये मुआवजा देने का दबाव बनायेंगे और इसे आंदोलन का प्रमुख मुद्दा बनाया जाएगा।

मौके पर मौजूद विधायक दल के नेता महबूब आलम ने कहा कि भोजपुर में हुई जांच के मुताबिक जिले की लगभग आधी पंचायतों का सर्वे संपन्न हो चुका है। 107 पंचायतों के 247 गांवों की जांच में कोविड लक्षण से 1424 लोग मारे गए हैं। 178 अन्य मौतें हुई हैं। इस प्रकार कुल 1602 मौतों का आंकड़ा सामने आया है। इसमें कोविड की जांच महज 178 लोगों की हुई थी। एक भी व्यक्ति को अब तक मुआवजा नहीं मिला है। इस प्रोजेक्शन के आधार पर देखें तो भोजपुर जिले में कम से कम 3000 और पूरे राज्य में एक लाख से अधिक मौतें हुई हैं। दूसरी ओर, भोजपुर का सरकारी आंकड़ा महज 102 मौतें दिखा रहा है। जाहिर है कि सरकार मौत घोटाला कर रही है। जांच रिपोर्ट पूरी आ जाने के बाद सरकार का झूठ और बेनकाब होगा।

उन्होंने कहा कि अगिआंव विधानसभा के अंतर्गत सरकारी अस्पतालों की जांच की रिपोर्ट बिहार में बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था की कलई खोल देता है। विधानसभा में प्रखंड स्तर पर दो प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, एक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और तीन अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। पंचायत स्तर पर 41 स्वास्थ्य उपकेंद्र हैं। इन 41 स्वास्थ्य उपकेंद्रों में से मात्र 17 के पास सरकारी भवन हैं, जो काफी दयनीय स्थिति में हैं। डॉक्टर, नर्स, अन्य स्वास्थ्यकर्मियों व मेडिकल सुविधाओं का घोर अभाव है। ऐसी लचर स्वास्थ्य व्यवस्था आखिर कोविड के हमले को कैसे झेल सकती है?

माले नेताओं ने बताया कि 30 जून को पेट्रोल-डीजल व अन्य खाद्य पदार्थों के दाम में बेतहाशा मूल्य वृद्धि के खिलाफ वाम दलों के आह्वान पर जिला स्तरीय आंदोलन किया जाएगा। किसान संगठनों के आह्वान पर 26 जून को खेती बचाओ-लोकतंत्र बचाओ दिवस के रूप में मनाने के निर्णय का हमारी पार्टी समर्थन करते हुए अपनी कमेटियों से इसे सफल बनाने की अपील करती है।

(प्रेस विज्ञप्ति पर आधारित।)

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