Author: देवेंद्र पाल

  • हम भूमिपुत्र स्वयं अपने इतिहास के कर्ता हैं

    हम भूमिपुत्र स्वयं अपने इतिहास के कर्ता हैं

    (प्रधानमंत्री मोदी के नाम एक भूमिपुत्र का खुला ख़त) लिखतुम भूमिपुत्र, पढ़तुम प्रधानमंत्री मोदी,नमस्कार, आदाब, सत् श्री अकाल थोड़े लिखे को तुम ज्यादा ही समझना। ‘आप’ के बजाय ‘तुम’ कहकर संबोधित इसलिए कर रहा हूं, क्योंकि दिल में रंजिश हो तो आदमी ‘आप’ से ‘तुम’ और ‘तुम’ से ‘तू’ पर उतर ही आता है। तुम्हारे…

  • तानाशाही, लोकतन्त्र और खूंटियों पर संविधान

    तानाशाही, लोकतन्त्र और खूंटियों पर संविधान

    इस समय जब यह पंक्तियाँ मैं लिख रहा हूँ दिल्ली के सरहद पर एक ओर तो देश के जवान हैं और दूसरी और ‘अन्नदाता’ भूमिपुत्र किसान खड़े हैं। ‘जय जवान-जय किसान‘ के नारे के तहत देश अपने जिन दो बेटों पर फ़ख्र करता था, प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें दुश्मन शक्तियाँ बना कर आमने सामने खड़ा…

  • क्या प्रोपेगंडा मशीन को मेनस्ट्रीम मीडिया कहना वाजिब है?

    क्या प्रोपेगंडा मशीन को मेनस्ट्रीम मीडिया कहना वाजिब है?

    लो जी, बस इसी की कमी रहती थी। मोदी सरकार ने यह कमी भी पूरी कर दी। अब कॉरपोरेट मीडिया के जबड़े से बाहर जो इन्टरनेट पर पत्रकारिता की थोड़ी बहुत पवित्र जगह (प्रभाष जोशी के शब्दों में) बची थी वहाँ भी कीचड़ फैला कर ‘कमल’ खिलाने की कोशिश शुरू हो गयी है। जो राजनेता…

  • लोकतंत्र का पतन और जो बाइडेन की जीत

    लोकतंत्र का पतन और जो बाइडेन की जीत

    मशहूर अमेरिकी लेखक कर्ट वॉनगट कहा करते थे- ‘अमेरिका में दो वास्तविक राजनीतिक दल हैं, विजेता तथा पराजित’ लेकिन यह पुरानी बात हो गई। इस बार नारीवादी समाजशास्त्री और दार्शनिक जुडिथ बटलर ने वोट डालने के बाद जो बात कही वह ध्यान देने योग्य है। जूडिथ ने कहा- “जब हमने इस बार मतदान किया तो…

  • अमेरिका में लिया गया था भारत में नोटबंदी का फैसला!

    अमेरिका में लिया गया था भारत में नोटबंदी का फैसला!

    नोटबंदी के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश से पचास दिन मांगे थे, पचास की बजाए अब तो चार साल बीत चुके हैं पर हालत जस के तस बने हुए हैं। प्रधानमंत्री मोदी को अच्छी तरह से पता था, पचास दिनों में लोगों के सपनों का भारत बनने वाला नहीं है और लोग भी यह बात…

  • विश्वगुरु भारत बनेगा विश्वचौधरी अमेरिका का मोहरा!

    विश्वगुरु भारत बनेगा विश्वचौधरी अमेरिका का मोहरा!

    ‘जिस बात का खतरा है, सोचो की वो कल होगी’– दुष्यंत की ग़ज़ल का मिसरा है। जितनी तेजी से समाज बदल रहा है, दुष्यंत आज जीवित होते तो लिखते– ‘जिस बात का खतरा है, वो तो बस हुई लो समझो’। अभी हम बात कर ही रहे थे कि ‘क्या भारत बनेगा अमेरिका का आर्मी बेस’…

  • बिहार के चुनाव मेले में क्या नहीं है?

    बिहार के चुनाव मेले में क्या नहीं है?

    बिहार एक राज्य जिसे 1970 के दशक में वीएस नायपॉल ने ‘वह स्थान जहां सभ्यता समाप्त होती है’ के रूप में वर्णित किया था, उसी बिहार में चुनाव मेला पूरी तरह से सज गया है। पहले चरण का चुनाव प्रचार आज बंद हो गया है। इस चुनाव मेले की बहुत सारी खास बातें हैं जिसमें…

  • भगत सिंह कोशियारी ने किया शहीद भगत सिंह का अपमान!

    भगत सिंह कोशियारी ने किया शहीद भगत सिंह का अपमान!

    महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोशियारी ने जो किया, यह कोई पहली बार नहीं हुआ है। गटर जब गंदगी से लबालब भर जाए तो तिलचट्टे बाहर आ ही जाते हैं। आधुनिकता विरोधी जिहालत पहले भी धर्म-निरपेक्षता को बीच चौराहे पर घेर कर कूटती रही है। पहले उचक्के क्या करते थे कि कूट कर भाग जाते…

  • क्या भारत बनेगा अमेरिका का आर्मी बेस?

    क्या भारत बनेगा अमेरिका का आर्मी बेस?

    लेह के एयरबेस पर उतरते भारतीय वायुसेना के सी-17 ग्लोबमास्टर ट्रांसपोर्ट विमान की तस्वीर एक साथ देश के तकरीबन सभी अखबारों में छपी है। यह बड़ा महँगा अमेरिकी विमान है। 960 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ने वाला यह विमान जब चाहे 72575 किलो गोला-बारूद देश के एक कोने से दूसरे कोने तक पहुंचा…

  • एमनेस्टी को देश निकाला और सत्ताधारियों का फंड घोटाला

    एमनेस्टी को देश निकाला और सत्ताधारियों का फंड घोटाला

    दुनिया भर में मानवाधिकारों पर काम करने वाली संस्था एमनेस्टी इंटरनेशनल इंडिया को देश निकाला कोई छोटी ख़बर नहीं है। यह ख़बर पूरी दुनिया में जंगल में लगी आग की तरह फैल गई है। भारत में वर्षों से सफलता पूर्ण काम करने और मानवाधिकार उल्लंघन के कई महत्वपूर्ण मामलों को उठाने के बाद नागरिक स्वतंत्रता को…