गुजरात में भाजपा के सामने क्षत्रिय समाज, आखिर यह मामला क्या है?

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लोकसभा चुनाव के लिए अब गुजरात में टेम्पो दिखने लगा है, भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी अपना जोर आजमा रही हैं, वैसे गुजरात में देखा जाए तो कांग्रेस और आम आदमी पार्टी में गठबंधन है। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सीआर पाटील पहले ही पांच लाख से ज्यादा की लीड से जीतने का दावा कर चुके हैं, और उसी दिशा में नेटवर्क भी बिछा रहे हैं, कुल मिला कर भाजपा गुजरात में आश्वस्त है, लेकिन राजकीय निरीक्षकों को इसमें भाजपा का ओवर कान्फिडेन्स दिख रहा है। क्योंकि क्षत्रिय समाज नाराज है। भाजपा अगर क्षत्रिय समाज की मांग पर झुकी तो पाटीदार समाज नाराज हो सकता है, भाजपा के लिए मानो ऐसी स्थिति है कि ‘न उगलते बनता है न निगलते’।

हाल ही में बीजेपी के दिग्गज नेता और केंद्रीय मंत्री पुरुषोत्तम रुपाला की एक कार्यक्रम में जुबान फिसल गई। उन्होंने क्षत्रिय समाज, खासकर क्षत्रिय समाज की महिलाओं के बारे में अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर दिया। जैसे ही रुपाला का यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, क्षत्रिय समाज आग बबूला हो उठा। रुपाला का विरोध शुरू हो गया, उत्तर गुजरात से लेकर दक्षिण गुजरात तक इस आग का धुंआ पहुंच गया। क्षत्रिय समाज की विरोध की यह आग पूरे राज्य में फैल गई।

भले ही पुरुषोत्तम रुपाला ने क्षत्रिय समाज से माफी मांग ली हो, लेकिन विरोध की यह आग शांत नहीं हो रही है, पूरे क्षत्रिय समाज को अलग-थलग होता देख रुपाला तो रुपाला, बीजेपी खुद बैकफुट पर आ गई। इस आग की खबर दिल्ली तक पहुंची और आदेश जारी किए गए, क्षति नियंत्रण की कवायद शुरू हुई।

क्षत्रिय समाज और बीजेपी के नेता जयराज सिंह जडेजा को कमान सौंपी गई। उन्हें किसी भी प्रकार से क्षत्रिय समाज का विरोध शांत करने का कार्य सौंपा गया। जयराज सिंह ने क्षत्रिय समाज के नेताओं की बैठक बुलाई, बैठक में रुपाला भी मौजूद थे। इस बैठक में रुपाला ने फिर से एक बार दो हाथ जोड़ कर क्षत्रिय समाज से माफी मांगी।  लेकिन फिर भी मामला शांत होने के बजाय और भी बिगड़ता जा रहा है। क्षत्रिय समाज की महिलाएं रणचंडी बनी हुई हैं।

इतना ही नहीं जयराज सिंह क्षत्रिय समाज की ओर से निर्णय लेने वाले कौन हैं? इस तरह का सवाल उठाकर विरोध को और तेज किया जा रहा है। क्षत्रिय समाज ने चेतावनी भी दी है कि अगर रुपाला की उम्मीदवारी रद्द नहीं की गई तो बीजेपी की हार तय है। रुपाला के खिलाफ ‘धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने’ के आरोप में पुलिस में शिकायत भी दर्ज की गई है। भाजपा ने इस विरोध को देखते हुए रूपाला के साथ-साथ डमी उम्मीदवार के तौर पर मोहन कुंडारिया का फार्म भरवाया है।

गुजरात की राजनीति को दशकों से देखने वाले राजनीतिक विशेषज्ञों की मानें तो यह विरोध बेवजह नहीं है, भले ही रुपाला ने माफी मांग ली हो, विरोध बरकरार रखने में क्षत्रिय समाज की और भी एक वजह है। सच तो यह है कि क्षत्रिय समाज समेत सवर्ण समाज के वोटर पहले से ही बीजेपी के साथ हैं। इन्हीं के वोटों के दम पर बीजेपी गुजरात में करीब 30 साल से राज कर रही है। इसी तरह पाटीदार समुदाय का समर्थन भी बीजेपी को पहले से ही मिलता रहा है। गौरतलब है कि, वर्ष 2017 में पाटीदार समुदाय में आरक्षण की मांग को लेकर बड़ा आंदोलन हुआ जो हिंसक हो गया और बीजेपी उस चुनाव में बड़ी मुश्किल से जीत पाई थी।

राजनीतिक समीक्षक क्षत्रिय समाज के विरोध को कुछ इसी तरह से देख रहे हैं। पिछले कुछ समय से पाटीदार और ओबीसी समुदाय के प्रति बीजेपी का झुकाव बढ़ा है। जिसे देखकर क्षत्रिय समाज का आक्रोशित होना स्वाभाविक है। विरोध चरम पर है, अब करणी सेना की महिलाएं भी मैदान में उतर आई हैं और धमकी दी है कि अगर 48 घंटे के अंदर रुपाला की उम्मीदवारी रद्द नहीं की गई तो जौहर किया जाएगा।

बीजेपी का थिंक टैंक डैमेज कंट्रोल की कवायद में जुटा हुआ है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि बीजेपी के पास कोई विकल्प नहीं बचा है, अगर रुपाला के खिलाफ कार्रवाई की गई तो पाटीदार समुदाय के नाराज होने का खतरा है, वहीं दूसरी ओर क्षत्रिय समुदाय किसी भी बात पर विश्वास नहीं करता दिख रहा, भाजपा मुश्किल में है, खतरा यह है कि जल्दबाजी करने में गुजरात में लोकसभा चुनाव में नतीजे उलट सकते हैं। बीजेपी के गुजरात प्रदेश अध्यक्ष कह रहे हैं कि, रुपाला ने तीन बार क्षमायाचना की है, अब क्षत्रिय समाज को बड़ा दिल दिखाते हुए उन्हें माफ कर देना चाहिए।

गौरतलब है कि, आरोपों और सत्ता विरोधी लहर के कारण बीजेपी पहले भी गुजरात की पूरी सरकार को कुर्बान कर चुकी है, रुपाला तो सिर्फ केंद्रीय मंत्री हैं, जरूरत पड़ने पर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व रुपाला के सामने सख्त हो सकता है, या उन्हें समझा सकता है। बीजेपी के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि शीर्ष नेतृत्व ने फैसला कर लिया है। अगले 24 घंटे में बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व कोई चौंकाने वाला फैसला सुनाए तो वह आश्चर्यजनक बात नहीं होगी।

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