नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को न्यूज़ क्लिक के संस्थापक प्रबीर पुरकायस्थ की स्थिति को लेकर…
लोकतंत्र के चित्त में चौसर की बिसात बिछ गई है! हम एक असंभव दौर से गुजर रहे हैं!
पूरे देश में अभाव और अकाल का कोलाहल है। आंदोलन है। हाहाकार है। मोटरी-गठरी संभालते हुए, जनता बेजार है। एक…
कमलनाथ न घर के रहे, न घाट के!
यह बात और है कि मौजूदा मोदी सरकार के इस अमृतकाल में हर चीज संभव है। चाहे वह किसी भ्रष्ट…
सामाजिक अन्याय और आर्थिक अन्याय के द्वंद्व विकार और सामाजिक लोकतंत्र की व्यथा कथा
अभी-अभी अयोध्या के भव्य और दिव्य मंदिर में रामलला की प्रण-प्रतिष्ठा का आयोजन शांतिपूर्वक संपन्न हुआ है। और अब किसान…
भगवान राम: दिव्य आत्मा से हिन्दू राष्ट्रवाद के नायक
इस साल 22 जनवरी को एक अत्यंत भव्य आयोजन में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अयोध्या में भगवान राम की प्रतिमा…
गिरोही चरित, छल-छलावा-छर्रा का खन-खन और छम-छम के माहौल में लोकतंत्र बेदम
अभी-अभी देश में इतने धूमधाम से धीर, उदात्त ललितचरित के आदर्श- मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान की प्राण-प्रतिष्ठा हुई है और इधर…
संविधान को नजरअंदाज करने की गारंटी है पीएम मोदी की गारंटी
आजकल एक नया जुमला सुनाई देने लगा है। मोदी की गारंटी। आखिर यह क्या चीज है? नरेन्द्र मोदी देश के…
भारत रत्न बना राजनीतिक सहयोगी फंसाने का चारा !
बाकी भले देश की माली और समाजी दरो-दीवारों पर सब्जा उग रहा हो और सारी उम्मीदें बयाबां में मुंह छुपाये…
ऐसे निरुद्वेग सूत्रीकरणों का क्या लाभ?
चौदह फ़रवरी के ‘टेलिग्राफ’ में प्रभात पटनायक की एक टिप्पणी है- (नव-उदारवाद से नव-फासीवाद ) गोपनीय संपर्क । From neoliberalism…
डबल्यूटीओ की मुट्ठी में कैद है भारतीय किसानों की किस्मत
पिछले 20-21 सालों में 3,50,000 किसान आत्महत्या कर चुके हैं, तीन काले क़ानूनों के खिलाफ एक साल से अधिक समय…