Saturday, April 20, 2024

किसानों ने किया केएमपी हाईवे जाम, मेवात में प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज

नई दिल्ली। आज सयुंक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों-मजदूरों द्वारा कुंडली-मानेसर-पलवल यानी KMP हाईवे व कुंडली-गाज़ियाबाद-पलवल यानी KGP हाईवे को 24 घंटे के लिए जाम कर दिया गया। आपको बता दें कि यह हाईवे दिल्ली की सीमाओं को जोड़ता है तथा सभी बाहरी शहरों के लिए बाईपास का काम करता है। सुबह से ही किसान हाईवे पर पहुंचने लगे थे। इस सड़क को जाम करने के लिए आसपास के लोगों के साथ-साथ पंजाब व हरियाणा से नौजवान व महिलाएं भारी संख्या में पहुंचे थे। किसान नेताओं ने आज के बंद को चेतावनी के तौर पर पेश करते हुए कहा कि अगर सरकार किसानों की मांग नहीं मानती है तो इसी तरह अन्य तरीकों से सरकार पर दबाव बनाया जाएगा।

सुबह से ही गाज़ीपुर बॉर्डर व डासना प्लाजा पर किसानों ने जाम करके रखा है। किसानों ने लंगर-पानी का प्रबंध इस हाईवे पर कर लिया। टिकरी बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे किसानों ने भी KMP को जाम किया व मंच स्थापित किया। सिंघु बॉर्डर के आन्दोलनकारी किसानों की अगुवाई में KMP पर तीन जगह जाम लगाया गया।

आज किसानों का यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से शांतिमय रहा। आम लोगों के सहयोग का ही नतीजा है कि किसानों का हर कार्यक्रम सफल साबित हो रहा है। सरकार हमेशा से किसानों के आन्दोलन को हिंसक रूप में प्रदर्शित करती रही है। उधर खबर है कि आज रेवासन मेवात में प्रदर्शन कर रहे किसानों को हरियाणा पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। हालांकि बाद में किसानों के दबाव में इन किसानों को छोड़ दिया गया। कुछ किसानों के साथ मारपीट भी की गई है। मोर्चे ने हरियाणा पुलिस के इस बर्ताव की कड़ी निंदा की है। उसका कहना है कि पहले भी पुलिस की हिंसा से किसान डरे नहीं है और आगे भी नहीं डरेंगे।

किसान मोर्चा के नेताओं ने कहा कि आगामी 14 अप्रैल को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने किसानों व मजदूरों को लड़ाने के मकसद से सिंघु बॉर्डर के पास एक कार्यक्रम रखा है। वहीं हरियाणा के उपमुख्यमंत्री ने भी कैथल में एक कार्यक्रम रखा है। हरियाणा के किसान भाजपा-जजपा सरकार का लगातार सामाजिक बॉयकॉट कर रहे हैं। खट्टर सरकार इसे इस तरह पेश कर सकती है कि किसान दलितों के कार्यक्रम नहीं होने दे रहे हैं। मोर्चे ने कहा कि वह स्पष्ट करना चाहता है कि किसान किसी भी तरह से दलितों की भावनाएं आहत नहीं होने देंगे एवं साथ ही भाजपा सरकार का दलित विरोधी चेहरा भी किसी से छुपा नहीं है। पिछले समय मे इस सरकार द्वारा छात्रवृत्ति, SC-ST एक्ट, रोजगार व अन्य मसलों पर दलितों पर बेहद अत्याचार किया गया है। खट्टर सरकार का यह कार्यक्रम पूर्ण रूप से दलितों व किसानों को लड़ाने के उद्देश्य से करवाया जा रहा है। भाजपा इसमें हिंसा भी करवा सकती है। किसान हरियाणा के सभी दलित बहुजन संगठनों से अपील करते हैं कि इस कार्यक्रम में खट्टर का शांतिमय ढंग से विरोध करें।

कल 11 अप्रैल को समाज सुधारक महात्मा ज्योतिबा फुले जयंती दिल्ली मोर्चों पर मनाई जाएगी। ज्योतिबा फुले एक महान समाज सुधारक, लैंगिक न्याय के प्रेरणात्मक होने के साथ साथ किसानों के हकों के लिए भी लड़ते रहे थे। कल उनके सम्मान में सभी किसानी मोर्चों पर शोषणमुक्त समाज के लिए कार्यक्रम होंगे।

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लोकतंत्र का संकट राज्य व्यवस्था और लोकतंत्र का मर्दवादी रुझान

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