बनारस जिसे वाराणसी और काशी भी कहा जाता है, जहां धर्म और संस्कृति की गूंज होती है, वहां इन दिनों…
मिथकों को इतिहास बनाने की संघ परिवार की साजिश
पिछले एक वर्ष से सोशल मीडिया पर सिन्धु घाटी सभ्यता की एक तथाकथित सील (मिट्टी की मोहर), जिस पर गाय…
‘हमें अधिक साहसी और निडर न्यायाधीशों की आवश्यकता है, तभी संविधान जीवित रहेगा’: न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां
महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश न्यायमूर्ति अभय एस. ओका के सम्मान में आयोजित विदाई…
संयुक्त राष्ट्र संघ पूरी तरह कमजोर हो गया है, विश्व शांति के लिए गंभीर नए प्रयासों की आवश्यकता
दुनिया में विश्व शांति के लिए अनेक प्रयास किए गए, लेकिन उन्हें सीमित सफलता ही मिली। टिकाऊ शांति स्थापित करने…
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग पर विश्वास का संकट
उत्तराखंड लोक सेवा आयोग (यूकेएसएसएससी) द्वारा रविवार, 29 जून को आयोजित उत्तराखंड सम्मिलित राज्य सिविल/प्रवर अधीनस्थ सेवा (प्रारंभिक) परीक्षा – 2025 में मात्र 50.47 प्रतिशत अभ्यर्थी ही परीक्षा केंद्रों तक पहुंचे यानी लगभग 49.53 प्रतिशत या 50,000 से अधिक अभ्यर्थियों ने परीक्षा में भाग नहीं लिया, जबकि उन्होंने इसके लिए आवेदन अवश्य किया था पिछले वर्ष 2024 में इसी परीक्षा में 47.67 प्रतिशत ही परीक्षार्थी उपस्थित हुए थे,जबकि आवेदकों की कुल संख्या करीब 1.5 लाख थी।इस बार आवेदन संख्या घटी है 1,01,964 अभ्यर्थियों ने आवेदन किया लेकिन अनुपस्थित रहने वालों की संख्या अब भी लगभग आधी बनी हुई है। सरकार और आयोग इसे “बारिश के बावजूद भागीदारी में वृद्धि” कहकर अपनी पीठ खुद ठोक रहे हैं।लेकिन इस सतही संतोष के पीछे कुछ गहरे और चिंताजनक सवाल छिपे हैं। आखिर, बेरोजगारी के इस युग में जब अग्निवीर योजना के तहत महज़ चार साल की नौकरी के लिए हजारों युवा दौड़ते-भागते हैं, …
बिहार में मतदाताओं का गहन पुनरीक्षण नागरिक अधिकार से वंचित करने की कोशिश- एआईपीएफ
लखनऊ। भारत निर्वाचन आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले मतदाताओं का कराया जा रहा विशेष गहन पुनरीक्षण अभियान…
‘बाहरी ताकतों’ के कारण सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम की सभी सिफारिशों पर अमल नहीं होता : जस्टिस दीपांकर दत्ता
सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता ने शनिवार को टिप्पणी की कि जो बाहरी ताकतें कॉलेजियम की सिफारिशों पर…
रूस की जंग में फंसे भारतीय नागरिक: वैश्विक आक्रोश और भारत की चुप्पी
नई दिल्ली। 126 भारतीय नागरिकों को सुनहरे सपनों का झांसा देकर रूस भेजा गया, जहां उन्हें जबरन रूसी सेना में…
पहलगाम के आतंकियों के स्केच गलत, एनआईए ने खोली पोल!
ये जानकारी एनआईए से आई है कि गृहमंत्रालय ने जिन तीन आतंकियों के आनन फानन में स्केच जारी करवा कर…
इमरजेंसी के दौरान वचन पत्र या माफीनामे पर क्यों किए आरएसएस के तमाम नेता हस्ताक्षर?-भाग 2
18 अक्टूबर, 1977 को महाराष्ट्र विधानसभा में चर्चा के दौरान इंदिरा गांधी के साथ देवरस के पत्राचार के साथ ही…